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किशनगंज : जिला स्तरीय बैंकर्स परामर्शदात्री समिति की बैठक में सभी बैंकर्स को प्रभारी डीएम ने अधिकाधिक कृषि ऋण स्वीकृति के दिए निर्देश

वर्तमान वित्तीय वर्ष में शत प्रतिशत लक्ष्य प्राप्ति का निर्देशकिशनगंज, 06 जून (के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, वित्तीय वर्ष 2022-23 के चतुर्थ तिमाही का बैंकिंग जिलास्तरीय परामर्शदात्री समिति (डीएलसीसी), जिलास्तरीय समीक्षा समिति (डीएलआरसी) और जिला स्तरीय आर सेटी सलाहकार समिति (ग्रामीण स्व नियोजन प्रशिक्षण संस्थान सलाहकार समिति, डीएलआरएसी) की बैठक जिला परिषद सभागार में प्रभारी जिलाधिकारी स्पर्श गुप्ता की अध्यक्षता में आहूत की गई। उक्त बैठक में क्रमवार साख जमा अनुपात (सीडी रेशिओ), वार्षिक साख योजना, कृषि, किसान क्रेडिट कार्ड, सरकार प्रायोजित विभिन्न योजनाओं, जीविका, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना, मुद्रा योजना, स्टैंड अप इंडिया, आत्म निर्भर योजना, स्टार्ट अप इंडिया, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, स्व निधि योजना, नीलाम पत्र, सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना आदि कार्यों की प्रगति और उपलब्धि की समीक्षा की गई। बैंको के स्तर पर लंबित कार्यों और समस्याओं पर भी चर्चा हुई।सर्वप्रथम बैठक की शुरुआत रंजीत कुमार एसडीसी (बैंकिंग) किशनगंज के द्वारा उपस्थित सभी बैंकर्स एवं पदाधिकारियों का अभिवादन कर किया गया। बैठक में सभी बैंक के जिला समन्वयक एवं जिला प्रशासन के संबद्ध विभाग के अधिकारीगण उपस्थित थे। जिलाधिकारी ने बैंकों के सीडी रेशियो एवं एसीपी के आँकड़ों पर असंतोष जताया गया तथा सुधारात्मक निर्देश दिए गए। प्रभारी डीएम ने बैठक में आवेदको को ऋण स्वीकृति उपरांत मार्जिन मनी व ऋण राशि निर्गत करने में बैंको के स्तर से धीमे कार्यों पर अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए निर्देश दिया कि सभी बैंक यह सुनिश्चित कराएं कि उनका सीडी रेसियो 40% से नीचे नहीं रहे। यद्यपि जिला का सीडी अनुपात 75.74% रहा। पिछले वित्तीय वर्ष में राज्य स्तर पर सीडी रेश्यो 53.01% के अनुपात में काफी अच्छी रही। अपेक्षाकृत लक्ष्य के विरुद्ध कम एसीपी वाले बैंको को सुधार लाने का निर्देश भी दिया गया। सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, केनरा बैंक, एसबीआई, यूको बैंक, पीएनबी का परफॉरमेंस बहुत बुरा रहा। तदनुसार बैठक में समीक्षा हुई तथा सुधार लाने का निर्देश दिया गया। एसीपी में जिले की उपलब्धि 92.53% रही। बैंको के प्रदर्शन में सुधार के निमित एलडीएम इंद्र भूषण को निर्देशित किया गया कि प्रखंड स्तर पर भी इस तरह की बैठक नियमित रूप से कराए, बैंकर्स को बुलाकर उनके कार्यों की समीक्षा करें। सभी बैंक क्रेडिट कैंप का आयोजन करें। जीविका के अन्तर्गत स्वयं सहायता समूहों से प्राप्त आवेदन पर कार्रवाई की समीक्षोपरांत आवेदन पर नियमानुसार निर्णय लेकर त्वरित निष्पादन का निर्देश दिया गया। बैंको के द्वारा केसीसी के मामले में कृषि भूमि सत्यापन के संबंध में कतिपय समस्या बताने पर विभागीय नियमो को आलोक में ऑनलाइन भू स्वामित्व प्रमाण पत्र के आधार पर कार्रवाई करने एवम आवश्यकतानुसार बैंकिंग उप समाहर्त्ता, रंजीत कुमार को समन्वय हेतु निर्देशित किया। किसान सम्मान निधि के सभी किसानों के बैंक खाता में आधार सीडिंग प्राथमिकता आधार पर एक सप्ताह में करने का निर्देश दिया गया। एनपीए के मामलो में संबंधित नीलाम पत्र पदाधिकारी से संपर्क कर वसूली का निर्देश दिया गया। बैठक में किसान क्रेडिट कार्ड पर जोर देते हुए प्रभारी जिलाधिकारी ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना के तहत सभी कृषकों के पास केसीसी संभवतः नहीं है, अतएव ऐसे किसानों से जो किसान सम्मान योजना का लाभ उठा रहे हैं, उन्हें केसीसी मुहैया करवाई जाए ताकि किसान को लाभ मिल सके। प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना (पीएमईजीपी) और पीएमएफएमइ पर प्रमुखता से जोर दिया गया एवं बताया गया की बैंक के स्तर से अच्छा कार्य किया जा रहा है, परंतु रोजगार सृजन अधिकाधिक हो, इसलिए ऐसे ऋण को लक्ष्य से ज्यादा बढ़कर स्वीकृत करने की आवश्यकता है। इस वित्तीय वर्ष का लक्ष्य निर्धारित कर सहमति प्राप्त की गई। प्रभारी जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि लोन देने में बैंक सक्रिय भूमिका अदा करें। उन्होंने कहा कि प्रत्येक बैंक को स्वतः न्यूनतम एक लोन आवेदन स्वीकृत करना है।अस्वीकृति के बिंदु पर निर्देश दिया गया कि अस्वीकृति से पहले आवेदक को कारण बताये तथा कमियों को दूर करने का तरीका बताये। प्रभारी डीएम ने कहा कि सभी बैंक सीएसआर (कमर्शियल सोशल रिस्पॉन्सिबलिटी) के तहत अपने सामाजिक दायित्वों के निर्वहन में जिला प्रशासन को सूचित कर समन्वय से ही कार्य करें। सभी बैंकर्स को इसमें सक्रिय भूमिका निभाने का आवश्यकता है। सर्टिफिकेट केस में सभी को निर्देश दिया गया कि जागरूक होकर अपना अपना रिपोर्ट समय पर संबंधित सर्टिफिकेट पदाधिकारी को दे ताकि राजस्व वसूली हो। डीडीएम नाबार्ड, दयाशंकर तिवारी ने PLP (संभाव्यता युक्त ऋण योजना), नवगठित एफपीओ के बारे में विस्तार से बताया।संभाव्यतायुक्त ऋण योजना और नाबार्ड के कार्य पर गहरी नाराजगी प्रकट करते हुए डीडीएम/नाबार्ड को कड़ी फटकार लगाई गई। कार्यों में सुधार लाते हुए कार्य निष्पादन का निर्देश दिया गया।एसबीआई, आर सेट्टी के निर्देशक ने एसबीआई स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान का वार्षिक एक्शन प्लान के आलोक में प्रशिक्षण कार्यक्रम के बारे में बताया। आरसेटी प्रशिक्षुओं को लोन स्वीकृति, वित्तीय वर्ष 2022-23 की वार्षिक कार्य योजना (25 ईडीपी द्वारा 750 अभ्यर्थियों को प्रशिक्षित करने का प्लान) के आलोक में उपलब्धि से अवगत कराया गया। साथ ही, आरसेटी सलाहकार समिति के अन्तर्गत प्रशिक्षण कार्य की समीक्षा की गई। प्रशिक्षण उपरांत लाभार्थियों को नियोजन/सेटलमेंट पर विस्तृत चर्चा हुए एवम कार्य संतोषप्रद रहा। निर्देशक आरसेटी को निर्देशित किया गया कि प्रशिक्षुओं के लोन दिलवाने हेतु एलडीएम से समन्वय कर लंबित आवेदनों का निष्पादन कराए। बैठक में एसडीसी (बैंकिंग) रंजीत कुमार, जिला कृषि पदाधिकारी कृष्णनंदन चक्रवर्ती, जीएम, डीआईसी अनिल मंडल, एलडीएम इंदु शेखर, एजीएम आरबीआई, आरएम, यूबीजीबी, एसबीआई, निर्देशक आर सेटी, डीडीएम नाबार्ड, सभी बैंक के जिला समन्वयक, जिला पशुपालन पदाधिकारी, डीपीएम जीविका, बैंक प्रबंधक उपस्थित हुए।

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