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सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के द्वारा अंतर्राष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष -2023 पर परिचर्चा सह जागरूकता कार्यक्रम का किया गया आयोजन।।..

त्रिलोकी नाथ प्रसाद:-सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार के केंद्रीय संचार ब्यूरो, गया के द्वारा आज भभुआ के संयुक्त कृषि केंद्र भवन में अंतर्राष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष-2023 विषय पर परिचर्चा सह जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसका उद्धघाटन मनोज जायसवाल प्रखंड विकास पदाधिकारी, भभुआ, रेवती रमन सिंह जिला कृषि पदाधिकारी, कैमूर, उद्यन डी डी एम नाबार्ड,कैमूर, अभिषेक कुमार अनुमंडल कृषि पदाधिकारी, मोहनिया, मनीष कुमार अनुमंडल कृषि पदाधिकारी, भभुआ डॉ सदानंद रॉय, वरीय वैज्ञानिक, कैमूर विज्ञानं केंद्र डॉ अमित कुमार सिंह, कैमूर विज्ञान केंद्र नवीन सिंह परियोजना निदेशक, भभुआ एवं अन्य गणमान्य अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मनोज कुमार जयसवाल प्रखंड विकास पदाधिकारी ने कहा कि केंद्रीय संचार ब्यूरो, सूचना प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा आयोजित यह जागरूकता कार्यक्रम के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष-2023 विषय पर आयोजित कार्यक्रम काफी सराहनीय है। उन्होंने कहा मोटा अनाज के महत्व और उपयोगिता के बारे में अपने भोजन में मोटा अनाज जैसे जोआर, बाजरा, मारुआ, चीना, कोदो, मक्का आदि का उपयोग करना चाहिए, जिससे आपका शरीर मज़बूत होगा।

कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख सदानंद राय ने कहा कि आज मोटा अनाज पर इस जागरूकता कार्यक्रम के माध्यम से किसानों में इसके उत्पादन बढ़ाने के लिये जोड़ दिया जा रहा और भोजन में इसके इस्तेमाल पर भी आने वाले दिनों में यदि हमको खेती से पैसा कामना है तो हमको मोटे अनाजों का उत्पादन बढ़ाना होगा। डॉ अमित कुमार सिंह कैमूर विज्ञान केंद्र, भभुआ ने कहा कि इस तरह के परिचर्चा के आयोजन से किसानों में भारत सरकार द्वारा चलाए जा रहे अभियानों के प्रति जागरूकता आती है। यदि हम सब अपने भोजन में मोटा अनाज के उपयोगिता से बहुत सारे बीमारियों से बच सकते है। इसको मोटा अनाज इसलिए कहा जाता कि यह मोटा नहीं होता है बल्कि इसमें पोषक तत्व ज्यादा पाया जाता है।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रेवती रमण जिला कृषि पदाधिकारी, भभुआ ने कहा कि वर्ष 2023 को विश्व स्तर पर अंतर्राष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है, भारत ने इसका प्रस्ताव दिया था और इसे संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अनुमोदन किया है । मोटे अनाज के प्रति लोगों में यदि जागरूकता बढ़ता है तो हम सब बहुत सारी बीमारियों से बच सकते है। यहाँ उपस्थित किसानों से आग्रह करना चाहता हूं कि आप लोग मोटे आनाज की खेती करें और भोजन में उपयोगिता भी बढ़ाये। अभिषेक कुमार, अनुमंडल कृषि पदाधिकारी, मोहनिया ने मोटा अनाज के खेती की उपयोगिता के बारे में बताया कि अगर आप धान की खेती करते है तो अत्यधिक पानी की आवश्यकता होती है जबकि मोटा अनाज के खेती में इतनी पानी की आवश्यकता नहीं होती है, और बाजार भाव भी ज्यादा मिलता है। कैमूर में मोटे अनाज के उत्पादन की बहुत संभावनाएं हैं। इसके उत्पादन में अगर तेजी आएगी तो आम लोग भी इसका प्रयोग तेजी से करेंगे। इसके लिए भारत सरकार मोटे अनाज के उत्पादन के लिए कई योजनाएं लेकर आ रही है, इस तरह के जागरूकता अभियान से मोटे अनाज के प्रति लोगों में जागरूकता पैदा होगी।

वहीँ, उद्यान डी डी एम नाबार्ड भभुआ ने कहा कि मोटा अनाज की उपयोगिता प्राचीन काल से होता रहा है इसके प्रति सिर्फ जागरूकता लाने की आवश्यकता है, इस तरह की कार्यक्रम करते रहना चाहिए। इस कार्यक्रम में प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया, जिसमें किसान एवं स्कूली बच्चों ने भाग लिया और विजेताओं को अतिथियों द्वारा पुरस्कृत किया गया साथ ही चित्रांकन प्रतियोगिता के विजेताओं को भी पुरस्कृत किया गया।

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से पंजीकृत सांस्कृतिक दल द्वारा मोटा अनाज पर गीत का भी आयोजन किया गया। कार्यक्रम के पूर्व जागरूकता रैली का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में बच्चों ने भाग लिया । यह रैली संत लॅारेंट्ज इंग्लिश स्कूल,भभुआ से संयुक्त कृषि केंद्र भभुआ में समाप्त हुई। कार्यक्रम में अतिथिओं का स्वागत तथा विषय प्रवेश सहायक क्षेत्रीय प्रचार अधिकारी बलंद इक़बाल ने किया । कार्यक्रम का संचालन ऑल इंडिया रेडियो के स्थानीय संवाददाता श्रीकांत पांडेय ने किया और धन्यवाद ज्ञापन बलंद इक़बाल ने किया ।

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