District Adminstrationब्रेकिंग न्यूज़राज्य

मैं नहीं, हम मनाये दीपावली।

दीपावली 2022 पर विशेष

मोतिहारी/धर्मेन्द्र सिंह, यूँ तो हम सबों के लिए दीवाली का त्यौहार हमेशा से ख़ास होता है, कई मीठी और अच्छी यादें जुडी रहती है इसके साथ..पर कभी-कभी दीवाली किसी त्यौहार का नाम नहीं होता, तब दीवाली केवल-एक मुस्कान का नाम होता है। कभी-कभी दीवाली होती नहीं केवल छप्पन पकवानों से, तब दीवाली केवल-भरे पेट सोने का नाम होता है! कभी-कभी दीवाली सोना-चाँदी खरीद कर नहीं मनाई जाती, तब दीवाली-तन पर कपड़ों की एक दूसरी जोड़ी महसूस करने का नाम होता है। कभी-कभी दीवाली अपनों को महंगे उपहार बाँट कर नहीं मानती, तब दीवाली-किसी बेसहारा कंधे पर हाथ रख सहारा देने का नाम होता है। कभी-कभी दीवाली के बिना भी दीवाली हो जाती है, तब जब कोई इंसान इंसानियत का जश्न मना रहा होता है।

दीवाली: एक दीप – खुशियों के नाम

एक तरफ जहां दीपों की लड़ियाँ जला कर, अपने परिवार के साथ-मिठाईयों और पटाखों के संग यह त्योहार मनाया जाता है, पर ऐसे कई सारे घर (बस्तियों) है, जहाँ दीवाली पर्व पर दीपक बनते और बिकते जरूर है, पर जल नही पाते…घरों में साफ़-सफाई और रंग-रोगन जरुर होता है पर खुद के घर अंधेरों में ही रह जाते हैं…मिठाइयाँ बनती तो जरुर है पर बनाने वाले हाथों को नसीब नहीं होती…नए कपडे सिलते जरुर हैं, पर सिलने वाले चीथड़ों में ही रह जाते हैं..पटाखें बेचे जरुर जाते हैं पर खुद के बच्चे पटाखों की आवाज़ से महरूम रह जाते हैं..शायद ऐसी ही किसी कोशिश में हम सब मिलकर इस वर्ष एक पहल करें ताकि दीपावली का दीपक वहाँ भी रोशनी लाये जहां के जरूरतमंद लोग अपने घर को रोशन करने के लिये दिन रात जी-तोड़ काम कर रहे है और जो फिर भी शायद पूरा नहीं पड़ता…!

इस वर्ष वास्तविक दीपावली हम मनायें-अपने घर कुछ कम कर के दीपो को…औरो के घर भी हम दीप जलाएं, इस साल कुछ परायों के साथ अपनेपन को सेलिब्रेट करे, प्यार को सेलिब्रेट करे, सौहार्द और भाईचारगी को सेलिब्रेट करे, भेद मिटाये, रिश्ते बनाये और उन्हें पूरी शिद्दत के साथ निभाएं।

कुछ छोटे छोटे प्रयास-प्यार पाने के लिये जैसे बिस्कुट, लड्डू, फ्रूटी, मोमबती, चॉकलेट, खील-बताशे इत्यादि उन बच्चो में बांटे जो हमको आते-जाते टुकर-टुकर देखते रहते है, आस के साथ- भरोसे के साथ, हम उन्हें साथ लाएं और यही सच्ची दिवाली होगी…बदले समाज को हम, लाये नए विचार को और कुछ वहाँ से भी खरीदें और उन सामानों को खरीदें जहाँ लगे की कुछ खरीदने से उनके स्वाभिमान की रक्षा होगी, उनके घर में भी दीप जलेगें, खुशियाँ बटेंगी, वो भी भर-पेट भोजन कर सकेंगे, दीवाली सहित अन्य त्यौहार मना सकेंगे, अपना और अपने बच्चों के भविष्य का कुछ भला सोच सकेंगे।

शुरुआत करें अगर कुछ अच्छा लगे…जो है-जहाँ है, जोड़े आपस में दीपों की कड़ी…मैं नहीं, हम मनाये दीपावली।

जिंदगी तस्वीर भी है और तकदीर भी..!
फर्क तो सिर्फ रंगो का है
मनचाहे रंगो से बने तो तस्वीर,
और अनजानो की दुआ से बने तो तकदीर..!

आपात स्थिति से बचाव का पूरा इंतज़ाम रखें, दिए गए निर्देशों का पालन करें, अपनी तथा अपने परिवार की रक्षा-सुरक्षा का ख्याल रखें..आप सभी को दीवाली 2022 की पुनश्च: कोटि कोटि शुभकामनाएं…

डॉ० कुमार आशीष
एसपी पूर्वी चंपारण, मोतिहारी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button