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किशनगंज : जिले में गर्भवती, धात्री महिलाओं, किशोरियों एवं बच्चों को मिल रहा है वीएचएसएनडी सत्र का लाभ।

किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, जिले में सभी प्रखंडों के आंगनबाड़ी केंद्रों पर ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण दिवस (वीएचएसएनडी) सत्र का लाभ गर्भवती व धात्री महिलाओं, किशोरियों एवं बच्चों को मिलने लगा है। सत्र में मौजूद गर्भवती, धात्री, किशोरी एवं बच्चों की माताओं को उम्र के अनुसार पोषक तत्वों की आवश्यकता, आहार को सन्तुलित बनाने, उपलब्ध खाद्य सामग्री को मात्रा के हिसाब से सेवन करने, सही तरीके से स्तनपान, स्वस्थ पोषण व्यवहार, गांव-घर में उपलब्ध संसाधनों में से पौष्टिक आहार कैसे तैयार करें, पोषण वाटिका का महत्व इत्यादि के संबंध में विस्तार से बताया गया। महिलाओं, किशोरियों एवं बच्चों को स्वास्थ्य एवं पोषण सुविधाओं के साथ परामर्श भी दिया जा रहा है। जिले के शहरी क्षेत्र के तांती बस्ती वार्ड संख्या 26 में आयोजित वीएचएसएनडी सत्र के दौरान गर्भवती महिला प्रीति देवी ने बताया कि यहाँ से अस्पताल की दूरी ज्यादा है। घर के सभी लोग कार्य हेतु बाहर हैं। मैं अकेले अस्पताल जाने में सक्षम नहीं हूँ लेकिन मेरे घर के निकट है आंगनबाड़ी केंद्र में मुझे टीडी का पहला टीका मिल जाने से मुझे परेशानी से मुक्ति मिल गयी। साथ ही एएनएम् दीदी के द्वारा बीपी, वजन आदि की जांच की गयी। साथ ही आयरन व कैल्सियम की गोली भी मुझे दी गयी है। इसके अलावा खाना, खाने की मात्रा बढ़ाने, खाने में हरी पत्तेदार सब्जी, चना, गुड़, दाल, दूध, मोटे अनाज, मौसमी फल तथा आयरन व कैल्सियम की गोली कब और कैसे खायें के बारे में भी मुझे परामर्श दिया गया। वहीं विक्की कुमार अपने सात माह के बच्चे को भी तीसरा टीका दिलवाने पहुँचा था। उन्होंने बताया कि मैं 03 माह से बाहर गया हुआ था। इसलिए तय समय पर अपने बेटे को टीका नहीं दिलवा सका, लेकिन आज गुरुवार को सेविका दीदी के द्वारा जानकारी देने पर मैं अपने बेटे को टीका दिला पाया हूँ। बहादुरगंज प्रखंड के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. रिजवाना तबस्सुम ने बताया कि वीएचएसएनडी सत्र में लाभार्थियों को आत्मनिर्भर बनने तथा स्वयं के साथ आसपास के लोगों में भी स्वस्थ व्यवहार के प्रति जागरूकता लाने हेतु प्रोत्साहित किया जाता है। स्वास्थ्य एवं पोषण लाभ के लिए वीएचएसएनडी सत्र बेहद महत्वपूर्ण है। उन्होंने बताया, सत्र में बच्चों का वजन कर टीकाकरण कार्ड में अंकित किया जाता है। साथ ही उनके माता पिता को बच्चों के पोषण स्तर की जानकारी दी जाती है। बच्चों की सही देखभाल, स्वच्छता का विशेष ध्यान रखने, छह माह तक केवल स्तनपान एवं छह माह से ऊपर के बच्चों को मां के दूध के साथ ऊपर का आहार कब, कितना और कितनी बार खिलायें, बच्चों के आहार को और पौष्टिक कैसे बनाएं इत्यादि की विस्तार से जानकारी दी जाती है। जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ देवेन्द्र कुमार ने जिले के कोचाधामन प्रखंड में कोल्ड चैन के निरीक्षण के बाद बताया कि अब ग्रामीणों को वीएचएसएनडी सेवा के साथ ई-टेलीमेडिसिन की सेवा भी उपलब्ध कराई जा रही है। जिसका लाभ गर्भवती महिलाओं के साथ साथ धात्री महिलाएं और किशोरियां भी उठा रही हैं। खासकर गर्मी के मौसम में सुदूर ग्रामीण इलाकों की लाभार्थियों के लिए ई-टेलीमेडिसीन काफी सुविधाजनक साबित हो रही है। सुदूरवर्ती गांव के लोगों को इस सेवा से काफी लाभ मिलने लगा है। जिले में कई ऐसे सुदूर क्षेत्र हैं, जहां से स्वास्थ्य केंद्रों की दूरी ज्यादा होने के साथ ही हर समय चिकित्सीय सलाह लेना मुश्किल लगता था। लेकिन अब तो घर बैठे फोन करके भी सलाह या दवा मिलनी शुरू हो चुकी है। ऐसे में टेलीमेडिसीन यहां के लोगों के लिए वास्तव में संजीवनी साबित हो रही है। लाभार्थी महिलाओं को अब चिकित्सीय परामर्श के लिए पीएचसी या सदर अस्पताल जाने की जरूरत नहीं पड़ रही है। अब वो ई-टेलीमेडिसीन के मध्यम से ऑनलाइन चिकित्सकों को अपनी बीमारी और परेशानियों से अवगत कराकर उचित परामर्श और इलाज ले रही हैं।

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