भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री पद्मश्री डॉ०सी०पी०ठाकुर ने कहा कि जनगणना का आधार जाति नहीं बल्कि आर्थिक आधार होना चाहिए। प्रधानमंत्री पर जातिय जनगणना के लिए दबाब बनाना उचित नहीं है।

त्रिलोकी नाथ प्रसाद:-डॉ०ठाकुर ने कहा हमारी स्पष्ट समझ है कि जनगणना अगर हो तो अमीरी और गरीबी के आधार पर हो। जातीय जनगणना समाज को बांटने की साज़िश है।
डॉ०ठाकुर ने कहा हमारा संदेश पूरे विश्व के लिए वसुधैव कुटुंबकम् का संदेश देता है। जाति में समाज को बांटने का क्या मतलब है? सभी भारत माता के संतान हैं। हमारे पार्टी का स्टैंड है सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास।
डॉ०ठाकुर ने कहा गरीब और अमीर हर जाति में होते हैं। गरीबी की कोई जाति नहीं होती, गरीब ‘गरीब’ होता है। आवश्यकता है कि देश में जाति नहीं बल्कि गरीबी के आधार पर जनगणना हो।
डॉ०ठाकुर ने कहा बिहार में अभी बहुत काम करना बाकी है। जरूरत है बिहार में उद्योग, शिक्षा व स्वास्थ्य जैसे सेवाओं को सुदृढ़ करने का। इसलिए जनगणना के बजाय इन चीजों पर फोकस करने की जरूरत है।
डॉ०ठाकुर ने कहा दुनिया बहुत आगे निकल चुकी है, और हम अभी भी जात-पात पर ही अटके हैं। जाति आधारित जनगणना से देश को कोई फायदा नहीं होगा। जनगणना समाज हित के लिए हो, राजनीतिक हित के लिए नहीं।