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हमारे देश का सर्वागिण विकास तभी संभव हैं जब देश में पत्रकार सुरक्षा कानून शख्ती से लागू हो और पत्रकारों की पक्ष की सुनवाई हेतू भी देश में स्वतंत्र आयोग की गठन हो।

सभी लोग मुकदमा जनता के लिए लड़े ,यह संभव नहीं है।

अनिल कुमार मिश्रा-भ्रष्ट प्रशासनिक अधिकारियो एवं विचौलियो द्वारा पत्रकार के विरूद्ध फर्जी एवं तथ्य से परे तथ्य हीन मुकदमें को दर्ज कराने तथा झुठे मुकदमे को सत्य करार दे देने की परिपाटी से खुलेआम भ्रष्टाचार व अपराधजगत का बढ़ा मिला है। पत्रकारों के विरूद्ध झूठे मुकदमों की परिपाटी से तत्काल पत्रकारों को परेशानी तो बढ़ जाता है और अपने कार्यो के प्रति समय देने के जगह पत्रकार कोर्ट -कचहरी का अनवाश्यक भाग दौड़ में लग जाते है तथा न्याय पाने के लिए अनवाश्यक रूप से भी कोर्ट- कचहरी का चक्कर लगाने के लिए विवश होते है।भ्रष्ट पदाधिकारियों नेताओं व विचौलिया के विरूद्ध जो पत्रकार आवाज उठाते है वह पत्रकार इनके टारगेट बनते है। भ्रष्ट प्रशासनिक अधिकारियों और इनके चहेते बिचौलिया द्वारा एक पत्रकार के विरूद्ध अभी तक 06 से अधिक एससी/ एसटी एक्ट का मनगढ़ंत मुकदमा को दर्ज करना , विचौलियो को खड़ा कर पत्रकार के विरूद्ध दर्जनो से अधिक मनगढ़ंत मुकदमा को दर्ज किया जाना तथा प्रशासन से रंगदारी की माँग जैसे मिथ्या आरोप में पत्रकार के विरूद्ध तथ्यहिन मुकदमा लाना। इस बात का गवाह है कि भ्रष्टाचारी जो चाहे वही इस देश में संभवं है और न्याय ब्यवस्था की नाम पर अच्छे लोगों का दोहन की ब्यवस्था इस देश में है।

ईट का जबाब जब पथर से भ्रष्ट अधिकारियों को इस देश में मिलता है तो जन मानस के सामने हकियत भी आ ही जाते है। फिर कुछ राहत भी मिलता । किन्तू सभी लोग मुकदमा जनता के लिए लड़े ,यह संभव नहीं है । यही कारण है की अधिकांश क्षेत्रिय पत्रकार दलाली का रास्ता तय करते जा रहे है जो राष्ट्र के लिए खतरा का संकेत है।

हम सभी पत्रकार सरकार से माँग करते हैं कि पत्रकारों के विरूद्ध सरासर झुठे व तथ्यहिन दर्ज फर्जी मुकदमें की उच्च स्तरीय जाँच राज्य व देशहित में केन्द्र व राज्य सरकार स्वतंत्र एजेंसियों से कराये या खुद कमीटी बनाये तथा जाँच मे झुठे मुकदमें को सत्य करार देने वाले भ्रष्ट पुलिस अधिकारियों पर संज्ञान लेते हुए सरकार कार्रवाई करे, तभी सच्चाई जन मानस के सामने आयेंगे और बढ़ते भ्रष्टाचार , अपराधीक घटनाएँ तथा घटनाओ की पुनरावृति पर रोक लगेंगे। ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए समाज के प्रबुद्ध लोगो को भी जनहित में काम कर रहे पत्रकारो को तन- मन- धन से साथ देना होगा और प्रेमचंद के तरह सहयोग करना होगा। तभी क्षेत्रिय मीड़िया के लोग सच्च बोलने का साहस जुटा पायेंगे ।
सभी प्रशासनिक अधिकारी या मीड़िया के लोग भ्रष्ट है ऐसी बात भी नहीं है फिर भी अंग्रेज भगाओ आंदोलन के तरह देश में भ्रष्टाचार व भ्रष्टाचारी भगाओ आंदोलन को तेज करना होगा और जयहिन्द भौज का गठन कर सतासिन हिटलरों को सता से भी भगाना होगा । तभी देश के नागरीक आजाद भारत में आजाद होंगे, अन्यथा अंग्रेजो के रहनुमें भ्रष्ट अधिकारी और नेता अपने आप को सबसे बड़ा बनने के लिए देश व समाज को लुटने का काम करते रहेंगे और एक दिन मीड़िया वाले भी राजदरवार का पवरिया बन कर जी हाँ जी लला करते दिखाई देंगे ।
देश को अपराध व भ्रष्ट्राचार का आकंठ व आतंक से मुक्ति दिलाना है तो पत्रकार प्रोटेक्शन एक्ट शख्ती से लागू करना होगा और पत्रकार तथा क्षेत्रीय समाज सेवियों को सरकार की ओर से प्रोत्साहन भत्ता राष्ट्रहित में भी लागू करना होगा तभी हमारा देश का सर्वागिण विकास संभव हैं।

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