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अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2025: “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य” थीम पर जिलेभर में होंगे विशेष योग शिविर

सिविल सर्जन और जिलाधिकारी ने योग को दिनचर्या में शामिल करने का किया आह्वान

किशनगंज,20जून(के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, आधुनिक जीवनशैली की आपाधापी और मानसिक-शारीरिक तनाव के बीच योग आज मानव जीवन को संतुलन और स्वास्थ्य देने का प्रभावी साधन बनकर उभरा है। इसी क्रम में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2025 इस वर्ष “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य” की वैश्विक थीम पर मनाया जाएगा, जिसका उद्देश्य सम्पूर्ण मानवता के समग्र स्वास्थ्य और प्राकृतिक संतुलन की दिशा में जागरूकता बढ़ाना है।

इस अवसर पर किशनगंज जिले के सभी सीएचसी, आयुष्मान आरोग्य मंदिर, हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर सहित स्वास्थ्य केंद्रों पर विशेष योग शिविरों का आयोजन किया जाएगा। इन शिविरों में आमजन के साथ सीएचओ, एएनएम, आशा कार्यकर्ता एवं अन्य स्वास्थ्यकर्मियों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की गई है।

योग को जीवनशैली में शामिल करें: सिविल सर्जन

सिविल सर्जन डॉ. राज कुमार चौधरी ने योग दिवस की पूर्व संध्या पर कहा कि “योग केवल शारीरिक व्यायाम नहीं, बल्कि यह मानसिक सशक्तिकरण और आत्मिक उन्नति का मार्ग है।” उन्होंने बताया कि नियमित योगाभ्यास से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, तनाव घटता है और जीवन ऊर्जा का संचार होता है। योग अब केवल भारत ही नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर स्वास्थ्य संरक्षण का आधार बन चुका है।

“योग से संभव है मानसिक और शारीरिक समस्याओं से मुक्ति” — जिलाधिकारी

जिलाधिकारी विशाल राज ने जिलेवासियों से अपील करते हुए कहा कि वर्तमान समय में नींद न आना, चिंता, पीठ दर्द जैसी समस्याएं आम हो गई हैं और योग इन सभी के लिए एक प्राकृतिक एवं प्रभावी समाधान है। उन्होंने बताया कि योग न केवल शरीर को लचीला बनाता है, बल्कि ध्यान और प्राणायाम के माध्यम से मन को भी शांत करता है। छात्रों के लिए योग एकाग्रता बढ़ाने, नींद की गुणवत्ता सुधारने और मानसिक स्पष्टता प्राप्त करने में उपयोगी है।

उन्होंने “योग” शब्द की परिभाषा देते हुए कहा कि यह संस्कृत के “युज” धातु से निकला है, जिसका अर्थ है मन, शरीर और आत्मा का एकीकरण। यह स्वास्थ्य का समग्र दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है।

प्राणायाम की महत्ता पर विशेष बल

अनुलोम-विलोम, कपालभाति, और भ्रामरी प्राणायाम जैसे अभ्यासों को लेकर जिलाधिकारी ने बताया कि ये न केवल फेफड़ों को मजबूत करते हैं, बल्कि रक्त में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ाकर मानसिक संतुलन बनाए रखने में मदद करते हैं। भ्रामरी प्राणायाम विशेष रूप से अवसाद, चिंता और क्रोध को नियंत्रित करता है।

योग का वैज्ञानिक प्रभाव

सिविल सर्जन ने कहा कि योग नींद की गुणवत्ता, पाचन तंत्र, रक्तचाप और हृदय गति को नियंत्रित करने में वैज्ञानिक रूप से प्रभावशाली सिद्ध हुआ है। इसके माध्यम से मोटापा नियंत्रण, जोड़ों की मजबूती और हड्डियों की ताकत में सुधार होता है। उन्होंने विशेष रूप से कहा कि हृदय रोग, मधुमेह और उच्च रक्तचाप जैसी बीमारियों के खिलाफ योग प्रभावी हथियार है।

योग: भारत से विश्व तक

योग भारत की हजारों वर्षों पुरानी सांस्कृतिक धरोहर है, जिसे ऋषियों ने आत्मिक जागृति के लिए विकसित किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयास से वर्ष 2014 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में घोषित किया, जिसे आज 193 देश मनाते हैं।

योग सिर्फ एक दिन नहीं, जीवन का अभिन्न हिस्सा बने

जिलाधिकारी और सिविल सर्जन दोनों ने आमजन से अपील की कि योग को केवल 21 जून तक सीमित न रखें, बल्कि इसे दैनिक जीवन का हिस्सा बनाएं। उन्होंने कहा—“स्वस्थ तन, शांत मन और ऊर्जावान आत्मा — योग ही है इस त्रिवेणी का संगम।”

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