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*बोधगया में होगी ‘बौद्ध ध्यान एवं अध्यात्म केंद्र’ की स्थापना*

⦁ 165.44 करोड़ रुपये की परियोजना स्वीकृत
⦁ आधुनिक सुविधाओं से युक्त होगा ‘बौद्ध ध्यान एवं अध्यात्म केंद्र’
⦁ बिहार के पर्यटन उद्योग को मिलेगी नई ऊंचाई

त्रिलोकी नाथ प्रसाद/बिहार के बोधगया में ‘बौद्ध ध्यान एवं अध्यात्म केंद्र’ की स्थापना होगी। इस परियोजना के लिए 165.443 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गये हैं। इसे स्वदेश दर्शन 2.0 योजना के तहत मंजूरी दी गई है, जिसके लिए पहली किस्त के रूप में 16.54 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं।

*केसरिया स्तूप से प्रेरित होगा डिजाइन*

पर्यटन मंत्रालय की मंजूरी और निगरानी समिति (सीएसएमसी) ने 27 मार्च 2025 को आयोजित बैठक में इस परियोजना को हरी झंडी दी है। इसके तहत राज्य सरकार बोधगया के पवित्र वातावरण को ध्यान में रखते हुए एक विशेष ध्यान एवं अध्यात्म केंद्र विकसित करेगी, जिसका डिजाइन प्राचीन बौद्ध वास्तुकला विशेष रूप से बिहार के केसरिया स्तूप से प्रेरित होगा।
*परियोजना की मुख्य विशेषताएं*

*बौद्ध धर्म के अनुयायियों और पर्यटकों के लिए ध्यान एवं अध्यात्म केंद्र :*

⦁ इस केंद्र का उद्देश्य बौद्ध धर्म के अनुयायियों और पर्यटकों को ध्यान, साधना और आध्यात्मिक शांति का अनुभव कराना होगा।

*परंपरागत बौद्ध वास्तुकला से प्रेरित डिजाइन :*

⦁ केंद्र का ढांचा प्राचीन बौद्ध स्तूपों के आधार पर विकसित किया जाएगा, जिससे यह न केवल पर्यटकों को आकर्षित करेगा बल्कि बोधगया के धार्मिक महत्व को भी बढ़ाएगा।

*आधुनिक सुविधाओं से युक्त ध्यान केंद्र :*

⦁ ध्यान साधना के लिए विशेष कक्ष, बौद्ध धर्म से संबंधित डिजिटल प्रदर्शनियों समेत कई सुविधाएं मिलेगी।

*आर्थिक और पर्यटन क्षेत्र में योगदान :*

⦁ इस परियोजना से स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा और बोधगया के पर्यटन उद्योग को भी नई ऊंचाइयां मिलेंगी।

*वित्तीय प्रबंधन और कार्यान्वयन*

इस परियोजना को लागू करने की जिम्मेदारी बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम लिमिटेड (बीएसटीडीसी) को दी गई है। भारतीय पर्यटन विकास निगम (आईटीडीसी) को इस योजना की केंद्रीय नोडल एजेंसी नियुक्त किया गया है। पहली किस्त के रूप में 16.54 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं और आगे की धनराशि योजना के दिशा-निर्देशों के अनुसार जारी की जाएगी।

*बिहार में पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा*

बोधगया दुनिया भर के बौद्ध अनुयायियों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है। ‘बौद्ध ध्यान एवं अध्यात्म केंद्र’ की स्थापना से बिहार में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और बोधगया को एक वैश्विक आध्यात्मिक केंद्र के रूप में विकसित करने में सहायता मिलेगी।

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