*नहीं रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं बिहार के पूर्व राज्यपाल बूटा सिंह।।*

जितेन्द्र कुमार सिन्हा, पटना, 02 जनवरी :: पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं बिहार के पूर्व राज्यपाल बूटा सिंह का शनिवार को एम्स में निधन हो गया। वे लम्बे समय से बीमार चल रहे थे। ब्रेन हेमरेज होने के कारण उन्हें अक्टूबर में एम्स में भर्ती कराया गया था। वे 86 वर्ष के थे।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए 02 जनवरी (शनिवार) को राज्य में राजकीय शोक की घोषणा की।बूटा सिंह नवम्बर, 2004 से जनवरी 2006 तक बिहार के राज्यपाल थे।
पंजाब के बड़े दलित नेता के रुप में जाने जाते थे बूटा सिंह। कांग्रेस की शासन में कई सरकार में बूटा सिंह शामिल थे। उन्हें गृह मंत्री की जिम्मेदारी भी सौंपी गई थी। वे 1984 से 1986 तक कृषि मंत्री तथा 1986 से 1989 तक गृह मंत्री की जिम्मेदारी सम्भाला था। 2007 से 2010 तक राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष भी रहे थे। 2014 की लोकसभा चुनाव के समय बूटा सिंह ने कांग्रेस पार्टी छोड़कर समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए थे।
उनका जन्म 21 मार्च, 1934 को पंजाब के जालंधर जिले के मुस्तफापुर गांव में हुआ था। वे 1962 से 2004 के बीच 8 बार लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए थे।
फरवरी,2005 के बिहार विधानसभा चुनाव में 15 वर्षों के लालू-राबडी देवी के शासन का अंत के साथ त्रिशंकु परिणाम आया था। जब बिहार राजनीतिक बदलाव के दौर से गुजर रहा था। राज्यपाल बूटा सिंह की सिफारिश पर हीं 23 मई 2005 को बिहार विधानसभा भंग हुई थी। इस समय राज्यपाल और केंद्र की भूमिका भी कई सवालों के दायरे में था। क्योंकि विदेश में राष्ट्रपति के रहने के बावजूद बिहार में राष्ट्रपति शासन लागू हुआ था । उस समय नीतीश कुमार दूसरी बार बिहार के मुख्यमंत्री बनने से चूक गए थे।
बूटा सिंह के निधन पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी शोक व्यक्त किया है।
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