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ठाकुरगंज : प्रतिबंधित कोडिन सिरप विक्रेता दिलशाद गिरफ्तार भेजा गया जेल

मामले में आरोप है कि सरपंच द्वारा दिलशाद से मारपीट किया गया। जिस पर पुलिस ने दो मामला दर्ज किया। पहला दिलशाद पर कांड संख्या 25/23 दूसरा सरपंच मजहर आलम पर 26/23 दर्ज कर गिरफ्तार दिलशाद को रविवार 10 सितंबर को न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया

किशनगंज, 10 सितंबर (के.स.)। फरीद अहमद, जिला के ठाकुरगंज प्रखंड अंतर्गत सुखानी थाना क्षेत्र से बीते 9 सितंबर शनिवार को तातपौआ पंचायत के सरपंच मजहर आलम सहित ग्रामीणों ने कोडिन सिरप विक्रेता दिलशाद को प्रतिबंधित कोडिन कफ सिरप के 41 बोतल, 100 एमएल का पकड़ कर सुखानी पुलिस के हवाले किया गया। इस संबंध में पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि मो० रसमुद्दीन फैज ने का बताया कि नशा मुक्ति अभियान के तहत पंचायत को नशा मुक्त करने के तहत यह कार्य किया गया। उक्त गिरफ्तार युवक पिछले तकरीबन 4 वर्षो से प्रतिबंधित कोडिन सिरप बेचने का काम करता आ रहा है और बच्चों से होम डिलीवरी करवाता रहा। अंततः पकड़ा गया और सुखानी पुलिस के हवाले हुआ। मामले में सुखानी पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार 8 सितंबर को गुप्त सूचना के आधार पर जब छापेमारी की गई तो निक्करबाड़ी मो० अंजार पिता इस्माइल के घर के आंगन में बने झोपड़ी से कोडिन सिरप 41 बोतल पाया गया। उक्त संबंध में जब पुलिस ने वहां उपस्थित लोगों से पूछताछ की तो लोगों ने बताया कि उक्त प्रतिबंधित कोडिन सिरप दिलशाद पिता स्व० शेर मोहम्मद अंडाबारी थाना सुखानी जिला किशनगंज के द्वारा लाया गया है। लेकिन दिलशाद घर से फरार पाया गया। 9 सितंबर को सुबह सरपंच मजहर आलम सहित ग्रामीणों ने दिलशाद को पुलिस के हवाले किया। उक्त मामले में नया मोड़ यह देखने को मिल रहा है कि जब पुलिस थाना में दिलशाद को लाया गया तब थाना में बैठा दिलशाद को यह देखा गया कि उसके सिर पर चोट लगी हुई है सिर फटा हुआ है खून बह रहा है। जिसपर पुलिस द्वारा उपचार भी कराया गया। उक्त मामले में आरोप है कि सरपंच द्वारा दिलशाद से मारपीट किया गया। जिस पर पुलिस ने दो मामला दर्ज किया। पहला दिलशाद पर कांड संख्या 25/23 दूसरा सरपंच मजहर आलम पर 26/23 दर्ज कर गिरफ्तार दिलशाद को रविवार 10 सितंबर को न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया। इस संबंध में सरपंच मजहर आलम का कहना है कि नशा मुक्ति अभियान के तहत कोडिन सिरप विक्रेता दिलशाद को प्रतिबंधित सिरप के साथ ग्रामीणों सहित मैंने पुलिस के हवाले किया और वह बिल्कुल सही सलामत था। भीड़ में क्या हुआ मुझे कुछ नहीं पता और मुझे फंसाने के उद्देश्य से मुझ पर मामला दर्ज किया गया है अगर ऐसा ही रहा तो नेक काम के लिए कोई भी जनप्रतिनिधि प्रशासन की मदद कैसे करेगा ?

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