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पटना : विगत 15 वर्षों से बंटाने नहर का बुरा हाल करके रखा है नीतीश सरकार:-डॉ० सुरेश पासवान

पटना/रणजीत कुमार सिन्हा, बिहार सरकार के पूर्व मंत्री एवं राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ सुरेश पासवान ने कहा है कि औरंगाबाद जिला के तीन प्रखंड नवीनगर, कुटुंबा और देव के लिए अति महत्वाकांक्षी सिंचाई परियोजना बंटाने शीर्ष परियोजना को नीतीश कुमार की डबल इंजन वाली सरकार अधर में लटका कर रखे हुए हैं।वैसे तो इस परियोजना को सुरु हूए 36 वर्ष हो गए लेकिन अभी तक किसानों के सामने यक्ष प्रश्न खड़ा है कि क्या इस नहर से खेतों में पानी मिलने का सपना साकार हो पायेगा ? विहार सरकार के घोर उदासीनता के वजह से हडियाही नहर का निर्माण अभी तक अधर में लटका हुआ है।किसानों को भगवान भरोसे छोड़ दिया गया है।जबकि यह इलाका अति नक्सल प्रभावित इलाकों में आता है।इस नहर को सर्वोच्च प्राथमिकता देकर निर्माण कार्य पूरा किया जाना चाहिए था लेकिन यह परियोजना लुट का बाजार बनकर रह गया और उपर से लेकर नीचे तक चाहे सरकारी अधिकारी हो या अभियंता सबके सब हडियाही नहर के साथ सौतेला व्यवहार कीया है।इस परियोजना के निर्माण कार्य पूरा नहीं होने के लिए जन प्रतिनिधि चाहे सांसद हो, विधायक हो या सरकार के मंत्री सबके सब बराबर के जिम्मेवार है।हां समय समय पर ख़बरों में बने रहने के लिए केवल छपते रहना ही अपना राजधर्म समझते हैं।यानी जले पर नमक छिड़कने का काम करते रहते हैं।हडियाही संघर्ष समिति भी आंदोलन करते करते थक चुका है चूंकि सरकार को तो जन समस्याओं को लेकर किया जाने वाला हर आंदोलन को कुचलने में महारत हासिल है।इसलिए वर्तमान बिहार सरकार से किसानों को अब कोई उम्मीद नहीं है कि हडियाही नहर के अधूरे कार्य को पूरा किया जा सकेगा।इसलिए की इनका कार्य काल समाप्ति की ओर है।डॉ० पासवान ने कहा है कि अगर 2020 में हमारी सरकार बिहार में बनती है तो मैं इसे सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए एक वर्ष के अंदर बंटाने शीर्ष परियोजना (हडियाही नहर) के अधूरे कार्यों को पूरा कराकर तीनों प्रखंडों के हर खेत तक पानी पहुंचाने का काम करूंगा।चूंकि पंद्रह वर्षों से बंटाने शीर्ष परियोजना के बंद काम को 1997-98 में तत्कालीन राबड़ी देवी सरकार के द्वारा मैंने ही सुरू करवाने काम किया था।अगर वर्ष 2000 में तत्कालीन केंद्र की भाजपा सरकार जिसमें नीतीश कुमार मंत्री थे, के द्वारा बिहार राज्य का बंटवारा नहीं होता तो वर्ष 2003-04 मे ही कार्य पूरा कराकर तीनों प्रखंडों में सिंचाई उपलब्ध करा दिया गया होता।

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