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जिले के बिगड़ती स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा किया गया मीटिंग।।..

भोजपुर जिला केे MLA,MLC,DM,सिविल सर्जन के साथ जिले की बिगड़ती स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा मीटिंग की गयी जिसमे अगिआंव विधायक मनोज मंज़िल भी शामिल हुए। मनोज मंज़िल ने कहा कि जिले में मंरीज़ों की सहायता के लिए मैं खुद कैम्प कर रहा हूं। अपने विधानसभा सहित दूसरे विधानसभा क्षेत्रो में

अस्पतालों,आरा,जगदीशपुर,उदवंतनगर, सदर अस्पताल आरा सहित,अनुमंडलीय कोविड अस्पताल जगदीशपुर,रेफेरल अस्पताल जगदीशपुर,सहित जिले के अनेकों स्वास्थ्य केंद्रों का लगातार निरीक्षण कर रहा हूँ। पूर्व में भी अपने मांग पत्र में जिलाधिकारी भोजपुर को जिले के अस्पतालों एवं स्वास्थ्य केंद्रों में व्यपात कुव्यवस्था को लेकर युद्ध स्तर पर काम करने की बात कह चुका हूं। मीटिंग में अपनी बात रखते हुए कहा कि आरा सदर अस्पताल में 10 बेड के वेंटिलेटर युक्त ICU की व्यवस्था क्यों नहीं है। सभी वार्डो में पाइप लाइन के द्वारा ऑक्सीजन सप्लाई हो ताकी ऑक्सीजन की बर्बादी को रोका

जा सके। HRCT,CBC,CRP और D डायमर(खून की नली में थक्का जम जाता है,जिससे लंग्स चौक हो जाता है और हार्ट अटैक हो जाता है जिससे मरीज की मृत्यु हो जाती है) टेस्ट की सुविधा अभी तक अस्पताल में क्यों नहीं हो पायी। जबकि राज्य के स्वास्थ्य मंत्री जिले के प्रभारी हैं। सभी जांचों की मुफ्त में व्यवस्था हो। भर्ती मरीजों का RTPCR टेस्ट अस्पताल के अंदर उपलब्ध हो ,मंरीज़ों को जांच केंद्र पर ले जाने में अनेकों मरीजों की मौत हो जाती है। सदर अस्पताल में 300 बेड का कोविड वार्ड बनाया जाए। फ्लो-मीटर,ऑक्सीजन

मास्क,नेबुलाइजर की उचित मात्रा में व्यावस्था क्यों नहीं है। चरपोखरी में 25 बेड का कोविड वार्ड बनाया जाए। अनुमंडलीय अस्पताल में 50 बेड का कोविड वार्ड बनाया जाए। कोविड किट में मात्र पेरासिटामोल,अज़ीथ्रोमाईसिन और विटामिन-सी दी जा रही है। लिवोसेट्रीजीन और मल्टीविटामिन,डॉक्सी,जिंक 20 मिलीग्राम,और गैस की दवाई नहीं दी जा रही है। आधे से भी कम दवाइयां स्वास्थ्य केंद्रों में कोविड किट में दी जा रहीं है। सभी दवाइयां अभी तक क्यों उपलब्ध नहीं हैं। जीवन रक्षक दवाइयां जैसे डेक्सोना क्यों उपलब्ध नहीं हैं। कोविड से संबंधित 75 प्रतिशत दवाईयां मंरीज़ों को बाहर से खरीदनी पड़ती है। कोई जांच की सुविधा उपलब्ध नहीं है। ECG की व्यवस्था क्यों नहीं है।

डॉक्टर मंरीज़ों का आंख,नब्ज देखकर उन्हें मृत घोषित कर रहे हैं जिससे डॉक्टरों को परेशानी उठानी पड़ रही है। मंरीज़ों के चेस्ट इन्फ़ेक्सन को दूर करने के लिए नेबुलाइजर की व्यवस्था क्यों नहीं है। प्राइवेट अस्पतालों जैसे हेल्थ रिबेन,सुनीलम अस्पताल में निगरानी टीम,धावा दल तैनात रहे,ताकि प्राइवेट अस्पतालों में व्याप्त लूट खसोट बंद किया जा सके। ये अस्पताल केवल ऑक्सीजन और बेड के लिए मंरीज़ों से प्रतिदिन दस हजार रुपये वसूलते है,दवाइयां अलग से खरीदनी पड़ती हैं। ये अस्पताल आपदा को अवसर में बदल कर मंरीज़ों को लूट रहे हैं। डॉक्टरों की मोबाईल टीम,धावा दल काम करे,जिस क्षेत्र में कोविड मंरीज़ों की संख्या ज्यादा है वहां मंरीज़ों के घर जा के इलाज कर सकें। एम्बुलेन्स की उचित संख्या में व्यवस्था हो,अस्पताल के इमरजेंसी सहित सभी वार्डों को रोज सैनीटाइज किया जाए। स्वास्थ्य मंत्री जो कि जिले में प्रभारी है,जिले में सेंटर करें,ताकि लोग उनसे मिल सकें। इस कोविड महामारी में राशन की कालाबाजारी पर रोक लगे,डीलरों की मांग मानते हुए हड़ताल को खत्म किया जाये। इलाज संबंधित हेल्पलाइन विकसित हो ताकि मरीज अपने इलाज से संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकें। सदर अस्पताल और अनुमंडलीय

अस्पतालों में ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर स्थापित किया जाए ताकि ऑक्सीजन की कमी को दूर किया जा सके। अगिआंव स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी अक्सर स्वास्थ्य केंद्र से क्यों गायब रहते हैं। जितनी बार स्वास्थ्य केंद्र का निरीक्षण करने गया कभी भी उपस्थित नहीं पाये गए। कोरोना महामारी में लोगों की मदद करने के लिए भाकपा-माले,आइसा-इनौस की टीम जल्द जनता से फंड का कलेक्शन करने विधानसभा क्षेत्र में जाएंगे ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों की मदद की जा सके। ऐसे हालात जिसमे लोगों का जान जीवन का सवाल है हम सबकुछ सरकार के भरोसे नहीं छोड़ सकते ।

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