भोजपुर : डिलेभरी उपरान्त डॉक्टर की लापरवाही से नवजात शिशु का मौत।मौत के बाद किया गया प्रसुता सहित बच्चे को रेफर।पैसे लेकर होती है सरकारी अस्पताल मे इलाज..

भोजपुर/गुड्डू कुमार, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र गडहनी का चर्चा जोर शोर पर है।गुरुवार को डिलेभरी के बाद बच्चे और उसकी माँ को शरीर के कई हिस्से मे सुई देकर किया गया शरीर को छलनी।जी हाँ यह सच्ची घटना है एक औरत अपनी आप बीती कहानी सुना रही।महिला द्वारा बताया गया कि गुरुवार को जब मै स्वास्थ्य केन्द्र दिखाने पहुंची तो डाक्टर और एएनएम द्वारा बताया गया कि डिलेभरी का समय हो गया है उसके बाद दवा चलाकर डिलेभरी करा दिया गया जबकि आठवाँ माह ही चल रहा था।उसके बाद नवजात शिशु को कई सुई दिया गया गया।सुई देने के दो घंटे के बाद बच्चे की स्तिथि बिगड़ने लगी।एएनएम चंद्रकांती द्वारा पैसे की मांग की जा रही थी। मरीज द्वारा पैसे की थैली से सारे के सारे पैसे निकाल लिए गए जिसमे कुल 1300 सौ रुपये रखा हुआ था।बच्चे की हालत बिगड़ते-बिगडते बच्चा मौत के गोद मे समा गया। बच्चे की स्थिति को माप कर एएनएम ने डॉक्टर को सूचना दिया डॉक्टर के देखने के बाद रेफर कर दिया गया उसके बाद दूसरा मामला ब्यूटी कुमारी पति पप्पू शर्मा ग्राम कुरकुरी निवासी शुक्रवार को डिलीवरी उपरांत 1200 सौ रुपया घुस के रूप में लिया गया और 2300 सौ रुपया दावा वगरैह में खर्च हुआ कुल 3500 सौ रुपया ख़र्चा उपरांत नोंरमल डिलीवरी का खर्चा सरकारी अस्पताल में कर्मचारियो द्वारा बेखोफ होकर खुलेआम ली जा रही है।जिसकी शिकायत चिक्तिसा प्रभारी पदाधिकारी से करने के बाद भी डॉक्टर रीता शर्मा द्वार अंशुनी की जा रही है।जिसके कारण अस्पताल में एएनएम आशा सहित अन्य कर्मचारियों के मिली भगत से मरीजों को सरेआम लूटा जा रहा है।डॉक्टर की लापरवाही एवं एएनएम की मनमानी के कारण अस्पताल की विधि व्यवस्था में भारी कमी देखी जा रही है।चिकित्सा प्रभारी बताती है की एएनएम द्वारा लिया जा रहा पैसा गलत नही है ऐसा सभी अस्पतालो में हो रहा है।स्वास्थ्य विभाग की दुर्दशा पर मरीजो को रोना आ रहा है पीएचसी गडहनी की स्थिति बद से बतर बनती जा रही है।इसपर अस्पताल प्रसासन का धयान नही जा रहा है।सरकार का दावा फेल होता नजर आ रहा है मरीज इलाज के अभाव में मर रहे है। बाहरी दवावो का प्रयोग किया जा रहा है।उस अस्पताल में दवाओं की कमी पाई जा रही है समुचित व्यवस्था नही होने के कारण मरीजो के परेशानियों के दौर से गुजरना पड़ रहा है।देखा जाय तो आज गरीबो औऱ असहाय लोगो के साथ इलाज के नाम पर सोशन किया जा रहा है, ऐसा लगता है।जैसे माँ बहन बेटी के गर्व से जन्म लेते समय भी घुस लेते होंगे ऐसे भ्र्ष्टाचारियो को सरकार पनाह दे रही है।ऐसे में सरकार के साथ साथ आम नागरिक भी उतना ही दोषी है।कारण की भ्र्ष्टाचार को बढ़ावा देने में आम नागरिक का भी बढ़ चढ़कर भागीदारी रहा है मीडिया द्वारा रेखा कुमारी से घटना की जानकारी पूछी गई तो एएनएम द्वारा बताया गया की हमे इस बारे में कोई जानकारी नही है।एएनएम के इस बात से यही ज्ञात होता है की कहीं ना कहीं किसी की संलिप्तता है अब देखना यह है कि सरकार और उसके बिभाग क्या कदम उठाती है।क्या इसी तरह डॉक्टर की लापरवाही एएनएम की मनमानी यूं ही चलता रहेगा..