किशनगंज : मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना के तहत दो साल तक के 2 लाख से अधिक बच्चों को मिला योजना का लाभ।
वित्तीय वर्ष 2022-23 में 41.48 करोड़ लाभुकों के खाते में पहुंचे।
- योजना के तहत 0-2 साल तक के कन्या शिशुओं को 3000 रूपये देने का है प्रावधान।
- घर बैठे ई-कल्याण पोर्टल के जरिए लाभार्थी कर सकते हैं आवेदन।
किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना का क्रियान्वयन अब समाज कल्याण विभाग के अधीन आईसीडीएस द्वारा किया जा रहा है। योजना के तहत 0 से 2 साल तक के प्रथम क्रम के दो कन्या संतानों को 3000 रूपये तक की प्रोत्साहान राशि प्रदान की जा रही है। वित्तीय वर्ष 2022-23 यानी अप्रैल 2022 से 3 जनवरी 2023 तक राज्य में 2 लाख 14 हजार 497 लाभुकों को योजना के तहत प्रोत्साहन राशि मिली है। जिसमें इस अवधि के दौरान कुल 41 करोड़ 48 लाख 24 हजार रूपये लाभुकों के खाते में दिए गए हैं। विदित हों की किशनगंज जिले से भी कुल लक्ष्य 5670 के आलोक में 4027 लगभग 71 प्रतिशत लक्ष्य की प्राप्ति हुई है है जो पूरे सूबे में चौथे स्थान पर है।आईसीडीएस के निदेशक डॉ. कौशल किशोर ने कहा कि मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना का उद्देश्य कन्या के जन्म को प्रोत्साहित करना एवं कन्या भ्रूण हत्या को रोकना है। योजना की सहायता से लिंग अनुपात में वृद्धि लाना एवं बालिका शिशु मृत्यु दर कम करने की भी है। उन्होंने कहा कि बाल विवाह पर अंकुश लगाने एवं बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने में भी योजना महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहा है। योजना का बृहद उद्देश्य बालिकाओं को आत्मनिर्भर बनाकर समाज के मुख्यधारा में लाना है, ताकि महिला सशक्तिकरण की राह को आसान बनाया जा सके। कन्या उत्थान योजना के स्टेट नोडल पदाधिकारी अनीता चौधरी ने बताया कि इस योजना का लाभ परिवार की केवल दो प्रथम क्रम की कन्या संतानों को ही दिया जाता है। इसके लिए लाभुक को बिहार का निवासी होना जरुरी है। उन्होंने बताया कि योजना के तहत दो किश्तों में 3000 रूपये लाभुक को देने का प्रावधान है। पहले किश्त के रूप में 2000 रूपये माता-पिता या अभिभावक के बैंक खाते में भेजे जाते हैं जब कन्या का पंजीकरण 0 से 1 साल तक किया जाता है। वहीं, दूसरा किश्त के रूप में 1000 रूपये तब दिए जाते हैं जब 1 से 2 वर्ष की कन्या शिशु का आधार पंजीकरण एवं जन्म निबंधन का कार्य पूरा हो जाता है। जिला कार्यक्रम पदाधिकारी सुमन सिन्हा ने बताया कि योग्य लाभुक के माता-पिता अब ई-कल्याण पोर्टल (ekalyan.bih.nic.in) की सहायता से घर बैठे ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। महिला पर्यवेक्षिका द्वारा ऑनलाइन आवेदनों का भौतिक सत्यापन कर ई-कल्याण पोर्टल पर अप्रूवल किया जाएगा। बाल विकास परियोजना पदाधिकारी इस हेतु स्वीकृति पदाधिकारी होंगे। महिला पर्यवेक्षिका द्वारा स्वीकृत आवेदनों को बाल परियोजना द्वारा ई-कल्याण पोर्टल पर अनुमोदन किया जाएगा।