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ठाकुरगंज : रसिया पंचायत में फल देने के कगार पर लगे दो सौ केला पेड़ को काट डाला।

किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह-फरीद अहमद, जिले के ठाकुरगंज प्रखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत रसिया के गली रसिया वार्ड नंबर-03 का एक मामला सामने आया है जहाँ तकरीबन दो सौ से ऊपर फल देने के कगार पर केला का पेड़ काट दिया गया है। सोमवार को महिला मालावती ने जानकारी देते हुए बताया कि मेरे केला बागान जो वर्षों से मेरे कब्जे में है और जिसका मेरे पास पेपर भी है, प्लॉट में केला की खेती भी करते हैं लेकिन उक्त जमीन को लेकर गोपाल चौधरी के साथ जमीनी विवाद चल रहा था जो कि कायमी- सिक्मी का मसला बताया गया है। लेकिन फसल लगाने काटने से कभी किसी ने वर्षों से मुझे रोका-टोका नहीं है। लेकिन 16 जुलाई को दिन के दोपहर तकरीबन 3 बजे के आसपास पौआखाली थाना के थानाध्यक्ष आरीज एहकाम अपने दल बल के साथ और मुखिया प्रतिनिधि अहमद हुसैन उर्फ लल्लू, गोपाल चौधरी सहित कई लोग आए और अचानक से बिना किसी लिखित नोटिस के ही मेरे प्लॉट में फल देने की कगार पर आए केला के पेड़ को काट कर रख दिया। आगे मालावती ने आरोप लगाते हुए कहा कि जब मौके पर मैं पहुंची और थानाध्यक्ष को कागज दिखाने की बात कही तो थानाध्यक्ष ने मुझे डॉट फटकार लगाते हुए कहा कि तुम यहाँ से फूट नहीं तो मार खाओगी और थानाध्यक्ष सहित मौके पर मौजूद लोगों ने भी कहा अब कागजात लेकर थाना में आना। इसी बीच मौके पर पहुंचे रसिया पंचायत के कई जनप्रतिनिधियों ने भी और कई लोगों ने भी थानाध्यक्ष से बात की जिसके बाद पुलिस बल और मौके पर आए हुए लोग वहां से चले गए। रसम लाल ने भी आरोप लगाया कि विवादित जमीन के केला बागान को काटते-काटते जोश में ही दूसरे किसान रसम लाल का भी केला का चार पेड़ काट दिया गया। गौरतलब हो कि मालावती की जमीन पर अधिया खेती के तौर पर लगाया गया लगभग 200 केला का पेड़ दिलीप कुमार गणेश, पिता-आर्थिक लाल गणेश का है। सोमवार को दिलीप कुमार गणेश ने जानकारी देते हुए बताया कि अब तक क्षति फसल में लागत खर्चा ₹40,000 रूपया लगभग हुआ है। महिला मालावती ने बताया कि डेढ़ सौ बांस काट कर के भी क्षति किया गया है। मालावती ने न्याय की गुहार लगाते हुए कहा कि क्षति फसल का मुआवजा सहित न्याय मिले यही मालावती चाहती है। इस संबंध में पूछे जाने पर स्थानीय थानाध्यक्ष आरीज एहकाम ने बताया कि मामले को लेकर थाना में बैठक है दोनों पक्षों को बुलाया गया है पेपर देखने के बाद निर्णय लिया जाएगा। केला पेड़ काटने वाले पर कार्रवाई भी की जायेगी।उन्होंने कहा कि उनके ऊपर लगाए गए आरोप गलत है। सोमवार 18 जुलाई को 11:30 बजे के बाद से तकरीबन 12:30 बजे थानाध्यक्ष आरीज़ एहकाम की अध्यक्षता में बैठक हुई और दोनों पक्षों के कागजात भी प्रस्तुत किए गए जिसमें से गोपाल चौधरी द्वारा प्रस्तुत किए गए कागजात से यह पूरी तरह साबित नहीं हो पाया कि जिस जमीन पर उन्होंने लोगों के साथ जाकर केले के पेड़ काटे थे वह जमीन उनकी है। वहीं दूसरी तरफ मालावती द्वारा प्रस्तुत किए गए पूर्वजों के कागज से तत्काल यह साबित हो रहा है कि जमीन मालावती की है। कागज प्रस्तुत करने के पश्चात गोपाल चौधरी तत्काल यह साबित नहीं कर पाए कि जिस जमीन पर उन्होंने दावा किया वह जमीन उनकी है अंततः उन्होंने थानाध्यक्ष पौआखाली आरिज एहकाम से और भी जमीनी दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए 6 अगस्त तक का समय लिया है। पर यह सवाल यह है कि फल देने के कगार पर केला पेड़ को बिना किसी नोटिस के किस प्रावधान के तहत काटा गया यह जांच का विषय है। जब किसी जमीन में पेड़ लगा होता है उस जमीन पर अगर किसी तरह का कार्य करना होता है तो इसकी परमिशन वन विभाग से लेकर हरा पेड़ काटा जाता है। पर यहाँ फल देने के कगार पर लगभग दो सौ केला का पेड़ को काट दिया गया। पीड़िता न्याय की मांग कर रही है।

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