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जमशेदपुर, जुगसलाई स्टेशन रोड मुख्य मार्ग स्थित अंडर ब्रिज से बारिश के मौसम में लोग जान जोखिम में डालकर आना जाना करते हैं।

तारकेश्वर गुप्ता : जमशेदपुर के जुगसलाई स्टेशन रोड मुख्य मार्ग स्थित अंडर ब्रिज से बारिश के मौसम में लोग जान जोखिम में डालकर आना जाना करते हैं इस स्थिति से ना ही रेलवे ना ही टाटा स्टील और ना ही जुगसलाई नगर परिषद को कुछ लेना देना है स्थिति इतनी भयावाह हो जाती है कि लोग दुर्घटना के शिकार हो जा रहे हैं

यह स्थिति केवल मानसून में नहीं बल्कि हर वर्ष बारिश के मौसम में यह स्थिति उत्पन्न हो जाती है स्थिति इतनी विकराल हो जाती है कि लोग जान जोखिम में डालकर अंडरवियर को पार करने में मजबूर रहते हैं ऐसी विकराल स्थिति से कई बार लोग दुर्घटना के शिकार हुए पर इस स्थिति से ना ही रेलवे ना ही टाटा स्टील ना ही जुगसलाई नगर परिषद को कोई लेना देना है छोड़ दिया गया है स्थानीय लोगो को उनके हाल पर, जानकारी देते हुए राहगीर करण सिंह ने बताया कि जब से अंडर ब्रिज का निर्माण हुआ उस समय ही पानी निकासी की समुचित व्यवस्था की जानी थी आज स्थिति इतनी दर्दनाक हो गई है कि लोग मजबूर है उन्होंने कहा जब-जब बारिश होती है तब तब यही स्थिति रहती है

करण सिंह राहगीर

इस स्थिति से केवल राहगीरों को ही नहीं बल्कि स्थानीय लोगों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है जैसे ही बारिश होती है वैसे ही यह मुख्य मार्ग जो की टाटानगर की स्टेशन रोड मुख्य सड़क है इस सड़क से ही लोग शहर के बीचो-बीच पहुंचते हैं और यह सड़क हाता होते हुए ओडीशा व बंगाल को जोड़ती है, स्थानीय लोगों ने इस समस्या से कई बार रेलवे और जुगसलाई नगर परिषद को अवगत कराया स्थिति शून्य निकली, जानकारी देते हुए स्थानीय अरूप मलिक ने बताया कि जब अंडर ब्रिज का निर्माण हुआ उस समय ही रेलवे व स्थानीय नगर निकाय को चाहिए था कि ड्रेनेज सिस्टम सुचारू रहे ताकि बारिश के मौसम में जल जमाव की स्थिति न उत्पन्न हो पर हल्की बारिश से झील नमा दृश्य उत्पन्न हो जाता है वाहनों की लंबी कतारे लग जाती है जाम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है लोग चोटिल हो जाते हैं कई वाहन इस जल जमाव में फंस जाते हैं।

अरूप मल्लिक स्थानीय निवासी

गलती रेलवे की हो टाटा स्टील की हो या फिर जुगसलाई नगर परिषद की पर जिम्मेदारी सबकी बनती है कि आम लोगों की परेशानी को जल्द से जल्द दूर की जाए विकराल दृश्य होने के बाद भी इस तरह से मौन रहना, संबंधित विभाग के कार्यशैली पर सवाल खड़ा करता है।

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