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किशनगंज : रचना भवन में DM की अध्यक्षता में स्वास्थ्य विभाग एवं आईसीडीएस योजना से संबंधित समीक्षात्मक बैठक आयोजित।

स्वास्थ्य के सभी सूचकों पर लक्ष्य के अनुरूप उपलब्धि हासिल करें, सेकेंड डोज को पूरा करते हुए टीकारण के लक्ष्य को हासिल करें: डीएमकिशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, जिले में स्वास्थ्य विभाग मरीजों को गुणवत्तापूर्ण तथा सुलभ स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने को निरंतर प्रयासरत है। स्वाथ्य विभाग के समस्त अधिकारी एवं कर्मचारियों के साथ हीं नर्स, पारा मेडिकल स्टाफ, आशा, आदि स्वास्थ्य सुविधा बेहतर बनाने के लिए निरंतर कार्य कर रहे हैं। संसाधन के साथ-साथ मानव बल भी बढ़ाए जा रहे हैं। स्वास्थ्य सुविधाओं के मामले में पिछड़े जिलों में गिने जाने वाले किशनगंज में अब स्वास्थ्य सुविधाएं पहले से काफी बेहतर हुई है। रचना भवन के सभागार में शुक्रवार को जिला पदाधिकारी-सह-अध्यक्ष जिला स्वास्थ्य समिति डॉ आदित्य प्रकाश की अध्यक्षता में स्वास्थ्य विभाग एवं सामेकित बाल विकास कार्यक्रम की समीक्षात्मक बैठक आयोजित की गई। मासिक बैठक में सिविल सर्जन डॉ श्रीनंदन ने प्रखंडवार टीकाकरण, मातृत्व स्वस्थ्य, शिशु स्वास्थ्य परिवार कल्याण, किशोर-किशोरी कार्यक्रम, वेक्टर जनित रोग, टीबी नियत्रंण, अंधापन, गैर संचारी रोग, एएनसी जांच, टीकाकरण, संस्थागत प्रसव, अस्पताल में प्रसव से जुड़ी सेवाओं को सुदृढ़ करने का प्रयास किया जा रहा है। बैठक में सिविल सर्जन डॉ श्री नंदन, गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ देवेन्द्र कुमार, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, आईसीडीएस मंजूर आलम, जिला कार्यक्रम प्रबंन्धक डॉ. मुनाज़िम, जिला समन्वयक विस्वजित कुमार, इपिडेमियोलॉजिस्ट रीना प्रवीण, यूनिसेफ के एसएमसी एजाज अफजल, डब्लूएचओ के एसएमओ डॉ. अनिशुर रहमान, केयर के प्रशुनजीत प्रमाणिक, सिफार के जिला समन्वयक, सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, सभी सामेकित बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, सभी महिला पर्यवेक्षिका, प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंन्धक, लेखापाल आदि उपस्थित रहे।

समेकित बाल विकास परियोजना की समीक्षा।

समेकित बाल विकास परियोजना की समीक्षा में जिला पदाधिकारी द्वारा सेविका व सहायिका चयन एवं क्रियाशील आंगनबाड़ी केंद्रों की अद्यतन स्थिति, टोकन प्रणाली से पोषाहार/ टीएचआर वितरण की अद्यतन स्थिति, होम विजिट के माध्यम से आंगनबाड़ी क्षेत्र का निरीक्षण, मनरेगा एवं आईसीडीएस के अभिसरण से भवन निर्माण, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना, पोषण अभियान, सजन अभियान, न्यायालयवाद की गहन समीक्षा उपरांत निर्देश दिया गया कि आईसीडीएस द्वारा चलाई जा रही सभी योजनाओं का क्रियान्वयन एवं आंगनबाड़ी केन्द्रों में ग्रामीण स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण दिवस का आयोजन तथा गृह भ्रमण (होम विजिट) के माध्यम से 100 प्रतिशत सुनिश्चित करने एवं योजनाओं का लाभ लाभुकों तक अनिवार्य रूप से पहुंचे, इसकी पूर्ण जिम्मेवारी बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, महिला पर्यवेक्षिका एवं संबंधित सेविका की होगी। प्रत्येक माह टी०एच०आर०/पोषाहार वितरण हेतु निर्धारित तिथि से पूर्व व ससमय राशि की निकासी कोषागार से करना सुनिश्चित करेंगे ताकि विभाग द्वारा निर्धारित तिथि में होम विजिट के माध्यम से टी०एच०आर०/पोषाहार का लाभ लाभुकों को उपलब्ध कराया जा सके। समीक्षा के क्रम में डीएम के द्वारा आईसीडीएस कर्मियो के सहयोग से कोविड टीकाकरण कार्य में प्रगति लाने का निर्देश दिया गया।सभी आंगनबाड़ी केंद्र पर बच्चो के कुपोषण जांच, प्री स्कूलिंग, पोषाहार वितरण हेतु नियमानुसार कार्य करने का निर्देश दिया गया। कन्या उत्थान योजना का लाभ अधिक से अधिक परिवार को दिलवाने हेतु मोबलाइज करने का निर्देश दिया गया तथा डीएम ने सख़्त निर्देश दिया कि जन कल्याण की योजनाओ का लाभ पात्र लोगो को दिलवाने में शिथिलता पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जायगी।

राष्ट्रीय पोषण माह के दौरान 01 से 30 सितम्बर तक विभिन्न कार्यक्रम का सञ्चालन किया जा रहा है।

डीपीओ मंजूर आलम ने बताया कि राष्ट्रीय पोषण माह के दौरान 01 से 30 सितम्बर तक विभिन्न कार्यक्रम का सचालन किया जा रहा है, जिसमे 1 से 7 सितंबर के दौरान शहरी क्षेत्रों में स्वच्छता के लिए जागरूकता अभियान एवम समितियों की बैठक में पोषण पर चर्चा के साथ ही जिला एवं प्रखण्ड स्तर पर पोषण संबंधी संदेशों का प्रचार-प्रसार किया जाएगा। 8 से 15 सितंबर के दौरान प्रसव पूर्व देखभाल एवम गर्भवती, धातृ महिलाओं के बेहतर पोषण के लिए योगाभ्यास/आयुष अभ्यास के जन जागरूकता अभियान के साथ-साथ 8 से 10 बच्चों के साथ विद्यालयों में पोषण कक्षा का संचालन एवं चेतना सत्र के दौरान पोषण संबंधी प्रश्नोतरी का आयोजन किया जाएगा।

16 से 23 सितंबर के दौरान जिला स्तर पर पोषण संबंधी समन्वय समिति की बैठक।

16 से 23 सितंबर के दौरान जिला स्तर पर पोषण संबंधी समन्वय समिति की बैठक एवं पोषण पंचायत का आयोजन किया जाएगा।24 से 30 सितंबर तक दुकानों में पोषण सुरक्षा मानकों की जांच 24 से 30 सितंबर तक स्थानीय बाजार में खाद्य सुरक्षा अधिकारियों के द्वारा स्थानीय भोजनालयों, खाद्य सामग्रियों की दुकानों में पोषण सुरक्षा मानकों की जांच और सभी आंगनबाड़ी केंद्रों अति कुपोषित बच्चों की पहचान कर रेफ़रल अस्पताल भेजने का अभियान चलाया जाएगा।

ऑक्सीजन प्लांट, सिटी सकैन, डायलिसिस, डिजिटल एक्स-रे, दीदी की रसोई की सुविधा।

सिविल सर्जन डॉ श्री नंदन ने बताया की जिले के सदर अस्पताल में कोरोना के तीसरी लहर से बचाव हेतु सदर अस्पताल के हर बेड तक ऑक्सीजन पहुचने के क्रम में मशीन लगकर तैयार है, हवा से ऑक्सीजन बनाने की अनूठी टेक्नोलॉजी पर आधारित पीएसए ऑक्सीजन प्लांट में 500 (एलपीएम) लीटर प्रति मिनट ओक्सिजन उत्पादन होगा जो पाइप लाइन से सदर अस्पताल के हर बेड तक पहुंचाया जयगा। किसी भी मरीज को ऑक्सीजन की कमी नही होगी। एक सप्ताह के अंदर प्लांट मशीन लग कर सप्लाई शुरू हो जाएगा। वही सिटी सकैन, डायलिसिस, डिजिटल एक्स-रे की सुविधा दी जा रही है। इसके अलावा लेबर रूम में जहां पहले एक ऑक्सीजन कन्संट्रेटर था वहीं अब पांच ऑक्सीजन कन्संट्रेटर उपलब्ध है। वही 80 बेड में ओक्सीजन पाइप लाइन का कार्य भी कराया गया है, पैडल सेक्शन मशीन के जगह इलेक्ट्रॉनिक सेक्शन मशीन उपलब्ध किया गया है। वही मरीज को चिकित्सा के साथ-साथ शुद्ध एवं पौष्टिक आहार मिलना अति आवश्यक है इसी उद्धेश्य से सदर अस्पताल में दीदी की रसोई की शुरुआत होने से अस्पताल में आने वाले मरीजों के साथ परिजनों को भी काफी सहूलियत मिल रही है ।

जल्द ही लक्ष्य द्वारा प्रमाणीकरण से सुरक्षित प्रसव को मिलेगा बढ़ावा :

स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने के उद्देश्य से लक्ष्य कार्यक्रम के तहत प्रमाणीकरण के लिए सदर अस्पताल का राज्य्स्तरीय टीम के द्वारा निरीक्षण किया जा चूका है। सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ अनवर हुसैन ने बताया कि जिलाधिकारी डॉ आदित्य प्रकाश के सफल प्रयास से सदर अस्पताल में नए प्रसव कक्ष, मैटरनिटी सेंटर, ऑपरेशन थियेटर व प्रसूता के लिए बनाये गए है। लक्ष्य कार्यक्रम का मूल उद्देश्य यह होता है कि प्रसूति विभाग से संबंधित सभी तरह की सुविधाओं को सुदृढ़ बनाना और इससे जुड़ी हुई सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार लाना है। जिले में मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी लाने, प्रसव के बाद जच्च बच्चा को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिहाज से लक्ष्य प्रमाणीकरण बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण माना जाता है तथा 6-12 सितंबर तक दंपत्ति संपर्क सप्ताह और 13 से 25 सितंबर तक परिवार नियोजन सेवा पखवाड़ा का सफल आयोजन पुरे जिले में किया जायेगा।

जिले में 05 सीएचसी, 03 पीएचसी 10 एपीएचसी में स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध :

जिले में स्वास्थ्य सुविधा के बढ़ते कर्म में कुल 05 सीएचसी, 03 पीएचसी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित 10 अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (एपीएचसी) को किर्याशील किया गया है। इन सभी स्वास्थ्य केन्द्रों में चिकित्षक एवं दवा प्रयाप्त मात्रा में उपलब्ध है तथा एपीएचसी में एक-एक डॉक्टर के अलावा स्टाफ नर्स की नियुक्ति की गई है। इसके अलावा कोविड से निपटने के लिए एक वर्ष के लिए सात डाक्टरों को नियोजन किया गया है। इसके अलावा मंगलवार, बुधवार एवं शुक्रवार को ई-संजीवनी के माध्यम से घर बैठे भी ओपीडी की सुविधा का जिलेवासी स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं। तथा टेली मेडिशिन का भी लाभ मिल रहा है।

संभावित तीसरे लहर में बच्चों को सुरक्षा के लिए उपलब्ध है चाइल्ड फ्रेंडली डेडिकेटड पीडिऐट्रिक वार्ड।

संक्रमण के संभावित तीसरे लहर में बच्चों को प्रभावित करने की संभावना को देखते हुए जिला पदाधिकारी डॉ आदित्य प्रकाश के सफल प्रयास से सदर अस्पताल में वातानुकूलित चाइल्ड फ्रेंडली डेडिकेटड पीडिऐट्रिक वार्ड में 40 बेड का ऑक्सीजन सपोर्ट बेड के लिए वार्ड का निर्माण करवाया गया है, जिसमें इंटेंसिव केयर यूनिट की भी व्यवस्था उपलब्ध है। वेंटिलेटर तथा अन्य आधुनिक तकनीकी सहायता से यहां बच्चों का इलाज किया जाएगा। बैठक में संक्रमण के तीसरे वेब की पूर्व तैयारी को लेकर निर्देश दिया गया। सिविल सर्जन डॉ श्री नंदन ने बताया की जिले में जिस प्रकार संक्रमण के पहली एवं दूसरी लहर का डट कर सामना किया गया है। ठीक उसी प्रकार आने वाले समय में संक्रमण के तीसरे वेब की सम्भावना को लेकर जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह मुस्तैद है। उसके लिए जिले में स्वास्थ्य सुविधा को सुचारू रूप से क्रियान्वयन करने हेतु जिले के सातों प्रखंडों के सभी स्वास्थ्य उपकेन्द्र, अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, स्वास्थ्य उपकेंद्रों में चिकित्सा पदाधिकारी को आवश्यक दिशा निर्देश दिया गया है। जिसमें कोविड-19 के टेस्टिंग, ट्रीटमेंट एवं वैक्सीनेशन के कार्यों के अलावा कम से कम 10 बच्चों वाला बेड तथा आवश्यक सुविधा उपलब्ध करने का दिशा निर्देश दिया गया है।

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