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भगवान भरोसे जिले की चिकित्सा व्यवस्था चल रहा है, होस्पिटल की सुरक्षा में तैनात मजिस्ट्रेट को भी यह पता नहीं हैं कि जिले में कोरोना सेंटर और जिले के एम्बुलेंस कहाँ है।

अनिल कुमार मिश्र वरीय पदाधिकारियों आदेश व दिशानिर्देश के निर्देश के बाद भी सदर अस्पताल तथा जिले के रेफर अस्पताल की चिकित्सा व्यवस्था में किसी भी तरह का कोई भी सुधार नही दिखाई दे रहा है और जिले के चिकित्सा ब्यवस्था भग्वान भरो से चल रहा है। हंगामे और जनशिकायत के बावजूद भी पीड़ित मरीज के परिवार सरेआम लुटे जा रहे है और भ्रष्टाचारियों के भेंट चढ़ते आ रहे है ।

बताया जाता है कि जिले के गांधीनगर मुहल्ला से शनिवार को कोरोना पोजेटिव महिला मरीज को लेकर उसके परिजन सदर अस्पताल में पहुंचे जहां डॉक्टर ने पीड़ित मरीज को कोरोना सेंटर में ले जाने को कहा । महिला के पति रंजय कुमार एम्बुलेंस के लिए सदर अस्पताल का चक्कर काटने लगे। लेकिन उन्हे कोई एम्बुलेंस होस्पिटल ले जाने के लिए तैयार नही हुआ। थक -हार कर कोरोना पीड़ित महिला के पति ने डीएम साहब को फोन किया।

पीड़ित पक्ष का बात मान लिया जाये तो डीएम ने अस्पताल की सुरक्षा में तैनात मजिस्ट्रेट को फोन कर एम्बुलेंस दिलाने को कहा । लेकिन मजिस्ट्रेट साहब को यह भी पता नही है कि एम्बुलेंस कहां रहता है और जिले में कोरोना का सेंटर कहां बनाया हुआ हैं।

बताया जाता है कि अस्पताल की सुरक्षा में तैनात मजिस्ट्रेट को रवैया व अस्पताल प्रबंधन की कुब्यवस्था से क्षुब्ध एवं तंग आ चुके कोरोना पीड़ित महिला के पति ने सदर अस्पताल में हंगामा प्रारंभ किया। अचानक उक्त महिला की तबियत बिड़गने लगा तो परिवार वालो ने निजी वाहन से कोराना पीड़ित मरीज को कोरोना सेंटर में ले गये।

ज्ञात हो कि जिले के सदर अस्पताल औरंगाबाद में तीन दिन पहले इसी बात को लेकर न सिर्फ हंगामा हुआ था बल्कि परिजनों ने डॉक्टर के साथ मारपीट भी किया था, जिसके बाद डीएम ने सदर अस्पताल के डाँकटरो एवं कर्मचारियों की सुरक्षा में दो मजिस्ट्रेट व भारी संख्या में पुलिस बल के जवानों को प्रतिनियुक्ति भी किया है और डीएम की पहल पर सदर अस्पताल के चिकित्सकों एवं कर्मचारियों ने अपने नियमित कार्य पर लौटा है। मरीजों की बात मान ली जाये तो सुरक्षा की आड़ में अस्पताल की ब्यवस्था और भी विगड़ चुका है और भयमुक्त वातावरण में जनता को लुटने का कार्य बिचौलियों द्वारा प्रारंभ है।

उपरोक्त संबंध में सिविल सर्जन से मिलने का प्रयास किया गया परंतु मुलाकात नहीं हो सका।

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