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पटना -डीएम ने की मद्यनिषेध एवं नीरा उत्पादन तथा बिक्री की समीक्षा..

तीन माह से अधिक लंबित उत्पाद अधिहरण वादों को प्राथमिकता के आधार पर निष्पादित करने का डीएम ने दिया निदेश

त्रिलोकी नाथ प्रसाद – समाहर्त्ता-सह-जिला दण्डाधिकारी, पटना डॉ0 चन्द्रशेखर सिंह ने आज समाहरणालय स्थित सभा कक्ष में मद्यनिषेध, उत्पाद मामलों एवं नीरा उत्पादन की समीक्षा की। उन्होंने जिला के विभिन्न न्यायालयों में उत्पाद अधिहरण वादों से संबंधित अद्यतन स्थिति का जायजा लिया। साथ ही शराबबंदी अभियान के तहत नीलाम किये गये वाहनों, राज्यसात से संबंधित प्रतिवेदन, अभियोग/जप्त शराब की विवरणी तथा विनष्टीकरण से संबंधित अद्यतन प्रतिवेदन की समीक्षा की।

समीक्षा में यह पाया गया कि जिला के विभिन्न न्यायालयों में 3,699 प्रस्तावित उत्पाद अधिहरण वादों के विरूद्ध 2,879 वादों को निष्पादित किया गया है जो प्रस्तावित अधिहरण वादों का 78 प्रतिशत है। लंबित अधिहरण वादों में से 52 अधिहरण वाद 90 दिन से अधिक समय से लंबित हैं जिसे डीएम डॉ0 सिंह ने प्राथमिकता के आधार पर निष्पादित करने का निदेश दिया। डीएम डॉ0 सिंह ने शेष अधिहरण वादों को भी समय-सीमा के अंदर निष्पादित करने का आदेश दिया।

डीएम डॉ0 सिंह ने बिहार मद्य निषेध एवं उत्पाद अधिनियम, 2016 के तहत जप्त वाहन/प्रस्ताव/राज्यसात/विमुक्त/वाहन की नीलामी से संबंधित प्रगति की समीक्षा की। कुल राज्यसात वाहनों की संख्या 2,172 है। नीलाम किये गये वाहनों की संख्या 1,204 है, जिससे कुल 6.50 करोड़ रुपए प्राप्त हुए हैं। शेष वाहनों को भी एक महीने के अंदर नीलाम करने का निदेश दिया।

आज बिहार मद्यनिषेध और उत्पाद अधिनियम, 2016 यथा संशोधित अधिनियम, 2022 तथा बिहार मद्यनिषेध और उत्पाद नियमावली, 2021 यथा संशोधित नियमावली, 2022 के प्रावधानों को लागू करते हेतु मानक संचालन प्रक्रिया के संबंध में सभी पदाधिकारियों को जानकारी दी गई। संशोधित नियमावली के तहत दिनांक 01.04.2022 से पहले वाली गाड़ियों को जो कि काफी वर्षों से जिले में पड़ी है, को पेनाल्टी लेकर छोड़ने निमित विज्ञापन देने को कहा गया। विज्ञापन के द्वारा इन वाहन के मालिकों को 15 दिन का समय दिया जाएगा कि वे पेनल्टी जमाकर वाहन मुक्त करा लें। संशोधित नियमावली के अनुसार समेकित दिशा-निर्देश निर्गत किया गया जो निम्नवत् है-

(क) वाहनों के निष्पादन के संबंध में दिनांक 01.04.2022 के पहले के जप्त वाहनः-
1. जहाँ राज्यसात् की प्रक्रिया प्रारंभ ही नहीं हुई है-वैसे वाहन मालिकों को नोटिस भेजा जाए कि वह 15 दिनों के अंदर नियमावली के फॉर्म 4 के अनुसार आवेदन भरकर समाहर्ता अथवा संबंधित प्राधिकृत पदाधिकारी के पास उपस्थित होकर पनाल्टी जमा करें। पेनाल्टी जमा होने पर वाहन छोड़ दिया जाएगा। ऐसी स्थिति में राज्यसात की प्रक्रिया प्रारंभ करने की आवश्यकता नहीं है। यदि पेनाल्टी नहीं जमा की जाती है, तो राज्यसात की कार्रवाई प्रारंभ करते हुए वाहन को नीलाम किया जाए।

2. जहाँ राज्यसाद का निर्णय प्रक्रियाधीन है-वैसे वाहनों के मालिकों को नोटिस के द्वारा मौका दिया जाए कि वह पत्र प्राप्ति के 15 दिनों के अंदर फॉर्म 4 के अनुसार आवेदन भरकर पेनाल्टी जमा कर वाहन छुड़ा लें। पेनाल्टी दे देने पर राज्यसात की कार्रवाई बंद कर दें। यदि वे 15 दिन के भीतर पेनाल्टी जमा नहीं करते हैं, तो राज्यसात की प्रक्रिया को पूरा करते हुए वाहन को नीलान कर दें।
3. जहाँ राज्यसात् का निर्णय दिया जा चुका है और नीलामी नहीं हुई है वैसे वाहनों के मालिकों को नोटिस के द्वारा मौका दिया जाए कि वह पत्र प्राप्ति के 15 दिनों के अंदर फॉर्म 4 के अनुसार आवेदन भरकर पेनाल्टी जमा कर वाहन छुड़ा लें। पेनाल्टी देने पर नीलामी रोक दें। यदि वे 15 दिन के भीतर पेनाल्टी जमा नहीं करते हैं, तो वाहन को नीलाम कर दें। जो वाहन नीलामी हेतु विज्ञापित हैं, उस प्रक्रिया को रोका न जाए। केवल सफल निविदा दाता से नीलामी की राशि प्राप्त करने से पूर्व 15 दिन प्रतीक्षा की जाए ताकि वाहन मालिक पेनाल्टी देना चाहे तो दे सके।
4. जहाँ राज्यसात् का निर्णय दिया जा चुका है और नीलामी भी हो गई है, किंतु नीलामकर्ता द्वारा वाहन को भौतिक रूप से नहीं हटाया गया है- वहाँ नीलामकर्ता को 15 दिन का नोटिस दिया जाए। यदि वह वाहन नहीं ले जाता है तो वाहन को पुनः नीलामी पर चढ़ाया जाए।

(ख) वाहनों के निष्पादन के संबंध में दिनांक 01.04.2022 के बाद के जप्त वाहनः-
1. एक युक्तिसंगत अनुमान है कि यदि किसी का वाहन जप्त होता है तो उसे कुछ घंटों के अंदर जानकारी हो जाएगी (यदि वाहन चोरी का न हो)। यदि वाहन मालिक समाहर्ता, थाने अथवा उत्पाद विभाग से संपर्क करते है तो उन्हें कहा जाए कि वह नियम 12ए के तहत फॉर्म 4 में आवेदन दें। आवेदन प्राप्त कर एक संक्षिप्त आदेश पारित करते हुए निर्धारित पेनाल्टी लगाई जाए और निर्देशित किया जाए कि वह 15 दिनों के भीतर पेनाल्टी जमा कर दें। अतः यहाँ राज्यसात वाद चलाने की आवश्यकता नहीं है।

2. यदि मालिक जप्ती के बाद फौरन संपर्क नहीं करते हैं और यदि जप्त वाहन के कागजातों से वाहन मालिक का पता मिल जाता है तब वाहन मालिक को एक नोटिस भेजा जाएगा कि वह निर्धारित राशि पेनाल्टी के तौर पर 15 दिनों के अंदर जमा करें। यदि वह पेनाल्टी जमा कर देते है तो वाहन छोड़ दिया जाए। यहाँ राज्यसात वाद चलाने की आवश्यकता नहीं है। यदि 15 दिनों के भीतर वाहन मालिक पेनाल्टी नहीं देते है तो राज्यसात की कार्रवाई प्रारंभ की जाए।

3. यदि वाहन मालिक ना तो स्थानीय पुलिस/उत्पाद पदाधिकारी से संपर्क करते हैं और ना ही उपलब्ध कागजातों से वाहन मालिक का पता चलता है तो उन मामलों में, जप्ती की तारीख से 15 दिन की प्रतीक्षा के बाद वाहन जप्त करने वाले पुलिस/उत्पाद पदाधिकारी राज्यसात करने का प्रस्ताव समाहर्त्ता को भेज देंगे।

डीएम डॉ0 सिंह ने कहा कि किसी भी हालत में वाहन जप्ती के 30 दिनों के भीतर राज्यसात की कार्रवाई प्रारंभ हो जानी चाहिए। वाहन जप्ती के 90 दिनों के अंदर राज्यसात आदेश पारित हो जाना चाहिए।

पेनाल्टी के भुगतान पर वाहनों, सवारी आदि को छोड़ने हेतु पेनाल्टी वाहन/सवारी के नवीनतम बीमाकृत मूल्य का 50 प्रतिशत होगी।

डीएम डॉ0 सिंह ने नीरा उत्पादन एवं बिक्री की समीक्षा की। जीविका के जिला कार्यक्रम प्रबंधक ने बताया कि पूरे जिले में 80 नीरा बिक्री केन्द्रों को खोला गया है। 22 नीरा संग्रह केन्द्र है। आज 3,300 लीटर नीरा का संग्रह किया गया है। वर्तमान समय तक 44,942 लीटर नीरा का उत्पादन हुआ है। प्रतिदिन लगभग 3,200 लीटर बिक्री हो रही है। डीएम डॉ0 सिंह ने नीरा के उत्पादन एवं बिक्री पर संतोष व्यक्त करते हुए प्रतिदिन 5,000 लीटर बिक्री के लक्ष्य के लिए गंभीर प्रयास करने को कहा। उन्होंने इसका व्यापक प्रचार-प्रसार करने का निदेश दिया।

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