किशनगंज : जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला अभियोजन, इंपावर्ड कमिटी और मद्य निषेध की मासिक बैठक आयोजित।

प्रत्येक वाद में राज्य का पक्ष दृढ़तापूर्व रखने हेतु अभियोजन पदाधिकारियों तथा मद्य निषेध की प्रभाविकता हेतु लगातार छापामारी हेतु अधीक्षक, मद्य निषेध को दिया गया निर्देश।
- अभियोजन कार्यों पर जिलाधिकारी ने व्यक्त की निराशा।
- स्पेशल पीपी नियुक्ति हेतु आवेदन प्राप्त करने का दिया निर्देश।
किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, जिला अभियोजन एवं ईमपावर्ड कमिटी तथा मद्य निषेध और नशामुक्ति कार्यों की समीक्षात्मक बैठक समाहरणालय सभागार में जिलाधिकारी, श्रीकांत शास्त्री की अध्यक्षता में संपन्न हुई।
बैठक में विशेष रुप से विभिन्न वादों में अभियोजन के कार्यों की समीक्षा की गई एवं इनके त्वरित निष्पादन हेतु निर्देशित किया गया। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य अभियोजन पदाधिकारियों के द्वारा किए गए कार्यों की समीक्षा के साथ-साथ उनके एवं पुलिस पदाधिकारियों के बीच सामंजस्य स्थापित करना है ताकि अभियोजन पदाधिकारियों को विभिन्न न्यायालयों में वादों को निष्पादित कराने में पुलिस पदाधिकारियों का संपूर्ण सहयोग मिल सके। साथ ही, प्रत्येक वाद में राज्य का पक्ष दृढ़तापूर्वक रखा जा सके, ताकि विभिन्न वादों में आधिकाधिक दोषसिद्धि कराया जा सके। डीएम द्वारा जिलांतर्गत सभी अभियोजन पदाधिकारियों के कार्यों की समीक्षा की गई। सभी अभियोजन पदाधिकारियों को अपने कार्यों में पर्याप्त सुधार लाने का निर्देश दिया गया तथा अगले माह में प्रत्येक न्यायालय में दोष सिद्धि सुनिश्चित कराने का भी निर्देश दिया गया। समीक्षा के क्रम में उनके कार्यों पर डीएम ने गहरी नाराजगी व्यक्त की। बैठक में निष्पादन के अंतिम स्थिति वाले केसों में गवाहों की गवाही ससमय पूर्ण कराकर विचारण प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया गया, ताकि माननीय न्यायालय द्वारा अभियुक्तों को सजा दिलाई जा सके। विदित हो कि डीएम द्वारा पिछले कई बैठकों में सभी पब्लिक प्रॉसिक्यूटर और अभियोजन पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया था कि ऐसे 30 वाद का चयन प्रत्येक माह के प्रारंभ में करते हुए जिला विधि शाखा को प्रेषित करें, जिसमें प्राथमिकता तय कर दोषसिद्धि कराया जा सके और केस निष्पादन बढ़ सके। परंतु, सभी पदाधिकारियों ने सूची उपलब्ध नहीं कराया इस पर डीएम ने अप्रसन्नता व्यक्त कर सुधारात्मक निर्देश दिया।लंबित कांडो पर नाराजगी व्यक्त कर विशेष लोक अभियोजक नियुक्ति हेतु आवेदन नए सिरे से प्राप्त करने हेतु विज्ञापन करने का निर्देश दिया ताकि एक सप्ताह में प्राप्त आवेदन की सूची तैयार की जा सके। पूर्व में आवेदन भेज चुके अभ्यर्थी को पुनः आवेदन करने की आवश्यकता नहीं होगी। जिला लोक अभियोजन पदाधिकारी एवं अपर लोक अभियोजकों को निर्देशित किया गया कि सभी थानेदारों के साथ अभियोजन की मासिक बैठक कर समीक्षा करें ताकि उनके द्वारा न्यायालय में प्रस्तुत केस डायरी एवं चार्ज शीट की गुणवत्ता में सुधार लाया जा सके। इससे न्यायालय में केस के खारिज होने की संभावना कम होगी और अभियुक्तों को सजा दिलाई जा सकेगी। बैठक में यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण संबंधी अधिनियम, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति, नारकोटिक ड्रग एवं साइकॉट्रॉपिक पदार्थ अधिनियम, मद्य निषेध आदि विषयों से संबंधित अभियोजन एवं उसके अनुसंधान पर भी चर्चा की गई। इसी प्रकार राज्य में प्रभावी मद्य निषेध नीति के मद्देनजर जिला में मद्य निषेध की गहन समीक्षा की गई। पुलिस और उत्पाद विभाग द्वारा शराब परिवहन, बिक्री और सेवन के विरुद्ध छापामारी, जब्ती और दोषसिद्धि की समीक्षा की गई।बैठक में सीमावर्ती क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा छापामारी, एंटी लिकर टास्क फोर्स के भ्रमणशील रहने, शराब बरामदगी और जब्ती पर निर्देश दिया गया। साथ नशा मुक्ति के कार्यों पर कृत कार्रवाई की समीक्षा संबंधित पदाधिकारी के साथ सम्पन्न हुई। समीक्षात्मक बैठक में सिविल सर्जन, विधि उप समाहर्त्ता, एसडीपीओ, अधीक्षक मद्य निषेध, डीपीओ/आईसीडीएस, एडीएसएस, जिला अभियोजन पदाधिकारी, लोक अभियोजक एवं विशेष लोक अभियोजक, पोस्को, एसटी/एससी, एनडीपीएस एवं मद्य निषेध शामिल थे।