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पटना:-डीएम ने की शिक्षा विभाग की समीक्षा; सर्व शिक्षा अभियान एवं प्रधानमंत्री पोषण योजना में प्रगति का लिया जायजा

*शत-प्रतिशत विद्यालयों में रसोईयों का चयन* एवं *पीएफएमएस के अंतर्गत शत-प्रतिशत विद्यालयों का खाता* खोले जाने पर डीएम ने *हर्ष* व्यक्त किय

*गुणवत्तापूर्ण उत्कृष्ट शिक्षा प्रदान करना सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता:* डीएम

त्रिलोकी नाथ प्रसाद– जिला पदाधिकारी, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह ने जिले के शत-प्रतिशत विद्यालयों में रसोईयों-सह-सहायकों के चयन एवं पीएफएमएस के अंतर्गत खाता खोले जाने पर खुशी व्यक्त की है। वे आज समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में शिक्षा विभाग की समीक्षात्मक बैठक की अध्यक्षता करते हुए पदाधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण उत्कृष्ट शिक्षा प्रदान करना सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। विद्यालयों का सफल संचालन तथा योजनाओं का सफल क्रियान्वयन सुनिश्चित करना सभी पदाधिकारियों का दायित्व है। इसके लिए सभी को प्रतिबद्ध रहना होगा।

आज की बैठक में डीएम डॉ. सिंह द्वारा दिनांक 24 मई, 2022 की बैठक में दिए गए निर्देशों के अनुपालन की स्थिति की समीक्षा की गई तथा अद्यतन प्रगति का जायजा लिया गया। जिले के शैक्षिक परिदृश्य, नामांकन, शिक्षकों की संख्या, सर्व शिक्षा अभियान का क्रियान्वयन, कस्तूरबागांधी बालिका विद्यालय का संचालन, प्रधानमंत्री पोषण योजना के संचालन की स्थिति, खाद्यान्न उठाव, समग्र शिक्षा, शौचालय, छात्रवृत्ति, पोशाक, साईकिल, मेधावृत्ति योजना, मुख्यमंत्री विद्यालय सुरक्षा कार्यक्रम, समावेशी शिक्षा, छात्र पुलिस कैडेट कार्यक्रम, ई-संबंधन पोर्टल के माध्यम से निजी विद्यालयों के ऑनलाइन प्रस्वीकृति, शिक्षा का अधिकार अधिनियम का क्रियान्वयन, शिक्षक प्रशिक्षण, विद्यालयों में असैनिक कार्य सहित विभिन्न पहलुओं पर प्रगति की समीक्षा की।

जिला शिक्षा पदाधिकारी, पटना श्री अमित कुमार द्वारा जिला पदाधिकारी के संज्ञान में लाया गया कि पूरे जिले में पीएम पोषण योजना से *आच्छादन हेतु* एवं *आच्छादित* विद्यालयों की संख्या क्रमशः 3,147 एवं 3,013 है। डीएम डॉ. सिंह ने 24 मई, 2022 की बैठक में जिला शिक्षा पदाधिकारी को रसोइयों की रिक्ति के विरूद्ध विहित प्रक्रिया का अनुपालन करते हुए 219 रसोइया का चयन जून, 2022 तक करने का निदेश दिया गया था। जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि जिला पदाधिकारी के निर्देश के आलोक में विद्यालयों में कुल 426 नये रसोइया का चयन किया जा चुका है। *सभी विद्यालयों में रसोइया-सह-सहायक की बहाली पूर्ण कर ली गई है।* वर्तमान में *जिला में 8,918 रसोईया-सह-सहायक* कार्यरत है। डीएम डॉ. सिंह ने इस पर *खुशी* व्यक्त करते हुए कहा कि रसोइया पीएम पोषण योजना के मुख्य *आधार-स्तंभ* हैं। उनके चयन से योजना के क्रियान्वयन में सहायता प्राप्त होगी।

डीएम डॉ. सिंह ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को *पोषण योजना से अनाच्छादित विद्यालयों* का गहन अनुश्रवण करने का निदेश दिया। *उन्होंने कहा कि पेयजल के कारण, विद्यालय शिक्षा समिति गठन के कारण अथवा अन्य किसी भी कारण से यह योजना प्रभावित नहीं होनी चाहिए।* उन्होंने उप विकास आयुक्त को सभी विद्यालयों में नल के जल का कनेक्शन सुनिश्चित करने का निदेश दिया। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि सरकार के निदेशानुसार भवनहीन आंगनबाड़ी केन्द्रों को निकटतम विद्यालयों में स्थानांतरित करना है। इसके लिए जिला शिक्षा पदाधिकारी एवं जिला प्रोग्राम पदाधिकारी आईसीडीएस *समन्वय* स्थापित कर आवश्यक कार्य करेंगे।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु शत-प्रतिशत विद्यालयों में विद्यालय शिक्षा समिति गठित रहनी चाहिए।

जिला शिक्षा पदाधिकारी ने बताया कि रसोइया-सह-सहायक का मानदेय भुगतान केन्द्रीकृत *तकनीकी समस्याओं* के कारण दो महीना-जुलाई एवं अगस्त-का लंबित है। डीएम डॉ. सिंह ने इसपर आपत्ति व्यक्त करते हुए निदेशालय से *समन्वय* स्थापित कर रसोइयों का मानदेय भुगतान अद्यतन करने का निदेश दिया।

डीएम डॉ. सिंह द्वारा *कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में* नामांकन लक्ष्य के विरूद्ध उपलब्धि की समीक्षा की। जिले में कुल 33 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय संचालित है। विगत बैठक तक नामांकन में उपलब्धि 3,204 थी, जो अब बढ़कर 3,396 हो गया है। यह नामांकन लक्ष्य 3,700 का 92 प्रतिशत है। डीएम डॉ. सिंह ने कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में नामांकन लक्ष्य के विरूद्ध *शत-प्रतिशत* उपलब्धि प्राप्त करने का निदेश दिया। उन्होंने कक्षा से 9 से 12 तक नामांकन में विशेष ध्यान देने का निदेश दिया। डीएम डॉ. सिंह ने पदाधिकारियों को इन विद्यालयों का नियमित तौर पर निरीक्षण करने का निदेश दिया। साथ ही निरीक्षण के उपरांत प्राप्त जाँच प्रतिवेदन के आधार पर कार्रवाई करने का निदेश दिया।

डीएम डॉ. सिंह ने बैठक में *समग्र शिक्षा के क्रियान्वयन की* समीक्षा की। जिला शिक्षा पदाधिकारी ने बताया कि वितीय वर्ष 2021-22 से केन्द्र सरकार द्वारा सभी केन्द्र प्रायोजित योजना हेतु राशि व्यय/भुगतान *पीएफएमएस* (पब्लिक फाईनेन्सियल मैनेजमेंट सिस्टम) के द्वारा किया जाना अनिवार्य कर दिया गया है। इसके अंतर्गत राशि की नगद निकासी नहीं की जा सकेगी तथा राशि सीधे लाभांवितों, वेंडर एवं सप्लायर के खाते में जाएगी। समग्र शिक्षा हेतु राज्य स्तर पर एक सिंगल नोडल एजेंसी (एसएनए) एकाउन्ट राज्य द्वारा चयनित बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में है। इसी एसएनए के अंतर्गत सभी क्रियान्वयन एजेंसियों यथा- जिला, प्रखण्ड कस्तूरबा एवं विद्यालयों का जीरो बैलेंस सब्सिडरी बैंक खाता खोला जाना था। *जिला शिक्षा पदाधिकारी ने बताया कि जिले में 3,493 विद्यालयों का खाता खोला जा चुका है।* जिला, प्रखंड एवं कस्तूरबा गाँधी बालिका विद्यालय का लक्ष्य के विरूद्ध *शत-प्रतिशत* खाता खोल लिया गया है। डीएम डॉ. सिंह ने इस पर *खुशी* जाहिर करते हुए आगे भी बेहतर प्रदर्शन करने को कहा।

डीएम डॉ. सिंह ने इस बैठक में *समावेशी शिक्षा* की समीक्षा की। विदित हो कि विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के *थेराप्युटिक प्रबंधन* हेतु जिले में चार संसाधन कक्ष-अदालतगंज, बिहटा, बाढ़ एवं समपतचक-उपलब्ध है। समावेशी शिक्षा अंतर्गत 66 विशेषज्ञ कार्यरत हैं। डीएम डॉ. सिंह ने इन संसाधन कक्षों पर प्रशिक्षित विशेषज्ञों द्वारा फिजियोथेरेपी, ब्रेल प्रशिक्षण, स्पीच थेरेपी, श्रवण क्षमता का आकलन, व्यवहार प्रबंधन सहित विभिन्न सुविधाएँ उपलब्ध कराने का निदेश दिया। विदित हो कि समावेशी शिक्षा अंतर्गत 0-18 आयुवर्ग के दिव्यांग बच्चों का दिनांक 25 अप्रैल 2022 से 30 जून 2022 तक गृहवार सर्वेक्षण कार्य कराया गया *जिसमें कुल 9,228 दिव्यांग बच्चों की* पहचान की गई। पूर्व से नामांकित बच्चों की संख्या 8,594 है। आंगनबाड़ी में नामांकित दिव्यांग बच्चों की संख्या 142 है। अनामांकित दिव्यांग बच्चों की संख्या 492 है तथा नया नामांकन कराए गए बच्चों की संख्या 406 है। जिला संसाधन कक्ष प्लस 2 ग्रामीण उच्च विद्यालय चकबैरिया, प्रखंड संपतचक को दिनांक 05.05.2022 से विधिवत प्रारंभ कर दिया गया है तथा वहाँ आने वाले दिव्यांग बच्चों का जाँच एवं उपचारात्मक कार्य किया जा रहा है। अभी तक पंजीकृत कुल 12 बच्चों को परामर्श सेवा तथा दैनिक दिनचर्या का अभ्यास कराया जा रहा है। उक्त में से 8 बच्चों को जाँच कर श्रवणयंत्र दिया गया। डीएम डॉ सिंह ने इसका सतत अनुश्रवण करने का निर्देश दिया।

डीएम डॉ. सिंह ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के तहत *निपुण भारत मिशन* के तहत गतिविधियों की समीक्षा की। *बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान* गतिविधियों के सफल संचालन हेतु जिला स्तर पर जिला बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान मिशन का गठन किया गया है। मिशन अंतर्गत संचालित कार्यक्रम माईक्रो इम्प्रूवमेंट प्रोजेक्ट ‘‘पढ़ेगा बिहार, बढ़ेगा बिहार’’ के तहत कैम्पेन चलाया गया है। डीएम डॉ. सिंह के निदेश पर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों एवं प्रखंड विकास पदाधिकारियों का *ओरियन्टेशन कार्यक्रम* आयोजित किया गया था।

प्रवेशिकोत्तर छात्रवृत्ति के बारे में जिला शिक्षा पदाधिकारी ने बताया कि *पटना जिला आवासित कुल 68,173 आवेदकों का डीबीटी के माध्यम से भुगतान राज्य स्तरीय कार्यालय से किया जा चुका है।* डीएम डॉ सिंह ने शेष आवेदनों का शीघ्र निष्पादन करने का निर्देश दिया।

डीएम डॉ. सिंह ने प्रारंभिक एवं माध्यमिक विद्यालयों में अतिरिक्त वर्ग कक्षों एवं शौचालयों का निर्माण तथा विद्युतीकरण कार्य में प्रगति ला कर इसे ससमय पूर्ण करने का निदेश दिया। उन्होंने विद्यालयों में स्वच्छता सुनिश्चित करने हेतु *डेडिकेटेड* व्यवस्था करने का निदेश दिया।

डीएम डॉ. सिंह ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को शिक्षा का अधिकार अधिनियम के प्रावधानों का अनुपालन सुनिश्चित कराने का निदेश दिया।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि जिला, अनुमण्डल एवं प्रखण्ड स्तरीय पदाधिकारियों का *जिला स्तर से टीम गठित कर* विद्यालयों का *समय-समय पर जाँच कराया जाता* है। उन्होंने सभी पदाधिकारियों को विद्यालयों का *नियमित तौर पर पूर्व निर्धारित एवं औचक निरीक्षण* करने का निदेश दिया। साथ ही जाँच प्रतिवेदन के आधार पर अग्रेतर कार्रवाई करने का भी निदेश दिया गया।

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