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किशनगंज : अमृत महोत्सव एवं महात्मा गॉंधी की जयंती के अवसर पर व्यवहार न्यायालय, परिसर में कार्यक्रम का किया गया आयोजन।

गांधीजी सत्य अहिंसा के सिद्धांत को अपनाकर कर्तव्यों पर खड़े उतरे : जिला जज

किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, अमृत महोत्सव एवं महात्मा गॉंधी की जयंती के अवसर पर व्यवहार न्यायालय, किशनगंज में कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें श्री मनोज कुमार-।, जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकार, किशनगंज, श्री आशुतोष पाण्डेय, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, द्वितीय, किशनगंज सहित पैनल अधिवक्तागण श्री अनिन्दो कुमार दास, श्री मधुकर प्रसाद गुप्ता एवं टारजन कुमार दास सहित कई वक्ताओं ने गॉंधी दर्शन पर अपने-अपने महत्वपूर्ण विचारों को रखा। जिला एवं सत्र न्यायाधीश-सह-अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकार, किशनगंज ने इस अवसर पर यह दर्शाया कि महात्मा गॉंधी भारतीय दर्शन की महत्ता को समझते हुए सत्य और अहिंसा के सिद्धांत को प्रस्तुत किया और अपने कर्त्तव्यों द्वारा उस पर खरे उतरे। उन्होंने बताया कि गॉंधी जी शिक्षा, प्रकृति, वातावरण, स्वच्छता और प्रकृति चिकित्सा पर भी विशेष ध्यान दिये थे। उनका मानना था कि प्रकृति मानव के आवश्यकताओं की पूर्ति करने हेतु संपन्न है, परन्तु वह मनुष्य लोभ की पूर्ति नहीं कर सकती है, इस कारण संतुलित विकास किया जाना चाहिए, असंतुलित विकास विनाश का कारण बनता है। अध्यक्ष ने इस संदर्भ में शक्तिशाली, सक्षम व सभ्य नागरिक बनने हेतु भारतीय दर्शन का सरल सुत्र प्रस्तुत किया, जो सम, दम, श्रद्धा, समाधान, उपरति और तितिक्षा है। सम का तात्पर्य मन का संयम, दम का तात्पर्य इंन्द्रियों का नियंत्रण, श्रद्धा-शास्त्रों व संस्थानों के प्रति निष्ठा, समाधान-मन व चित्त का शोधन, ज्ञान वृद्धि के लिए और उस ज्ञान का वास्तविक प्रयोग करने के लिए। इस संदर्भ में उन्होंने गौतम बुद्ध का उदाहरण दिया, जिन्होंने अंगूलीमार दश्यु का हृदय परिवर्तन अहिंसक तरीके से कर दिया। उपरति-फल की चिंता छोड़कर कार्य के उद्देश्यों को सही तरीके से पूर्ण करना। साथ ही विक्षेपकारी (बाधा डालने वाले) कार्य से विरत रहना और तितिक्षा का तात्पर्य शीतोष्ण द्वन्द्व सहने की क्षमता विकसित करना। यहॉं पर उन्होंने इसका अर्थ यह बतलाया कि हमें सहन शक्ति भी बढ़ानी चाहिए। इस कार्यक्रम में वैष्णव जन तेने कहिये गान के साथ कार्यकम का शुभारंभ हुआ। यह गाण श्रीमती सविता कुमारी व सुश्री पिंकी कुमारी, व्यवहार न्यायालय कर्मी, किशनगंज एवं सुश्री नमीता सिन्हा, अर्ध विधिक स्वयं सेवक द्वारा किया गया। वही अधिवक्तागण श्रीमती सोनी कुमारी एवं श्रीमती रचना कुमारी द्वारा महात्मा गॉंधी पर एक कविता सुनायी गयी। इस कार्यक्रम का संचालन श्री रजनीश रंजन, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, तृतीय, सह सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकार, किशनगंज द्वारा किया गया। कार्यक्रम में श्री आशुतोष पाण्डेय, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, द्वितीय, किशनगंज, श्री जितेन्द्र कुमार-।, अपर मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी, प्रथम किशनगंज, श्री सुभाष चन्द द्विवेदी, अपर मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी, तृतीय, किशनगंज, श्री श्यामनाथ साह, न्यायिक दण्डाधिकारी, प्रथम श्रेणी, किशनगंज, श्री संदीप साहिल, न्यायिक दण्डाधिकारी, द्वितीय श्रेणी, श्री रोहित कुमार गौरव, न्यायिक दण्डाधिकारी, द्वितीय श्रेणी, किशनगंज एवं अधिवक्तागण, पैनेल अधिवक्तागण, अर्ध विधिक स्वयं सेवक व शिक्षकगण वगैरह उपस्थित थे। अंत में धन्यवाद ज्ञापन श्री जितेन्द्र कुमार, अपर मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी, किशनगंज ने किया। उपरोक्त कार्यक्रम के अतिरिक्त नेशनल उच्च विद्यालय, किशनगंज के सहयोग से अर्ध विधिक स्वयंसेवकों द्वारा गॉंधी जयंती के अवसर पर प्रभात फेरी भी निकाला गया।

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