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* ब्रुनेई की द्विपक्षीय यात्रा करने वाले पहले PM बने नरेन्द्र मोदी, कहां है ये देश, भारत के लिए क्या है महत्व?*

पटना डेस्क/प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज ब्रुनेई की यात्रा पर रवाना हो गए हैं। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा है, कि महामहिम सुल्तान हाजी हसनल बोल्किया के निमंत्रण पर 3 और 4 सितंबर को मोदी की यात्रा का उद्देश्य सभी मौजूदा क्षेत्रों में भारत और ब्रुनेई के बीच द्विपक्षीय सहयोग को और मजबूत करना है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, कि यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की ब्रुनेई की पहली द्विपक्षीय यात्रा होगी। जायसवाल ने कहा कि यह यात्रा भारत और ब्रुनेई के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना के 40 वर्ष पूरे होने का भी प्रतीक होगी।

*ब्रुनेई के बारे में हम क्या जानते हैं?*

ब्रुनेई दक्षिण पूर्व एशिया का एक छोटा सा देश है और यह बोर्नियो द्वीप के उत्तरी तट पर स्थित है। दक्षिण चीन सागर इसके उत्तर में स्थित है और मलेशियाई राज्य सारावाक इसके पूर्व, पश्चिम और दक्षिण में है। ब्रुनेई 1888 से ब्रिटिश संरक्षित राज्य था। 1963 में, यह एकमात्र मलय राज्य था जो मलेशिया में शामिल नहीं हुआ। ब्रुनेई को 1984 में अपनी स्वतंत्रता मिली और यह राष्ट्रमंडल और दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्र संघ (आसियान) का सदस्य है।

ब्रुनेई की आबादी करीब 460,000 है। ब्रिटानिका के अनुसार, ब्रुनेई की लगभग दो-तिहाई आबादी मलय के रूप में वर्गीकृत है। इस श्रेणी में दुसुन, बेलाइट, केदयान, मुरुत और बिसाया (बिसाया) सहित कई स्वदेशी समूह शामिल हैं। आबादी का दसवां हिस्सा चीनी है। बाकी गैर-मलय स्वदेशी लोग हैं जैसे इबान (या सी दयाक), दक्षिण एशियाई मूल के हैं और एशिया और यूरोप से अस्थायी कर्मचारी हैं।

हालांकि मलय ब्रुनेई की आधिकारिक भाषा है, लेकिन अंग्रेजी दूसरी प्रमुख भाषा है। कई चीनी नागरिक स्थानीय बोलियां भी बोलते हैं और स्कूल में मंदारिन सीखते हैं। आबादी मुख्य रूप से सुन्नी मुस्लिम है, हालांकि चीनी बौद्ध धर्म, ताओवाद, कन्फ्यूशीवाद या ईसाई धर्म के पालन करने वाले लोग भी यहां रहते हैं। कुछ स्वदेशी लोग ईसाई हैं, जबकि कई लोगों के अपने धर्म भी हैं।

ब्रुनेई एक युवा देश भी है और आबादी का पांचवां हिस्सा 15 वर्ष से कम आयु का है। करीब आधे लोग 30 वर्ष से कम आयु के हैं। ब्रुनेई की जन्म दर वैश्विक औसत के आसपास मंडरा रही है, जबकि इसकी मृत्यु दर दुनिया में सबसे कम है। ब्रिटानिका के अनुसार, इसकी जीवन प्रत्याशा वैश्विक औसत से ज्यादा 78 है।

बीबीसी के अनुसार, ब्रुनेई के नागरिक कोई इनकम टैक्स नहीं देते हैं।

*ब्रुनेई के नेता कौन हैं?*

यह देश अपने नेता और उनके परिवार के बेहद अमीर होने के लिए भी प्रसिद्ध है। ब्रूनेई के सुल्तान, जो एक समय में दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति थे, वो अभी भी सबसे अमीर व्यक्तियों की सूची में बने हुए हैं। उनकी अनुमानित कुल संपत्ति लगभग 30 अरब डॉलर है।

वह लंदन के डोरचेस्टर होटल से अपने नाई को बुलाते हैं और वह दुनिया के सबसे बड़े महल में रहते हैं। सुल्तान बोल्कियाह 1968 में अपने पिता सर हाजी उमर अली सैफुद्दीन के त्यागपत्र के बाद सिंहासन पर बैठे थे। सुल्तान बोल्कियाह दुनिया के सबसे लंबे समय तक राज करने वाले राजाओं में से एक हैं। वह अपने देश पर पूर्ण अधिकार रखने वाले कुछ राजाओं में से एक हैं। 1984 में, सुल्तान बोल्कियाह ने खुद को प्रधानमंत्री नियुक्त कर लिया था।

1991 में, उन्होंने मलय मुस्लिम राजशाही की शुरुआत की, जिसमें राजा को “विश्वास का रक्षक” कहा जाता है। हालांकि सुल्तान बोल्कियाह अपने देश में लोकप्रिय हैं, लेकिन उन्हें शरिया कानून लागू करने के लिए आलोचना का सामना भी करना पड़ा है।

ब्रुनेई 2014 में शरिया कानून अपनाने वाला पूर्वी एशिया का पहला देश बन गया – जिसमें व्यभिचार के लिए पत्थर मारने और चोरी के लिए अंग काटने का प्रावधान है। बीबीसी के अनुसार, 2019 में ब्रुनेई ने एक कानून पेश किया था जिसके तहत समलैंगिक यौन संबंध बनाने पर लोगों को मौत की सजा देने का प्रावधान लागू किया गया।

*भारत और ब्रुनेई के संबंध कैसे हैं?*

भारत और ब्रुनेई ने 1984 में डिप्लोमेटिक संबंध स्थापित किए। हालांकि, भारतीय प्रवासियों ने 1930 के दशक की शुरुआत में ही ब्रुनेई में अपनी जड़ें जमा ली थीं। ब्रुनेई में लगभग 14,500 भारतीय रहते हैं। उनमें से आधे से ज्यादा तेल और गैस उद्योग, निर्माण और खुदरा व्यापार में अर्ध और अकुशल श्रमिक हैं। ब्रुनेई में कई डॉक्टर भी भारत से हैं।

भारतीय शिक्षक, इंजीनियर और आईटी पेशेवर भी ब्रुनेई में रहते हैं। भारतीय व्यापारियों की ब्रुनेई के कपड़ा बाज़ार में भी अच्छी हिस्सेदारी है। ब्रुनेई में भारतीयों को काफी सकारात्मक रूप से देखा जाता है।

*भारत के लिए क्यों महत्वपूर्ण है ब्रुनेई?*

भारत की ‘एक्ट ईस्ट’ नीति और इंडो-पैसिफिक के उसके नजरिए में ब्रुनेई एक महत्वपूर्ण भागीदार है। एनडीटीवी के अनुसार, विदेश मंत्रालय ने कहा है, कि 2012 से 2015 तक ब्रुनेई ने एक कंट्री कॉर्डिनेटर के तौर पर भारत को आसियान के करीब लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2023 में 195.2 मिलियन डॉलर, 2022 में 382.8 मिलियन डॉलर और 2021 में 522.7 मिलियन डॉलर था। नवंबर 2014 में मोदी ने म्यांमार में 25वें आसियान शिखर सम्मेलन के दौरान सुल्तान बोल्किया से मुलाकात की थी। मोदी और सुल्तान बोल्किया ने फिलीपींस में 2017 पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन के दौरान भी मुलाकात की थी।

विदेश मंत्रालय ने कहा है, कि इस यात्रा से ब्रुनेई के साथ रक्षा सहयोग, व्यापार और निवेश, ऊर्जा, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य सहयोग, क्षमता निर्माण, संस्कृति के साथ-साथ लोगों के बीच आदान-प्रदान सहित सभी मौजूदा क्षेत्रों में हमारा सहयोग और मजबूत होगा और नए क्षेत्रों में सहयोग के अवसर तलाशे जाएंगे।

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