रांची । केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड सीओई पटना के द्वारा डीपीएस रांची में क्लासरूम मैनेजमेंट विषय पर 2 दिवसीय कैपेसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के प्रशिक्षक सुलग्ना बसक, टीजीटी, जमशेदपुर पब्लिक स्कूल और डा. पुष्कल गिरी, प्राचार्य, सेंट जोसेफ स्कूल, सीवान बिहार थे। सत्र में मुख्य रूप से प्रभावी क्लासरूम मैनेजमेंट को सफल बनाने में कंटेंट मैनेजमेंट, कंडक्ट मैनेजमेंट और कोवेनेंट मैनेजमेंट के महत्व को बताया गया। कार्यक्रम में विभिन्न सीबीएसई स्कूलों के 62 शिक्षकों ने भाग लिया। मुख्य वक्ताओं ने उचित निर्देशों के साथ कक्षा के प्रबंधन के महत्व की जानकारी दी। अच्छा प्रबंधन शिक्षण के लिए एक अच्छा वातावरण बनाकर सीखने को बढ़ाता है, उसी प्रकार प्रभावी निर्देश एक अच्छी तरह से प्रबंधित कक्षा में योगदान देता है क्योंकि उचित निर्देश कक्षा में विफलताओं को रोकने में मदद करते हैं। गतिविधियां शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया का एक अभिन्न अंग हैं। शिक्षकों को ऐसी गतिविधियों का चयन और योजना बनानी चाहिए जिसके परिणामस्वरूप उच्च स्तर की छात्र शिक्षा दी जा सके। कक्षाओं में पढ़ाने के समय कई प्रबंधन समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं और इस अवधारणा को समझाने के लिए शिक्षकों के प्रत्येक समूह को टीचर्स एक्टिविटी में भी शामिल किया गया। उन्होंने कक्षा के सही संचालन के लिए सीटिंग अरेंजमेंट के महत्व को भी साझा किया। इस दौरान हर शिक्षक को अलग-अलग बैठने की व्यवस्था और उनके फायदे और नुकसान का सुझाव देने का काम दिया गया था। कार्यशाला में शिक्षकों को समय प्रबंधन के महत्व के बारे में भी बताया गया।
समय प्रबंधन से संबंधित तालिका की दी जानकारी :
समय प्रबंधन से संबंधित तालिका भी समझाई गई। इसमें चार चतुर्थांश शामिल थे। पहला (महत्वपूर्ण, अति आवश्यक कार्य), दूसरा (महत्वपूर्ण, अति आवश्यक कार्य नहीं), तीसरा (महत्वपूर्ण नहीं लेकिन अति आवश्यक कार्य) और चौथा (महत्वपूर्ण नहीं और अति आवश्यक कार्य नहीं)। शिक्षकों को कार्य के प्रकार की पहचान करने और उसके अनुसार तालिका को पूरा करने के लिए कहा गया। प्रतिभागियों को शिक्षण शैली, सीखने की शैली और कक्षा प्रबंधन शैली पर आधारित तीन प्रश्नावली भी दी गईं। विद्यालयों में अपनाएं जाने वाले नियमों, प्रक्रियाओं और दिनचर्या के बीच अंतर पर एक स्पष्टीकरण भी शिक्षकों के साथ साझा किया गया। प्रत्येक समूह को सेकेंडरी और सीनियर सेकेंडरी कक्षा के लिए पांच नियम बनाने के लिए कहा गया था। यह भी बताया गया कि यदि किसी शिक्षक का छात्रों के साथ अच्छा संबंध है, तो छात्र नियमों और प्रक्रियाओं और उनके उल्लंघन के बाद होने वाली अनुशासनात्मक कार्रवाई को आसानी से स्वीकार कर लेते हैं। बच्चों के साथ तालमेल बनाने के महत्व पर भी चर्चा की गई। यह सुझाव दिया गया कि प्रत्येक अवधि की शुरुआत में शिक्षकों को बच्चों के साथ बातचीत करने और संबंध बनाने के लिए पांच मिनट का समय देना चाहिए।
कक्षा प्रबंधन के महत्व को बताया :
कक्षा प्रबंधन के महत्व की जानकारी देते डीपीएस रांची के प्राचार्य डा. राम सिंह ने बताया कि कक्षा प्रबंधन के द्वारा शिक्षण प्रकिया को संगठित किया जा सकता है। इस प्रबंधन से शिक्षक और छात्रों के बीच संबंध को विकसित किया जाता है। शिक्षण प्रक्रिया को आकर्षित बनाने के लिए कक्षा प्रबंधन आवश्यक है। कक्षा प्रबंधन के द्वारा छात्रों को अभिप्रेरित, प्रोत्साहित किया जाता है। कक्षा प्रबंधन सटीक रुप से व्यवस्थित होनी चाहिए ताकि बच्चों को पढ़ने की रूचि जागृत हो।