योजनाराज्य

मनरेगा मजदूरों को मिले 600 रुपये मजदूरी…

कुणाल कुमार – पटना। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव रामनरेश पाण्डेय ने कहा कि महात्मा गांधी राष्टीय रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) की मजदूरी में मात्र 17 रुपये की बढ़ोतरी की गई है। यह बढ़ोतरी उंट के मुंह में जीरा के बराबर है। केंद्र सरकार मनरेगा मजदूरों को प्रत्येक दिन कम से कम 600 रुपये मजदूरी करे, और साल में दो सौ दिन कार्य की गारंटी करें।
भाकपा राज्य सचिव ने बयान जारी कर कहा कि केंद्र सरकार ने एक अप्रैल 2024 से मनरेगा तहत श्रमिकों को 245 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से मजदूरी देने का फैसला लिया है। बढ़ी हुई यह दर लागू हो गई है जबकि वितिय वर्ष 2023-24 में बिहार मे मनरेगा मजदूरों को प्रतिदिन की मजदूरी 228 रुपये थी। इस तरह मात्र 17 रुपये की बढ़ोतरी की गई है। उन्होंने कहा कि महंगाई आमान छू रहा है। इसके वाबजूद सम्मान जनक बढ़ोतरी नहीं की गई है।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के समर्थन से 2004 में बनी केंद्र सरकार ने मनरेगा लागू किया था। इसका उद्वेश्य ग्रामीण मजदूरों को गांव में ही रोजगार उपलब्ध कराना और पलायन को रोकना था, लेकिन केंद्र की मौजूदा भाजपा सरकार मनरेगा को बंद करने पर तुली हुई है और मजदूरी में सम्मान जनक बढ़ोतरी नहीं कर रही है।भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी केंद्र सरकार से मनरेगा की मजदूरी 600 रुपये प्रतिदिन करने और साल में 200 दिन कार्य उपलब्ध कराने की मांग करती है।

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