ब्रेकिंग न्यूज़

बिहार राज्य के कुटुम्बा विधानसभा क्षेत्र में जनमानस के साथ इससे और दुरदिन दशा क्या होनी चाहिए।

आपदा में अवसर ढूंढ़ कर, कमीशन खोर लोग नीतीश कुमार के सरकार को बदनाम करने का काम कर रहे है।

मामले की संज्ञान सरकार व जिला पदाधिकारी स्वयं लें, और रेफर हाँस्पीटल कुटुम्बा का स्वास्थ्य ब्यवस्था की जाँच कर जनहित में कार्रवाई करें, प्रबुद्धजन ।

अनिल कुमार मिश्र-औरंगाबाद (बिहार) 28 अप्रैल 2021:- जन संवाद में प्रबुद्धजनों ने कहा है देखिये नीतीश जी बिहार राज्य के औरंगाबाद जिले में ऐ सब क्या हो रहा है। आप से ही लोगों को कुछ उम्मीदेँ बिहार में बचा हुआ है ,वह भी दरिंदे कमीशन – खोर लोगों ने आपदा में अवसर ढूंढ़ कर सरकारी स्वास्थ्य ब्यवस्था को चौपठ कर दिया है और कमीशन की चक्कर में सरकार को बदनाम करने का काम करते आ रहे है ।प्रबुद्धजनों नें सरकार व जिला पदाधिकारी तथा स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेजी को समाचार के माध्यम से बिहार राज्य के औरंगाबाद जिले का रेफरल अस्पताल कुटुम्बा की ओर ध्यान आकृष्ट कराया है और जनसंदेश में कहा है कि रेफरल अस्पताल कुटूम्बा पर एक नजर डाला जाये तो स्पष्ट है कि कोरोना (कोविड-19 ) जैसे आपदा व महामारी में आम -अवाम, भोले -भाले जनता का ईलाज मरिजों के देख रेख में लगे महिला कर्मचारी, इलेक्ट्रोहोमियो तथा आयुषय के डाँक्टर कर रहे है। यहाँ मरीजो को ऐसे डाँक्टर अंग्रीजी दवा लिखते हैं जिन्हे अंग्रेजी दवा का थोडा भी ज्ञान नहीं है और न ही दवा लिखने आता है। हलात भी यही कहता है कि यहाँ वैसे डाँक्टर सरकारी अस्पताल में धड़ल्ले से आपदा (सड़क दर्घटना) में जीवन और मौत से जुझ रहें मरीजों का ईलाज कर रहे है जीन्हे आपदा की परिस्थितियों में क्या करना है का ज्ञान ही नहीं है और जनता से ज्या स्वयं को संतुलन खो देते है। डाँकटरो ने अपने जबाब देही को निभाने के जगह दुसरे के पद का बखूबी जबाबदेही भी निभा रहे है तथा अपने पैथ को छोड़कर मरीजों को दुसरे पैथ का अंग्रेजी दवा भी खिलाते नजर आ रहे है।
भग्वान का उपाधी प्राप्त कर चुके डाँक्टर में अल्प ज्ञान होने के कारण मरीजों के साथ बखूबी बतमीजी भी करते नजर आते है और यह भी कहते दिख रहे हैं कि जब सबकुछ हमे बुझाता ही तो हम पटना पीएमसीएच में नहीं होते, यहाँ क्यों रहते। हमें पुर्जा मत दिखाओ, क्या हुआ है बताओ, रोगी जब डाँक्टरों से ईलाज की पर्ची देखने के लिए आग्रह करते है तो ईलाज के सभी कागजात फेक दिया जाता है और जहनुम में जाने का नसीहत भी दिया जाता है।
आप भी हैराण होंगे, यह मामला कहाँ का है तो आप भली भाँति जान लें।
यह हाल बिहार राज्य का औरंगाबाद जिले का रेफर हाँस्पीटल कुटूम्बा का है जहाँ एक ड्रेस र भी नहीं है और एक हैं भी तो आदत व अवस्था से मजबूर, लकवा ग्रस्त है

रेफरल हाँस्पिटल कुटुम्बा का आज हलात आज बद से बदत्तर है, चंद माह पहले यहाँ एक ऐसे डाँक्टर थे जिसके बदौलत पुरा हाँस्पीटल चलता था और मरीजों के जान भी बचते थे जिसे कमीशन खोर नेताओं नें तबादला करा दिया और अपनी कमीशन की भागीदारी जनता के जान को जोखिम में डालकर निभा रहे हैं।
अगर यह कहाँ जाय की एसी में बैठे हमारे देश के लोग भ्रष्टाचार के आकंठ में डूबे लोगों को प्रोत्साहित व समानित कर जनता को मौत की घाट उतारने का तौफा देते आ रहे है तो इसमें कोई अतिश्योक्ति नहीं होगा।

रेफर हाँस्पिटल कुटुम्बा पर एक नजर डालें और बतायें, क्या अब भी आपको ऐसा नहीं लगता है कि देश के जिम्मेदार व जबाबदेह पद डाँक्टर, शिक्षक ,इंजीनियरव सैनिकों की बहाली कंपटीशन के आधार पर होनी चाहिए

प्रबुद्ध जनो ने सरकार एवं वोट की राजनीति मे जुड़े लोगों तथा जात वाद व आरक्षण की जहर घोल चूके लोगों से जानना चाहा है कि मौत की बढ़ते दरे के लिए आखिर जबाबदेह कौन है ? (क) सरकार (ख) मानदेय पर नियोजन (ग) आरक्षण के तहत नियोजन अथवा तीनों हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button