किशनगंजबिहारब्रेकिंग न्यूज़राज्य

किशनगंज : चैत नवरात्रि के दूसरे दिन महाकाल मंदिर में हुई मां ब्रह्मचारिणी की पूजा अर्चना

ॐ ऐं ह्रीं क्लीं ब्रह्मचारिण्यै नम:।

ह्रीं श्री अम्बिकायै नम:।

किशनगंज, 10 अप्रैल (के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, देशभर में चैत्र नवरात्र के पर्व बेहद उत्साह के साथ मनाया जाता है। चैत्र नवरात्र का दूसरा दिन मां ब्रह्मचारिणी को समर्पित है। इस दिन मां ब्रह्मचारिणी की विशेष पूजा और व्रत करने का विधान है। चैत्र नवरात्र की शुरुआत 09 अप्रैल से हो चुकी है। बुधवार को महाकाल मंदिर के पुरोहित गुरु साकेत ने बताया कि हिंदू शास्त्रों में वर्णित है कि मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से साधक को यम, नियम के बंधन से मुक्ति मिलती है। साथ ही वह साधक कठिन संघर्षों में भी अपने कर्तव्य-पथ से विचलित नहीं होता। मां ब्रह्मचारिणी की कृपा से उसे सिद्धि और विजय प्राप्त होती है। पौराणिक कथा के अनुसार ब्रह्म को प्राप्त करने के लिए देवी भगवती ने तपस्या की थी इसलिए इनका नाम ब्रह्मचारिणी पड़ा। गुरु साकेत ने कहा कि नवरात्रि के दूसरे दिन प्रातः स्नान ध्यान करने के बाद मंदिर की सफाई करें। इसके बाद मंदिर में एक चौकी पर मां ब्रह्मचारिणी की मूर्ति या प्रतिमा स्थापित करें। इसके बाद मां ब्रह्मचारिणी को पंचामृत से स्नान करवाएं। सफेद रंग माता का प्रिय माना गया है, ऐसे में पूजा के दौरान उन्हें सफेद फूल और वस्त्र अर्पित करें। इसके बाद माता को रोली, चंदन, अक्षत और लाल गुड़हल का फूल चढ़ाएं। इसके साथ ही मां के इस स्वरूप को मिश्री, दूध और पंचामृत का भोग लगाएं। भोग के बाद मां ब्रह्मचारिणी के मंत्रों का जाप करें। गुरु साकेत ने बताया कि मां ब्रह्मचारिणी को ज्ञान, तपस्या और वैराग्य की देवी माना जाता है। कठोर साधना और ब्रह्म में लीन रहने के कारण इन्हे ब्रह्मचारिणी कहा गया है। विद्यार्थियों के लिए और तपस्वियों के लिए इनकी पूजा बहुत ही शुभ फलदायी होती है। जिन लोगों का चन्द्रमा कमजोर होता है, उनके लिए भी मां ब्रह्मचारिणी की उपासना अत्यंत शुभ और फलदायी मानी जाती है। उन्होंने बताया कि चन्द्रमा मजबूत करने के लिए नवरात्रि के दूसरे दिन देवी को सफेद पुष्प अर्पित करें और सफेद वस्तुओं का भोग लगाएं। देवी को चांदी का अर्ध चंद्र भी अर्पित करें। इसके बाद “ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चन्द्रमसे नमः” का कम से कम 3 माला जाप करें। अब अर्धचंद्र को लाल धागे में पिरोकर गले में धारण कर लें।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button