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किशनगंज : एक तरफ प्रधान सचिव शिक्षा विभाग बिहार पटना का आदेश..दूसरे तरफ आदेश का खुल्लम खुल्ला उलंघन..

आरटीआई कार्यकर्ता-सह-समाजसेवी, आबिद हुसैन

सभी पदाधिकारी को लिखने के बावजूद भी शिक्षक स्कूल ना जाकर कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं।कोई साजिश तो नहीं है..? जिला के शिक्षा व्यवस्था को चौपट करने की…!

दिनांक-04.02.2020 समय 12:24 बजे जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय के सामने शिक्षक अपना समय काट रहे है।जबकि इन लोगो का समय अभी विद्यालय में है।अगर यह भी मान लिया जाए कि शिक्षक परीक्षा ड्यूटी में है तब भी इनको अपना सेंटर पर होना चाहिए था।उक्त फ़ोटो जो जो शिक्षक दिख रहे है वो डिप्टेशन पे है।अभी किशनगंज शिक्षा विभाग में डिप्टेशन का खेल जोरो पर चल रहा है, जिससे शिक्षक स्कूल नही जाकर अधिकारियों का कार्यालय का चक्कर लगाते अक्सर दिखने को मिलता है।जिससे छात्र/छात्रोंओ का भविष्य के साथ खिलवाड़ तो है ही, और वरीय पदाधिकारी अधिकारियों का आदेश का खुल्लम खुल्ला उलंघन वो अलग।अब तो ये सब चर्चा शहर के पान दुकान, चाय दुकान पर भी सुनने को मिलता है।फिर भी कोई फर्क नही…

शिक्षा विभाग के विभिन्न शिक्षकों की प्रातिनियुक्ति किया गया है या नहीं इसकी मासिक समीक्षा करने का दायित्व जिला शिक्षा पदाधिकारी एवं संबंधित प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी की है।वे मासिक रूप से संबंधित जिला पदाधिकारी को अवगत करायेंगे कि उनके क्षेत्र के अन्तर्गत किसी भी शिक्षक की प्रतिनियुक्ति किसी भी पदाधिकारी के आदेश से नहीं की गयी है।साथ ही यह सुनिष्चित करायेगे कि ऐसी प्रतिनियुक्ति किसी भी स्तर से नहीं की जाय।इस कार्य के लिए जिला स्तर पर जिला शिक्षा पदाधिकारी एवं प्रखंड स्तर पर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी व्यक्तिगत रूप से जिम्मेवार होंगे।

किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, जिला शिक्षा पदाधिकारी किशनगंज, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना-1 किशनगंज, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी किशनगंज, यहाँ तक जिला पदाधिकारी किशनगंज, क्षेत्रिय शिक्षा उप निदेशक पूर्णिया प्रमंडल पूर्णिया, प्रधान सचिव शिक्षा विभाग, बिहार पटना, को जानकारी देने के बाबजूद भी किशनगंज शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों/अधिकारियों को कोई फर्क नही पड़ने वाला है।उत्क्रमित मध्य विद्यालय जुलजुली किशनगंज की बात करे तो ये स्कूल कक्षा 1 से 8 तक है।इस विद्यालय में 279 छात्र/छात्रा नामंकित है।शिक्षक कुल 9 है।जिसमे 5 शिक्षक परीक्षा ड्यूटी (इंटर का) में है।और एक शिक्षिका डिप्टेशन पे है।आपको मालूम हो कि स्कूल का क्लास रूम कुल 7 है, जिसमे 3 कमरा बिल्कुल ही चलने लायक नही है।छत भी क्रेक किया हुआ है।आनंदायी कक्ष है पर बच्चो को बैठने का कोई व्यवस्था नही है टूटा फूटा पलस्तर में बच्चे बैठने को मजबूर है।उत्क्रमित मध्य विद्यालय जुलजुली के प्रधानाध्यापक, मोo सादिक अमीन से पूछने पर उन्होंने बताया कि विद्यालय विकाश राशि 75 हजार रुपया विद्यालय को दिया गया था।जो रिपेयरिंग वैगरा..करवाए।उपयोगिता प्रमाण पत्र अब तक नही जमा किया गया है।वही बात करे किशनगंज जिले के पोठिया प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय टुपामारी, की इस विद्यालय का हाल आप देख लीजिए कितने बच्चे हैं और कितने शिक्षक हैं ? एक भी बच्चे स्कूल ड्रेस में नहीं है।प्रधान शिक्षक और एक शिक्षिका इस स्कूल को चला रही है।उसमें भी प्रधान शिक्षक गायब मिले क्या हो गई है किशनगंज की शिक्षा व्यवस्था को ? कहीं शिक्षक नहीं है और कहीं शिक्षक है तो वो कार्यालय में रखा जा रहा है।कार्यालय का कार्य करने के लिए।वही किशनगंज प्रखंड अंतर्गत चकला पंचायत का प्राथमिक विद्यालय आदिवासी टोला, चकला घोर अनियमित्ता और वित्तिय मदो के दुरुपयोग का शिकार हो रहा है।उक्त परिस्तिथि में पूर्णतः अनुसूचित जाति एव अनुसूचित जनजाति वाले पोषक क्षेत्र में बच्चो के भविष्य के साथ खिलवाड़ एव उनके अधिकारों का हनन हो रहा है।विद्यालय में वर्ष 2018-19 में विद्यालय विकास एवं रख-रखाव मद से विद्यालय में रंग रोगन नही करवाया गया है तथा वर्ग एक एवं दो में आनंददायी कक्ष का निर्माण भी नही करवाया गया है।उक्त मद में गबन प्रत्येक वर्ष इसी प्रकार किया जाता है।विद्यायल में ना ही चापा कल है और ना शौचालय उपयोग के लायक है जबकि अपूर्ण शौचालय को कागज पर पूर्ण  दिखाया गया है।उक्त परिस्तिथि में वंचित समाज के बच्चे आज भी शुद्ध पेयजल और शौच के मौलिक अधिकारों से वंचित है।ध्वनि प्रसार यंत्र एवं खेल सामग्री का क्रय नही किया गया है।उक्त मदो से प्रधान शिक्षक द्वारा पूर्णतः गबन कर लिया गया है।मध्याह्न भोजन नियमित संचालित नही होता है (माह में यदा-कदा) मेनू और निर्धारित मात्रा का अनुसरण नही किया जाता है साथ ही विद्यालय में मेनू बोर्ड अंकित नही है।विद्यालय की अव्यवस्था का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि विद्यालय में एक घण्टी तक उपलब्ध नही है।

वही बात करे किशनगंज जिले के पोठिया प्रखंड के उoउoविo हल्दागाँव की ये स्कूल 1 से 10 तक है।इस स्कूल में 277 छात्र/छात्राएं नामंकित है।शिक्षक कुल 8 है।जिसमे प्रकाश कुमार ठाकुर शिक्षक वर्ष 2018 से जिले में डिप्टेशन पे है..जबकि डिप्टेशन करने का कोई प्रावधान नही है।अब बात करते है किशनगंज जिले उत्क्रमित मध्य विधालय, बहेराकोल 2 की इस स्कूल में बच्चे की संख्या 325 है।और शिक्षकों की संख्या-9 जिसमे दो शिक्षक डिप्टेशन पे है।जबकि डिप्टेशन करने का प्रावधान है ही नही..तब किस नियम के तहत जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना 1 के हस्ताक्षर से किया गया है।विद्यालय के विकाश राशि मे महागबन है।जो जांच का विषय है।रसोइया का कहना था कि दो माह से हम लोगो का तनख्वाह नही मिला है।विद्यायल में दिनांक-23.01.2020 को छात्रों की उपस्थिति संख्या 20 से 25 था।और शिक्षको का मात्र 03।क्या है प्रधान सचिव शिक्षा विभाग बिहार पटना का आदेश..शिक्षा के अधिकार अधिनियम, 2009 अप्रैल, 2010 से प्रभावी है।अघिनियम की धारा 27 में यह प्रावधानित है कि कोई भी शिक्षक दसवर्षीय जनगणना, आपदा सह्हाय तथा विधान मंडल, संसद एवं स्थानीय निकास के चुनाव को छोड़ अन्य किसी भी गैर शैक्षणिक कार्यो के लिए प्रतिनियुक्त नहीं किये जायेंगे।इस क्रम में भारत सरकार द्वारा यह निदेशित किया गया है कि चुनाव संबंधी कार्य यथा प्रशिक्षण, चुनाव सामग्रियों की प्राप्ति, मतदान एवं मतगणना से संबंधित कार्य शिक्षण के लिए निर्धारित कार्य दिवसों/समयावधियों में किये जा सकते है, लेकिन मतदाता सूची के निर्माण/पुनरीक्षण का कार्य गैर शैक्षणिक कार्य दिवसों, अवकाश एवं छुट्टियों के दिन में ही किया जाय अर्थात् मतदाता सुची से संबंधित किसी भी कार्य का प्रभाव शिक्षक के शैक्षणिक गतिविधियों पर न पड़े।हाल में अनौपचारिक सूत्रों से सुचनायें प्राप्त हो रही है कि स्पष्ट निदेश के बावजूद स्थानीय स्तर पर शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों द्वारा या अन्य प्रशासनिक पदाधिकारियों द्वारा शिक्षकों की प्रविनियुक्ति स्थानीय स्तर पर की जाती है।यह अत्यन्त ही खेदजनक है और इसे किसी भी स्थिति में बर्दाष्त नहीं किया जयेगा।अतः सम्यक वियारोपरान्त निर्णय लिया जाता है कि विभाग के पूर्वानुमति के बिना किसी भी प्रकार की प्रतिनियुक्ति वर्जित रहेगी।भविष्य में अगर ऐसा दृश्टांत पाया जाता है कि ऐसी प्रतिनियुक्ति की गयी है तो उक्त प्रतिनियुक्ति अवधि का भुगतान शिक्षा विभाग का दायित्व नहीं होगा और उक्त व्यक्ति द्वारा किये गये कार्य के भुगतान हेतु वह पदाधिकारी जिम्मेवार होगा, जिनके द्वारा प्रतिनियुकित की गयी है।इसके अतिरिक्त उक्त प्रतिनियुक्ति करने वाले पदाधिकारी पर अनुशासनिक कार्रवाई भी की जा सकेगी।

 

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