विचार

जय भवानी।।…

पटना डेस्क :- षड़यंत्रपूर्वक जयभवानी का नारा लगाने वालों को फिल्मों व कहानियों के माध्यम से डाकू, लुटेरा, या नकरात्मक छवि वाला दिखाया गया, क्योंकि भारतीय सनातनी आर्मी यानि क्षत्रिय लोगों द्वारा, परंपरा के रूप में जय भवानी का नारा लगाया जाता था, जैसे वर्तमान में ब्रिटिश एक्ट 1860 पर आधारित, आर्मी या पुलिस द्वारा, सेल्यूट किया जाता हैं। जय भवानी का नारा लगाने का कोई दुष्प्रभाव नहीं हैं लेकिन सेल्यूट करने या धरती पर पैर पटकने से शरीर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता हैं। यदि सेना भारतीय हैं तो वह पश्चिमी परम्पराओं का अनुसरण क्यों करती हैं और जब उन्हें सेल्यूट करने में कोई समस्या नहीं, तो फिर अभिवादन स्वरूप * जय भवानी * बोलने में क्या समस्या हैं ? जब सेना में स्वदेशी हथियारों को बढ़ावा मिल सकता हैं, तो स्वदेशी परम्पराओं को क्यों नहीं ?? विजय

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