अपराधताजा खबरप्रमुख खबरेंब्रेकिंग न्यूज़राज्य

किशनगंज : शिक्षा विभाग अपने कर्मचारियों से काम लेने में इतना गंभीर रुख रखता है की वो मरने के बाद भी शिक्षकों से काम लेने में पीछे नहीं हटता..

प्रखंड विकास पदाधिकारी के कार्यालय से कुल 214 शिक्षकों को ईद-उल-अजहा यानी बकरीद के मौके पर जिले की विधि-व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिले के विभिन्न धार्मिक स्थलों में प्रतिनियुक्ति आदेश जारी किया गया है।

  • शिक्षा विभाग का कमाल, मृत और रिटायर शिक्षकों की लगा दी ड्यूटी।
  • शिक्षा विभाग अपने कर्मचारियों से काम लेने में इतना गंभीर रुख रखता है की वो मरने के बाद भी शिक्षकों से काम लेने में पीछे नहीं हटता तभी तो बकरीद के दिन विधि-व्यवस्था बनाने को लेकर मृत और रिटायर शिक्षकों की भी ड्यूटी लगा दी गयी है।
  • इतना ही नहीं ड्यूटी पर तैनात शिक्षकों को गैरहाजिर होने पर कार्रवाई का अल्टीमेटम भी दिया गया है। 

बकरीद पर धार्मिक स्थलों की सुरक्षा में मृत और रिटायर शिक्षकों की ड्यूटी शिक्षा विभाग ने लगायी है। ड्यूटी में तैनात शिक्षकों के गैरहाजिर होने पर कार्रवाई का अल्टीमेटम भी दिया गया है।किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, किशनगंज में शिक्षा विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आयी है। यहां शिक्षा विभाग के अफसरों और बाबुओं ने सालों पहले मर चुके और रिटायर हो चुके शिक्षकों का नाम ड्यूटी रोस्टर में डाल दिया है। किशनगंज में शिक्षा विभाग अपने कर्मचारियों से काम लेने में इतना गंभीर रुख रखता है की वो मरने के बाद भी शिक्षकों से काम लेने में पीछे नहीं हटता, तभी तो बकरीद के दिन विधि-व्यवस्था बनाने को लेकर मृत और रिटायर शिक्षकों की भी ड्यूटी लगा दी गयी है। इतना ही नहीं ड्यूटी पर तैनात शिक्षकों को गैरहाजिर होने पर कार्रवाई का अल्टीमेटम भी दिया गया है। किशनगंज प्रखंड विकास पदाधिकारी के कार्यालय से कुल 214 शिक्षकों को ईद उल अजहा यानी बकरीद के मौके पर जिले की विधि-व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिले के विभिन्न धार्मिक स्थलों में प्रतिनियुक्ति आदेश जारी किया गया है। BDO के दफ्तर से 20 जुलाई को पत्रांक संख्या 949 के तहत शिक्षकों की सूची जारी की गयी। इस सूची के मुताबिक 214 में से 11 ऐसे शिक्षक हैं, जो अब सेवा के लिए उपलब्ध नहीं है। इनमें से 6 शिक्षक सेवानिवृत्त हो चुके हैं, जबकि 5 शिक्षकों की सालों पहले मौत हो चुकी है। BDO दफ्तर से जारी सूची में किशनगंज के रुईधासा भाटिया बस्ती स्थित हनुमान मंदिर में तैनात राम कुमार दास का नाम शामिल है। जो सालों पहले दुनिया छोड़कर जा चुके हैं। शिक्षक सियानंद पासवान, बलदेव मालाकार, दीपक बोसाक और शिक्षिका अनामिका की भी मौत हो चुकी है, लेकिन सूची के मुताबिक वो ड्यूटी पर तैनात रहेंगे। वहीं, शिक्षक शिव शंकर राम, हरि प्रसाद यादव, सुनील कुमार चौधरी, रवीन्द्र नाथ, तारकेश्वर प्रसाद सिंह, ओम प्रकाश हांसदा रिटायर हो चुके हैं, लेकिन इन सभी को ड्यूटी पर मौजूद रहने को कहा गया है। मामले को तुल पकड़ता शिक्षा विभाग और बीडीओ एक दूसरे पर दोषारोपण करने में लग गए हैं। शिक्षा विभाग के पदाधिकारी का कहना है कि शिक्षा विभाग से कोई सूची नहीं भेजी गई थी। बीडीओ स्तर से ही वहां मौजूद शिक्षकों की सूची के आधार पर ड्यूटी लगा दी गई। सवाल उठने लगा है कि पदाधिकारी आंख मूंदकर सूची के आधार पर शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति कर अपना काम समाप्त कर लिए।ऐसे में अगर प्रतिनियुक्त किए गए शिक्षक नहीं पहुंचे और उन जगहों पर कोई अप्रिय घटना घट गई तो इसकी जिम्मेदारी किसकी होगी ? शिक्षा विभाग की इस लापरवाही ने सभी को सकते में डाल दिया है। साथ ही ये सवाल भी खड़ा हो गया है कि यदि किसी कारण से मौके पर विधि-व्यवस्था खराब होती है, तो उसकी जिम्मेदारी किसकी होगी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button