‘अल्पसंख्यक कल्याण में नीतीश का योगदानरू एक नई मिसाल’– अंजुम आरा

मुकेश कुमार/जद (यू0) प्रदेश प्रवक्ता श्रीमती अंजुम आरा ने मीडिया में जारी बयान में कहा कि मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने अल्पसंख्यक समुदाय को उनका वाजिब अधिकार और सम्मान दिलाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी शासनकाल के दौरान हाशिए पर पहुंचे अल्पसंख्यक समुदाय के कल्याण के लिए मुख्यमंत्री नीतीश ने क्रांतिकारी फैसले लिए जिसका परिणाम है कि अल्पसंख्यक समुदाय आज सम्मानपूर्वक जिंदगी जी रहा है।
पार्टी प्रदेश प्रवक्ता ने अल्पसंख्यक समुदाय के उत्थान के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सरकार की योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि साल 2004-05 में जहां अल्पसंख्यक कल्याण के लिए बजट महज 3 करोड़ 53 लाख हुआ करता था वहीं साल 2024-25 में बढ़कर 1004 करोड़ 22 लाख रुपये हो गया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के शासनकाल में अल्पसंख्यक समुदाय के युवाओं, छात्रों के कल्याण के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही है जिनमें प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना, मुख्यमंत्री विद्यार्थी प्रोत्साहन योजना, अल्पसंख्यक छात्रावास निर्माण योजना, बिहार राज्य अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय योजना प्रमुख हैं।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार की सरकार ने अल्पसंख्यक समुदाय के लिए कब्रिस्तान घेराबंदी योजना लागू की और साल 2006 से ही कब्रिस्तानों की घेराबंदी का काम शुरु किया गया। इस योजना के तहत पहले चरण तक अबतक कुल 8 हजार 64 कब्रिस्तानों की घेराबंदी का काम पूरा कर लिया गया है। बाद में साल 2021 में 1 हजार 209 कब्रिस्तानों की घेराबंदी का काम शुरु किया गया है जो कि जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा। वहीं अल्पसंख्यक मुस्लिम परित्यक्ता/तलाकशुदा महिला सहायता योजना के तहत मुस्लिम महिलाओं को स्वरोजगार के लिए 25 हजार रुपए की राशि उपलब्ध कराई जा रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अत्यंत पिछड़ा वर्ग सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना के तहत अल्पसंख्यक समुदाय अंतर्गत अत्यंत पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों को आगे की तैयारी में सहयोग के लिए यूपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा उत्तीर्ण करने पर 1 लाख रुपये एवं बीपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा उत्तीर्ण करने पर 50 हजार रूपये प्रोत्साहन स्वरूप देने का प्रावधान किया गया है।
साल 1990 से लेकर 2005 तक के आरजेडी शासनकाल का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी ने मुस्लिमों का सिर्फ तुष्टीकरण किया है जिसका सबसे बड़ा प्रमाण सच्चर कमीशन की रिपोर्ट है। उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी के शासन काल में कुल मिलाकर 130 दंगे हुए और इन दंगों में 26 हजार लोगों की मौत हुई। इतना ही नहीं साल 1989 में कांग्रेस शासन के दौरान भागलपुर में भीषण दंगे हुए, इस दंगे में सरकारी आंकड़ों के मुताबिक करीब 1 हजार लोग मारे गए। लेकिन 15 साल के लालू- राबड़ी शासनकाल के दौरान पति- पत्नी की सरकार ने दंगा पीड़ितों के आंसुओं को पोंछने का कोई काम नहीं किया। इतना ही नहीं उस दौरान भागलपुर दंगों के मुख्य आरोपी कामेश्वर यादव को बचाने की खातिर लालू प्रसाद यादव ने कानून को ताक पर रखने का काम किया और उसे प्रशस्ति पत्र देने का काम किया। ये तो मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी का सुशासन है कि उस दंगे के मुख्य आरोपी कामेश्वर यादव को आजीवन कारावास की सजा हुई साथ ही उस दंगे के आरोपी कामेश्वर यादव को लालू प्रसाद और राबड़ी देवी की सरकार ने जिस प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया था उसे भी माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार की सरकार ने वापस लेने का काम किया।