रणधीर दुबे
पाटन – चंद्रमा कुमारी के द्वारा चेतमा अंकराहा, खाम्ही , राजहरा का सामूहिक यात्रा किया गया जिसमें ग्रामीणों का आरोप था पूर्व के प्रत्याशी जो भी आए हैं जितने से पहले बहुत लंबा लंबा भाषण देते हैं लेकिन जीतने के बाद इधर ताकने तक भी नहीं आते हैं। लोगों ने जब कहा कि इन सब के लिए कुर्सी निकालो तब एक ग्रामीण ने कहा कि गांव में कुर्सी कहां से निकलेगा खाने के लिए अनाज भी नहीं है? हम लोगों के पास अगर कोई बीमार पड़ जाता है तो पैदल चलना मुश्किल हो जाता है। बरसात के दिन में तो रात गुजारते हैं रतजगा कर करके और दो चकिया वाहन जाने में भी बहुत दिक्कत है हालांकि बाद में धीरे-धीरे व्यवस्था करके 8 – 10 कुर्सियों की व्यवस्था की गई। चंद्रमा कुमारी के द्वारा देखा गया खुद उनकी गाड़ी पार करने के लिए गांव के ही किसी व्यक्ति ने कुदाल लाकर के पहले गढा को भरा गया उसके बाद गाड़ी पार हुआ। बहुत सारी महिलाएं यह कह रही थी कि आदिवासी को देखने वाला कोई नहीं है। लोग बहुत बड़ी-बड़ी बात करते हैं काम कोई नहीं करता है हम लोग सबको वोट देकर के देख लिए हैं। किस पर विश्वास करें और कैसे विश्वास करें ? इस पर चंद्रमा कुमारी ने कहा कि आप जैसे सबको मौका दिए एक बार हमको भी मौका दीजिए, शिकायत का कोई मौका नहीं मिलेगा। ग्रामीण महिलाओं के साथ जाते हुए उनके घर द्वार को उन्होंने देखा, अफसोस भी जाहिर किया और कहा कि आजादी के इतने वर्षों बाद भी आज इस क्षेत्र में लोग गुलामी का जीवन जी रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी परिवर्तन यात्रा कर रही है, अतः आप सबसे निवेदन है कि इस बार आप लोग भी परिवर्तन कर दीजिए अभी इससे ज्यादा हम और क्या आग्रह कर सकते हैं। मौके पर 40 – 50 व्यक्ति उपस्थित थे।