Uncategorized

Covid 19 में भारी पैमाने पर जन वितरण द्वारा की गई कालाबजारी की खबर से शासन सुशासन की खुली पोल ।।….

गुड्डू कुमार सिंह  भोजपुर वैश्विक महामारी में गरीबों के लिये सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई अनाज का वितरण शत प्रतिशत के जगह 20 से 30 % तक होना सरकार का सारा पहल व्यर्थ होते दिख रहा हैं।लॉक डाउन में जहाँ भुखमरी से बचाने के लिये सरकार द्वारा नियम कानून उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिये बनाये गए उसे जमीन पर किस तरह रौंद गया और कालाबजारी की अमर बेल पर लगातार मालामाल होता रहा जिसका जीता जागता उदाहरण हैं covid -19 में भी आरा में हो रहा अनाज की कालाबजारी जिसमें वार्ड 45 के डीलर रविशंकर प्रशाद भी पीछे नहीं , वस्तु इस्थिति की भौतिक सत्यापन और सामने आए आकट्टय्य सत्य से ऐसा प्रतीत होता हैं कि भसुशासन की सरकार में कालाबजारी के आगे शाशन सुशासन मूकदर्शक बने हुए हैं।आरा के कई वार्ड सहित पावरगंज इस्थित डीलर रविशंकर प्रसाद द्वारा प्रत्येक माह शत प्रतिशत अनाज का उठाव और वितरण मात्र 30 से 40 % और करवाई के नाम पर अभी तक 2 बार स्पस्टीकरण।

सरकार का नियम हैं 70 % कम वितरण वाले डीलर पर होगी करवाई फिर क्यों नही हुई रविशंकर पर अभी तक करवाई ?

सरकारी / ग़ैर सरकारी / पेंशन भोगी / पक्के के बहुमंजिला मकान एवं चारपहिया वाले एवंहह व्ययसाई के साथ साथ रशुखदार लोग जो आपत्र होते हुए PHS राशन कार्ड का कैसे ले रहे हैं लाभ

आरा के कई वार्ड सहित पावरगंज इस्थित डीलर रविशंकर प्रसाद द्वारा Covid 19 में गरीबो के निवाला व अपात्रों के नाम पर हर माह अनाज वितरण दिखा कर , लाखो रुपये का अनाज बेच कालाबजारी किया जा रहा हैं , सम्बंधित विभाग को कई लोगो द्वारा जनकारी देने के बाद भी करवाई के नाम पर लीपापोती कर अनेकों बार सिर्फ शोकॉज कर छोड़ दिया जा रहा हैं जिसके वजह से कालाबजारी चरण सीमा पर लेकिन लंबी पहुंच व हाई प्रोफाइल पैरवी व पैसे के बल पर करवाई के नाम पर सिर्फ कोरम पूरा किया जा रहा हैं ।

सूत्रों की माने तो इस तरह का खेल आरा शहर के अनेको वार्ड में चल रहा हैं लेकिन ये मामला आरा नगर निगम के वार्ड नम्बर 45 से हैं।पिछले दिन आम जनों के शिकायत के बाद पॉवर गंज इस्थित जन वितरण प्रणाली डीलर रविशंकर प्रशाद पर एक पद्धकारी द्वारा जांच क्या कीया गया वे आपत्र कार्डधारकों को फसाना शुरू कर दिये।रविशंकर प्रशाद डीलर द्वारा अपने स्टाफ के माध्यम से आपत्र ग्राहकों को फंसाने के प्रयास किया जा रहा हैं ।आज तक जिन परिवार को पिछले कई महीनों से अनाज से वंचित रखा गया और आपत्र कह कर अपने दुकान पर खड़ा होने तक नही दिया जा रहा था और नियम कानून का हवाला देते हुए बताया जा रहा था कि :- सरकारी / गैर सरकारी नॉकरी / पेंशन भोगी वाले हैं /आपका पक्का का मकान हैं जिसमे 3 कमरों से ज्यादा हैं / आपके पास 2 पहिया 4 पहिया वाहन हैं /आप इन्कमटेक्स वहन करने वालो के लिये यह अनाज नही हैं।रविशंकर प्रसाद के स्टाफ ने उपरोक्त बातों को तो सही कहा था लेकिन अब अपने आप को जाँच में फंसते देख कई आपत्र परिवार को फसाया जा रहा हैं । अब इन्ही आपत्र व्यक्तयो को अनाज देने के नाम पर हस्ताक्षर कराया जा रहा हैं जबकि हस्ताक्षर करने वाले को पता भी नही हैं कि मै किस लिये हस्ताक्षर कर रहा हूँ ।
आप सभी से आग्रह है कि कोई भी हस्ताक्षर करने से पहले सोचे कि आपका डीलर क्या मामलों में आपका हस्ताक्षर करा रहा हैं । क्योंकि कहि ऐसा तो नही 2 से 3 महीना अनाज देकर आपके अंगूठे मशीन में लगाकर अपने आपको बचाते हुए आपको फसाने का पूरा षडयंत्र किया जा रहा हैं।कई जाँच में रविशंकर द्वारा की गई अनिमितता उजागर हुईं लेकिन पैसों के बल पर अनेकों बार सिर्फ शो कॉज ही हुआ हैं क्यों। covid 19 में सरकार द्वारा सभी डीलर को फ्री अनाज वितरण करने के लिए दिया गया ,जिसे रविशंकर प्रशाद द्वारा मात्र 20 से 30% ही वितरण किया गया जबकि पिछले 1 वर्षों में इन्होंने 100% वितरण दिखाया है जो जाँच का विषय हैं ..?

उदहारण स्वरूप :- जनवरी फरवरी मार्च 2020 में इनके द्वारा 100 % वितरण दिखाया गया हैं जिसकी जाँच अनिवार्य हैं उक्त माह में अपने अंगूठा लगाकर 80 % फर्जी वितरण दिखया गया है , और वही अप्रैल एव मई 2020 में 20 से 30 % एवं जून में मात्र 40 % उसमे भी कई लोगो का अंगूठा kyc के नाम पर लगया गया हैं जो जाँच का विषय हैं।जिस डीलर का मार्च 2020 तक सत प्रतिशत आवंटन व वितरण होता था उसका अचानक अप्रले – मई 2020 से 20 – 30 प्रतिशत जून में 40 प्रतिशत हुआ तो एका एक 60 % ग्राहको को जमीन खा गया या आसमान निगल गया , उसके बाद भी इन पर करवाई न होना सरकार पर सवाल खड़ा करता हैं ।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button