राजनीतिराज्य

*लालू के डर से भाजपा को और भाजपा के डर से लालू को वोट दे रहे बिहारी – प्रशांत किशोर*

*मतदाताओं में नहीं है उत्साह,दोनों गठबंधनों (एनडीए और इण्डिया) से परेशान हैं बिहारी*

जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर

पटना डेस्क/ जन सुराज‌ के संस्थापक और पदयात्रा अभियान के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने कहा है कि बिहार के लोग एनडीए और इण्डिया दोनों गठबंधनों की राजनीति से त्रस्त हो ऊब चुके हैं और दोनों गठबंधनों के नेताओं की कारस्तानियों से परेशान हो नये विकल्प की तलाश में हैं। यहीं कारण है कि अभी तक तीन चरणों के संपन्न हुए संसदीय चुनाव में मतदाताओं में कोई उत्साह नहीं दिखाई दिया है जिस कारण वोट प्रतिशत कम हुआ है। उक्त जानकारी आज़ यहां जारी एक बयान में प्रदेश मुख्य प्रवक्ता सह मीडिया प्रभारी संजय कुमार ठाकुर ने दी है। श्री ठाकुर ने बताया है कि बिहार की जनता एनडीए और इण्डिया दोनों गठबंधनों से त्रस्त है किन्तु विकल्प के अभाव में इन्हीं में से किसी को मतदान करने को मजबूर हैं। प्रशांत किशोर ने एक बार फिर स्पष्ट किया है कि बिहार के लोग लालू प्रसाद यादव के डर से भाजपा को और भाजपा के डर से लालू यादव को वोट देते हैं। आज़ इस संसदीय चुनाव में भी यही स्थिति दिखाई दे रही है। जन सुराज के प्रणेता प्रशांत किशोर के हवाले से श्री ठाकुर ने बताया है कि बिहार की जनता लालू प्रसाद यादव के पन्द्रह वर्षों के जंगल राज को याद करते ही कांपने लगते हैं । यहां के लोग नौवीं कक्षा फेल तेजस्वी यादव को कत्तई नेता मानने को तैयार नहीं है। अपने पिता के कारण वे राजद के नेता बन बैठे हैं जबकि उनकी समाज में कोई कमाई नहीं है। अनेक चुनावी सभाओं में झूठी झूठी घोषणाएं कर लोगों को पिता – माता की तरह ही बेवकूफ बनाने में जुटे हुए हैं। श्री ठाकुर ने कहा है कि ठीक उसी तरह बिहार के लोग प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की जुमलेबाजी से परेशान हैं। दस वर्षों के शासन में पीएम मोदी ने बिहार के लिए कुछ भी नहीं किया। एक भी कारखाना नहीं खोला और ना ही रोजगार और शिक्षा के लिए कोई काम किया। शिक्षा , स्वास्थ्य और रोजगार के लिए बिहारियों का दूसरे प्रदेशों में पलायन बदस्तूर जारी है। श्री ठाकुर ने कहा है कि जन सुराज के संस्थापक और पदयात्रा अभियान के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने बार- बार यह घोषणा की है कि बिहार की जनता लालू के डर से भाजपा को और भाजपा के डर से लालू को वोट देते हैं। आज़ भी संसदीय चुनाव में यही स्थिति है। दोनों गठबंधनों ने अपने-अपने शासन काल में बिहार के खजाने को लूटने, जातिवाद और धर्मवाद की राजनीति कर लोगों को बांटने का काम किया तथा बिहार के विकास के लिए कुछ भी नहीं किया। इस संसदीय चुनाव में भी मतदाताओं की स्थिति वैसी ही बनी हुई है। मजबूरी में वोट डालने का ही परिणाम है कि कि लोगों में उत्साह नहीं है और मतदान प्रतिशत कम होता जा रहा है। श्री ठाकुर ने कहा है कि आगामी विधानसभा चुनाव के पूर्व जन सुराज एक राजनीतिक दल के रूप में स्थापित होगा और बिहार की जनता के बीच एक मजबूत राजनीतिक विकल्प बनेगा।

श्री ठाकुर ने प्रदेश के सभी जन सुराजी भाइयों से अपने अपने क्षेत्र में खोले गए कैंप के माध्यम से *हर घर जन सुराज अभियान* को सफल बनाने में सक्रिय भूमिका निभाने की अपील की है।

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