राजनीति

2016 में लागू पूर्ण शराबबंदी के बाद बिहार में अमन-चैन का माहौल हुआ कायम: जद (यू0)…

मुकेश कुमार/जद (यू0) विधानपार्षद और मुख्य प्रदेश प्रवक्ता श्री नीरज कुमार और प्रदेश प्रवक्ता श्री अरविंद निषाद ने मीडिया में जारी एक बयान में कहा कि माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी की सरकार के द्वारा साल 2016 में बिहार में लागू किए गए पूर्ण शराबबंदी से राज्य में अमन-चैन का माहौल कायम हुआ है। उन्होंने कहा कि समाज में महिलाओं के प्रति हो रहे भेदभाव और अत्याचार को देख माननीय मुख्यमंत्री ने साल 2016 में बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू किए जाने की घोषणा की जिसका एकमात्र मकसद घरों में हिंसा और उपेक्षा की शिकार हो रही महिलाओं को उनका वाजिब अधिकार और हक दिलाना था।

इस दौरान पार्टी प्रदेश प्रवक्ताओं ने ‘नशा मुक्ति दिवस’ के मौके पर राज्य के लोगों से अपील करते हुए कहा कि माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी सरकार की तरफ से बिहार को पूर्ण रुप से नशा मुक्त बनाने के लिए गए संकल्प में अपना सहयोग प्रदान करें और बिहार को स्वस्थ प्रदेश बनाने में अपनी भूमिका का निर्वहन कर राज्य सरकार का सहयोग करें।

उन्होंने कहा कि राज्य में पूर्ण शराबबंदी लागू होने के बाद किए गए कई सर्वे में इसका सकारात्मक परिणाम देखने को मिला है। चाणक्य राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय और अनुग्रह नारायण सामाजिक अध्ययन संस्थान, पटना के द्वारा संयुक्त तौर पर किए एक सामाजिक सर्वेक्षण में करीब 80 फीसदी लोगों ने शराबबंदी के पक्ष में अपनी राय दी और कहा कि इस योजना से आम लोगों को फायदा हुआ है। सर्वे के दौरान 70ः लोगों का मानना है कि महिलाओं के सम्मान में वृद्धि हुई है और 40ः का कहना है कि पारिवारिक निर्णय में महिलाओं की भूमिका बढ़ी है। वहीं 80ः लोगों का मत है कि महिला को अकेले बाजार भ्रमण में पहले से ज्यादा स्वतंत्रता है। सर्वे में शामिल करीब 34 फीसदी

लोगों का मानना है कि पूर्ण शराबबंदी की वजह से राज्य में लोगों की बचत में बढ़ोतरी हुई है और लोग खुशहाल जीवन व्यतीत कर रहे हैं।

पार्टी प्रदेश प्रवक्ताओं ने इस दौरान आरजेडी पर निशाना साधते हुए कहा कि बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू करने को लेकर आयोजित मानव श्रृंखला में आरजेडी नेता लालू प्रसाद यादव और तत्कालीन उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी शामिल थे और बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू हो, इसको लेकर आरजेडी ने भी संकल्प लिया था। लेकिन इसके बावजूद जुलाई 2023 से लेकर जनवरी 2024 तक आरजेडी ने चुनावी चंदे की मिली कुल 70 करोड़ रुपए की राशि में शराब कंपनियों से करीब 46 करोड़ 64 लाख रुपया हासिल किया जो कि, उनको मिले कुल राजनीतिक चंदे का 63 फीसदी है। आरजेडी से सवाल पूछते हुए उन्होंने कहा कि ‘नशा मुक्ति दिवस’ के मौके पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ये बताएं कि क्या वो राज्य को पूर्ण रुप से नशा मुक्ति दिलाने में सहयोग का संकल्प लेंगे?

उन्होंने कहा कि शराबबंदी कानून के लागू होने से राज्य में सड़क दुर्घटनाओं में बड़े पैमाने पर कमी आई है। उन्होंने कहा कि शराबबंदी के लागू होने से लोगों के स्वास्थ्य पर अनुकूल प्रभाव पड़ा है जिससे कई तरह की बीमारियों में कमी देखने को मिली है।

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