राज्य

डीएम द्वारा लोक शिकायत एवं सेवा शिकायत के 20 मामलों की सुनवाई एवं समाधान किया गया

लोक शिकायत निवारण में अरूचि एवं संवेदनहीनता के आरोप में एक लोक प्राधिकार के विरूद्ध पाँच हजार रुपया का दंड लगाया गया

त्रिलोकी नाथ प्रसाद –बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम, 2015 एवं बिहार सरकारी सेवक शिकायत निवारण नियमावली, 2019 का सफल क्रियान्वयन प्रशासन की सर्वाेच्च प्राथमिकता; सभी पदाधिकारी इसके लिए सजग, संवेदनशील तथा सक्रिय रहेंः डीएम

जिलाधिकारी, पटना डॉ. चंद्रशेखर सिंह द्वारा आज अपने कार्यालय-कक्ष में बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम, 2015 के तहत द्वितीय अपील में तथा बिहार सरकारी सेवक शिकायत निवारण नियमावली, 2019 के तहत प्रथम अपील में शिकायतों की सुनवाई की गयी और उसका निवारण किया गया। लोक शिकायत निवारण में लापरवाही बरतने के आरोप में एक लोक प्राधिकार के विरूद्ध पाँच हजार रूपया का अर्थदंड लगाया गया।

डीएम डॉ. सिंह द्वारा आज लोक शिकायत एवं सेवा शिकायत के कुल 20 मामलों की सुनवाई की गई। 15 मामलों का ऑन द स्पॉट निवारण किया गया तथा 05 मामलो में अंतरिम आदेश पारित किया गया। 01 मामले में लोक शिकायत निवारण में अरूचि एवं संवेदनहीनता के आरोप में अंचल अधिकारी, सम्पतचक के विरूद्ध पाँच हजार रूपया का दंड लगाया गया। उनके द्वारा असंतोषजनक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया था।

दरअसल अपीलार्थी श्री बजरंगी कुमार सिंह, पिता स्व. रामचन्द्र सिंह, पताः ग्राम बरूणा, अंचल सम्पतचक, जिला-पटना द्वारा जिलाधिकारी के समक्ष लोक शिकायत निवारण हेतु द्वितीय अपील में वाद दायर किया गया था। अपीलार्थी की शिकायत परिमार्जन के तहत दिए गए आवेदन का निष्पादन करते हुए ऑनलाईन वेब पोर्टल पर जमाबंदी दर्ज करने के संबंध में है। जिलाधिकारी ने सुनवाई में पाया कि लोक प्राधिकार अंचल अधिकारी, सम्पतचक द्वारा असंतोषजनक प्रतिवेदन दिया गया है। परिवादी की शिकायत के निवारण के मामले में इनकी मंशा भी सही नहीं है। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि लोक प्राधिकार अंचल अधिकारी, सम्पतचक द्वारा लोक शिकायत निवारण में शिथिलता बरती जा रही है। परिवादी द्वारा अनुमंडल लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, पटना सदर के समक्ष दिनांक 27 अक्टूबर, 2023 को ही परिवाद दायर किया गया था। आठ महीना से अधिक की अवधि बीत जाने के बाद भी अंचल अधिकारी ने कोई सार्थक एवं ईमानदार प्रयास नहीं किया। जिलाधिकारी ने कहा कि किसी भी अधिकारी का यह व्यवहार लोक शिकायत निवारण की मूल भावना के प्रतिकूल है। यह लोक प्राधिकार की स्वेच्छाचारिता, शिथिलता तथा संवेदनहीनता को प्रदर्शित करता है। जिलाधिकारी द्वारा इन आरोपों के कारण लोक प्राधिकार अंचल अधिकारी, सम्पतचक के विरूद्ध 5,000/- रूपये का अर्थदंड लगाया गया। साथ ही उन्हें एक महीने के अंदर नियमानुसार कार्रवाई करते हुए परिवाद का विधिवत निवारण कर सुनवाई की अगली तिथि को स्पष्ट प्रतिवेदन के साथ उपस्थित रहने का निदेश दिया गया।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि लोक शिकायतों एवं सेवा शिकायतों का ससमय तथा गुणवत्तापूर्ण निवारण अत्यावश्यक है। लोक प्राधिकारों को तत्परता प्रदर्शित करनी होगी।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम, 2015 एवं बिहार सरकारी सेवक शिकायत निवारण नियमावली, 2019 का सफल क्रियान्वयन प्रशासन की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। सभी पदाधिकारी इसके लिए सजग, संवेदनशील तथा सक्रिय रहें।

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