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नई रिसर्च।…

पटना डेस्क:-सनातनी ज्ञान विज्ञान को, पिछली कई सदियों से पाखंड, अंधविश्वास का नाम देकर, सबके मन में आधुनिक विज्ञान के प्रति आकर्षण को बढ़ावा दिया गया, जिसका दुष्परिणाम हमारें सामने हैं और हमारे ज्ञान विज्ञान को नई नई रिसर्च और नया नाम देकर, उन्हें पुनः लोगों को मानने के लिए बाध्य किया जा रहा हैं। सारा खेल बौद्धिक संपदा की चोरी के लिए किया गया। वर्तमान में भी जो बातें पाखण्ड के नाम से प्रचारित हैं और स्वयं भारतीय ही उन्हें नकार रहे हैं, वह सभी बातें निकट भविष्य में, आधुनिक विज्ञान के नाम से ही प्रचारित की जाएंगी। सनातनी वैज्ञानिक ऋषि मुनि, निस्वार्थ भाव से सम्पूर्ण खोज करते थे, लेकिन वर्तमान वैज्ञानिक, स्वार्थपरक, धन के लिए आधी अधूरी खोजे करते हैं, इसलिए उन्हें अनेकों बार, स्वयं को खारिज करके, नई नई रिसर्च करना पड़ता हैं। विजय सत्य की ही होगी।

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