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*माननीय कृषि मंत्री की अध्यक्षता में बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर भागलपुर और संबद्ध महाविद्यालय की समीक्षा बैठक*

त्रिलोकी नाथ प्रसाद:-विश्वविद्यालय के छात्र/ छात्राओं को किसानों के खेत / गांवों में प्रायोगिक कक्षा की जाय किसानों के आवश्यकता के अनुरूप अनुसंधान किया जाए

आज कृषि भवन, मीठापुर, पटना में माननीय कृषि मंत्री श्री कुमार सर्वजीत की अध्यक्षता में बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर भागलपुर और संबद्ध महाविद्यालय की समीक्षा बैठक आयोजित किया गया। इस बैठक में सचिव कृषि विभाग श्री संजय कुमार अग्रवाल, कुलपति डॉ 0 डी0 आर 0 सिंह, निदेशक कृषि डॉ आलोक रंजन घोष, संबद्ध महाविद्यालय के प्राचार्य सहित वरीय वैज्ञानिकों ने भाग लिया।
माननीय कृषि मंत्री श्री कुमार सर्वजीत ने कहा कि कृषि विश्वविद्यालय को किसानों के समस्या के दृष्टिपथ में रखते हुए, उनकी आवश्यकता के अनुरूप अनुसंधान करना चाहिए। साथ ही, विलुप्त होती पौध प्रजातियों को सजोने और संरक्षित करने के लिए कार्य करना चाहिए। आज जब हम मोटे/ पोषक अनाज को बढ़ावा देने का कार्य कर रहे है तो सबसे बड़ी समस्या बीज की उपलब्धता हैं।
उन्होंने कहा कि छात्रों को कृषि महाविद्यालय में प्रवेश के दूसरे वर्ष में ही किसानो के खेत/ गांवों में प्रायोगिक कक्षा की व्यवस्था की जाय। आज शहरी क्षेत्र के बच्चे कृषि की पढ़ाई करने आते है जो खेत खलिहान/ मिट्टी की उपयोगिता आदि के महत्व को नही जानते है, इसलिए गांव और किसानी समझने के लिए गांव में कक्षों का आयोजन आवश्यक है। छात्रों के की छात्रवृति बढ़ाने पर विचार किया जा रहा हैं । छात्रों को समय पर पुस्तक मिले, यह सुनिश्चित किया जाए। डॉ० कलाम कृषि महाविद्यालय शहर से दूर है, वहा के छात्रों के लिए बस की व्यवस्था की जाय ताकि वे रात्रि में कॉलेज कैंपस आ सके। बस का संचालन रात्रि 8:00 बजे तक किया जाए ताकि सुरक्षा हो और इसका कड़ाई से पालन किया जाए।
माननीय मंत्री ने कहा कि यह खुशी की बात है कि मुंगेर के फॉरेस्ट्री कॉलेज में 20 छात्रों का नामांकन हुआ है।
सचिव कृषि श्री संजय कुमार अग्रवाल ने कहा कि जिस प्रकार मेडिकल कालेज में हॉस्पिटल होता है, और मेडिकल छात्र मरीजों पर काम करते है, वैसे ही कृषि कॉलेज लैब के साथ साथ लैंड से जुड़े। किसानों की समस्या जानने के लिए सप्ताह में 1-2 दिन वैज्ञानिकों और छात्रों को खेतों/ गांवों से जुड़ना होगा। वैज्ञानिकों और छात्रों के लिए बायोमैट्रिक अटेंडेंस अनिवार्य किया जाए। छात्रों का नामांकन अगस्त तक कर लिया जाए।
उन्होंने कहा कि किसानों के हित में अनुसंधान, प्रसार के लिए फंड की कोई कमी नहीं है।

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