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किशनगंज एवं पोठिया प्रखंड के सरपंच परिवार नियोजन के स्थायी व अस्थायी साधन की जानकारियों से हुए रुबरु

परिवार नियोजन को सशक्त बनाने को लेकर एक दिवसीय उन्मुखीकरण का आयोजन

किशनगंज, 22 अगस्त (के.स.)। धर्मेंद्र सिंह, मिशन परिवार विकास अभियान के सफल संचालन में जिले के जनप्रतिनिधियों की भागीदारी के लिए मंगलवार को किशनगंज एवं पोठिया प्रखंड के सरपंच का एक दिवसीय उन्मुखीकरण सह जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सिविल सर्जन डा. कौशल किशोर ने उन्मुखीकरण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि  परिवार नियोजन व्यक्ति और समाज दोनों के लिए महत्वपूर्ण है। कम बच्चों पर व्यक्ति उनका अच्छे से पालन-पोषण कर सकेगा जो आगे अच्छे नागरिक बनेंगे। कहा कि इस कार्यक्रम में  समुदाय एवं स्थानीय स्तर के पंचायत जनप्रतिधियों की सहभागिता से ही प्रभावी रूप में लागू करने पर देश का आर्थिक रूप से तीव्र विकास संभव है। गरीबी, बेरोजगारी और आर्थिक असमानता को कम किया जा सकता है। विकसित भारत की कल्पना कर सकते हैं। इसलिए मिशन परिवार विकास अभियान को सफल बनाने के लिए सभी जनप्रतिनिधियों को अपने क्षेत्र में जागरूकता फैलानी होगी। ताकि परिवार नियोजन अन्तर्गत लाभार्थी को सभी सेवाएं निःशुल्क उपलब्ध कराकर यह अभियान शत प्रतिशत सफल हो सके। कार्यक्रम में गैर संचारी रोग पदाधिकारी डा. उर्मिला कुमारी एवं जिला कार्यक्रम प्रबंधक डा. मुनाजिम, डीडीए सुमन सिन्हा, किशनगंज एवं पोठिया प्रखंड के सरपंच तथा अन्य  स्वास्थ्यकर्मी उपस्थित हुए।सिविल सर्जन ने बताया कि परिवार नियोजन के साधनों को अपनाने के बारे में समुदाय में फैली भ्रांतियों को दूर करने की आवश्यकता है। जिसमें जनप्रतिनिधियों की भूमिका अहम मानी जाती है। क्योंकि परिवार नियोजन में अस्थायी रूप से नवीन गर्भनिरोधक अंतरा एवं छाया को महिलाओं के द्वारा सहजता से स्वीकार किया जा रहा है। जिले में आगामी 23 अगस्त को बहादुरगंज एवं दिघल बैंक के सरपंचों का बहादुरगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में, 24 अगस्त को टेढ़ागाछ एवं कोचाधामन प्रखंड के सरपंचों का कोचाधामन सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं 25 अगस्त को ठाकुरगंज प्रखंड के सरपंचों के लिए ठाकुरगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में  उन्मुखीकरण कार्यक्रम आयोजन किया जा रहा है। उक्त कार्यक्रम में दम्पति संपर्क पखवाड़े के दौरान आमजन में जागरूकता लाने के लिए सही उम्र में शादी, शादी के बाद कम से कम 2 साल के बाद पहला बच्चा, दो बच्चों में कम से कम 3 साल का अंतराल एवं प्रसव के बाद या गर्भपात के बाद परिवार नियोजन के स्थायी एवं अस्थायी साधनों पर जोर दिया गया।उन्मुखीकरण कार्यक्रम में बताया गया कि जिलाधिकारी श्रीकांत शास्त्री  के निर्देश पर जिले के प्रत्येक पंचायत के सरपंच अपने पंचायत क्षेत्र के प्रत्येक गांव से पुरुष नसबंदी के लिए एक-एक इच्छुक लाभार्थी को प्रेरित करते हुए आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से स्वास्थ्य संस्थानों में भेजने में सहयोग करेंगे। जनप्रतिनिधियों को बताया गया कि संचालित होने वाले परिवार कल्याण पखवाड़ा की सफलता को ध्यान में रखकर पंचायत प्रतिनिधियों को इस अभियान में शामिल किया जा रहा है। ताकि, पंचायत प्रतिनिधियों के सहयोग से युवाओं, नवविवाहित जोड़ों और एक बच्चे वाले जोड़ों को बच्चों में अंतराल सुनिश्चित करने वाले आधुनिक गर्भनिरोधक (अस्थायी साधनों) का उपयोग करने के लिए सक्षम बनाया जा सके। साथ ही, परिवार नियोजन की राह में आ रही सबसे बड़ी बाधा पुरुष नसबंदी के बारे में व्याप्त भ्रांतियों को दूर किया जा सके।

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