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ठाकुरगंज : लोकेशन से होता है ओवरलोड वाहनों के परिचालन का खेला

खनन विभाग के निकलते ही एंट्री माफिया के गुर्गे को ना जाने कैसे पता चल जाता है और वह ड्राइवर को लोकेशन बता देते हैं जिसके बाद ओवरलोड वाहनों के ड्राइवर किसी कांटे पर या चौड़ी सड़क या फिर पेट्रोल पंप में अपने ओवरलोड वाहनों को खड़ी कर देते हैं

किशनगंज, 19 अगस्त (के.स.)। धर्मेंद्र सिंह/फरीद अहमद, जिले के ठाकुरगंज बहादुरगंज और डे मार्केट पौआखाली रूट पर ओवरलोड वाहनों के परिचालन के धंधे का खेल लोकेशन से होता है। ड्राइवर ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि ओवरलोड का सारा खेल लोकेशन से होता है। लोकेशन फैल होने से ही वाहनें पकड़ी जाती है। प्राप्त जानकारी के अनुसार खनन विभाग के निकलते ही एंट्री माफिया के गुर्गे को ना जाने कैसे पता चल जाता है और वह ड्राइवर को लोकेशन बता देते हैं जिसके बाद ओवरलोड वाहनों के ड्राइवर किसी कांटे पर या चौड़ी सड़क या फिर पेट्रोल पंप में अपने ओवरलोड वाहनों को खड़ी कर देते हैं और कहीं चले जाते हैं ताकि वह बच सके और फिर अगले अपडेट तक इंतजार करते हैं फिर जैसे ही माइनिंग के चले जाने का अपडेट मिलता है फिर उसके बाद पासिंग करने के लिए एंट्री माफिया का सिग्नल मिलता है और हर चौक चौराहे पर एंट्री माफिया एक्टिव रहते हैं जिसके जरिए ओवरलोड वाहनों का परिचालन होता रहता है। मामले में उच्च स्तरीय जांच से ही पता चल पाएगा कि आखिर ओवरलोड के खेल में किस कि संलिप्तता है। गौरतलब हो कि बीते दिनों खनन विभाग के खान निरीक्षक उमाशंकर सिंह द्वारा की गई कार्रवाई के दौरान एक बालू लदा ओवरलोड डंपर को जप्त कर पौआखाली थाना के सुपुर्द किया गया। गौर करे की किशनगंज NH-27 जो मात्र तीन किलोमीटर का है। इंट्री माफिया रात तो छोड़िये दिन के उजाले मे खुलेआम ओवर लोड वाहन को पासिंग करवाता है। रात होते ही NH 27 पर ओवर लोड का तांडव होने लगता है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वीर कुंवर सिंह बस स्टैंड के समीप रात 10 बजे के बाद इंट्री माफिया कहे या पशु माफिया (दोनो एक ही है) का जमावड़ा लगता है और पासिंग का खेल रात भर चलता है। जिसका कोई सुध लेने वाला नहीं। एक बात गौर करने वाली यह है कि खनन विभाग कि कार्रवाई कि सूचना बीच बीच मे मिलती भी है। पर DTO, MVI, और RTO है ओवर लोड वाहनों पर कार्रवाई कि सूचना ही नही है। जबकि NH27 के बगल मे DTO, MVI, और RTO कार्यालय है। एक कहावत है कि हाथी का दाँत खाने का अलग और दिखाने का अलग है वही फ़ार्मूला किशनगंज मे प्रतीत होता है। तभी न कार्रवाई नही हो रही है। हो भी रही है एक दो वाहन पकड़कर वो खानापूर्ति कि श्रेणी मे आता है। ओवर लोड पर कार्रवाई नहीं करना इंट्री माफिया पर कार्रवाई नहीं करना, पशु माफिया पर कार्रवाई नहीं करना यह अपने आप मे सवाल बनता जा रहा है। जो उच्च स्तरीय जाँच का बिषय है।

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