किशनगंज : विश्व साइकिल दिवस: जिले के सभी स्वास्थ्य केन्द्रों में साइकिल जागरूकता कार्यक्रम का किया गया आयोजन

साइकिल चलाने के हैं अनेक फायदे
- साइकिल चलाने मात्र से ही शरीर फिट और तंदरुस्त बना रहता है।
- साइकिल चलाने वाले लोगों का इम्यून सिस्टम अच्छा बना रहता है और पाचन शक्ति अच्छी बनी रहती है।
- रोजाना साइकलिंग करने वाले लोग आम आदमी की तुलना में 15-20 फीसदी ज्यादा एक्टिव रहते हैं।
- परिवहन का यह सबसे आसान और सुगम साधन है।
- कई जानलेवा बीमारियों से यह बचाता है।
- सड़क दुर्घटना में इससे लोगों की जान लगभग ना के बराबर जाती है।
- साइकिलिंग सबसे सस्ता परिवहन साधन है।
- हार्ट और लंग्स स्ट्रॉन्गप रहते हैं और कई जानलेवा बीमारियां दूर रहती हैं।
किशनगंज, 03 जून (के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, हर साल 03 जून को दुनियाभर में “विश्व साइकिल दिवस” मनाया जाता है। इस दिन साइकिल चलाने और इसके फायदों के बारे में लोगों को जागरूक किया जाता है। अगर साइकिल चलाने के फायदे की बात करें तो यह एक बेहद सरल व प्रदूषणरहित साधन है। इससे स्वास्थ्य ठीक रहता है और पर्यावरण को भी कोई नुकसान नहीं होता है। कई शोध में पाया गया है कि अगर कोई रोजाना आधा घंटा साइकिल चलाता है तो वह मोटापा, दिल की बीमारी, मधुमेह, मानसिक बीमारी आदि से बचा रहेगा।
प्रभारी सिविल सर्जन डा० सुरेश प्रसाद ने शनिवार को बताया कि “विश्व साइकिल दिवस” मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को साइकिल से होने वाले फायदे के बारे में बताना है। यदि लोग नियमित रूप से साइकिल चलाएं तो इससे ना केवल खुद को फिट रखा जा सकता है बल्कि शरीर को तंदुरुस्त भी बनाया रखा जा सकता है।
इसी क्रम में जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में पदाधिकारियों के द्वारा साइकिल चलाकर लोगो को जागरूक किया गया। गैर संचारी रोग पदाधिकारी डा० देवेन्द्र कुमार ने बताया कि “विश्व साइकिल दिवस” सर्वप्रथम 2018 में पहली बार मनाया गया था। न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा इस दिन की शुरुआत की गई। 03 जून 2018 को एक कार्यक्रम आयोजित हुआ, जिसमें संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों और एथलीटों समेत कई लोग हिस्सा बने।
लोगों को न केवल साइकिल चलाने के महत्व के बारे में बताया गया बल्कि साइकिल चलाने से स्वास्थ्य पर पड़ने वाले सकारात्मक प्रभाव से भी जागरूक किया गया। उसी के बाद से 03 जून को “वर्ल्ड बायसाइकिल डे” मनाया जाने लगा। इस दिन को मनाने का प्रस्ताव अमेरिका के मोंटगोमरी कॉलेज के प्रोफेसर लेस्जेक सिबिल्सकी ने याचिका के तौर पर दी थी। दरअसल 1990 तक साइकिल का दौर काफी ठीक था लेकिन धीरे-धीरे साइकिल का महत्व लोगों के जीवन से कम होता गया और इसके बाद दोबारा लोग साइकिल के फायदों को समझें, इसके लिए इसे मनाने की संयुक्त राष्ट्र ने घोषणा की। इसका महत्व इस दिन को मनाने के पीछे का मकसद संयुक्त राष्ट्र के आधार पर दुनिया भर के विभिन्न देशों को इस बात के लिए प्रोत्साहित करना है कि वे चाहे विकास की रणनीति बनाएं या अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय स्तर पर कार्यक्रम करें, इसमें साइकिल को शामिल करें. इससे अलग पैदल यात्री के साथ संचालन की सुरक्षा को भी बढ़ावा देना है। यह दिन हमें साइकिल के प्रचलन को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित करता है।
साथ ही साइकिल को अपने जीवन का हिस्सा बनाने के लिए प्रेरित करता है। जिला कार्यक्रम पदाधिकारी डा० मुनाजिम ने बताया कि वर्तमान में प्रदूषण दुनियाभर में चर्चा का विषय बना हुआ है। ऐसे में साइकिल से किसी भी तरह का पर्यावरण प्रदूषण नहीं होता है।