किशनगंज : डेरामारी पंचायत में दिव्यांग प्रमाण पत्र बनाने के लिए विशेष शिविर का किया गया आयोजन।

बच्चों की दिव्यांगता की जांच कर प्रमाण पत्र निर्गत किया गया।
- दिव्यांग प्रमाण पत्र बनाने को प्रखंड वार मेडिकल बोर्ड की गई है गठित।
किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की अतिमहत्त्वाकांक्षी यूडीआईडी परियोजना के तहत जिले के सभी दिव्यांगजनों का कार्ड बनाने में शत प्रतिशत लक्ष्य को पूरा करना है। डीएम श्रीकांत शास्त्री के दिशा निर्देश के आलोक में सभी प्रखण्डों के वरीय पदाधिकारी यूडीआईडी कार्ड बनाने के लिए विभिन्न तरह के आयोजन कर अधिक से अधिक कार्डधारी दिव्यांगजनों को आधार से लिंक करने के लिए अपने-अपने प्रखंडों में ऑनलाइन कराना सुनिश्चित कर रहे है। इसी क्रम में जिले के कोचाधामन प्रखंड के डेरामारी पंचायत में स्वास्थ्य विभाग के द्वारा दिव्यांग प्रमाण पत्र बनाने के लिए विशेष शिविर का आयोजन किया गया। दिव्यांगता जांच शिविर में 09 दिव्यांगों बच्चों की जांच कर 05 बच्चे को प्रमाण पत्र भी प्रदान किया गया। साथ ही 04 बच्चे को बेहतर इलाज के लिए रेफर किया गया। साथ ही दिव्यांग प्रमाण पत्र का नवीनीकरण भी हुआ। यहां 6 वर्ष से लेकर 18 वर्ष के वैसे छात्र-छात्राओं को दिव्यांगता प्रमाण पत्र प्रदान किया गया, जो इस लायक थे। यह आयोजन प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ इनामुल हक़ की देखरेख में किया गया। गौरतलब हो कि नाक, कान, गला, मूक बधिर एवं मानसिक रूप से दिव्यांग बच्चे अपने सम्बंधित रोग का एमजीएम मेडिकल कॉलेज से जांच कराकर जांच रिपोर्ट दिव्यांग आवेदन के साथ संग्लन करना आवयश्क है। बीबीडीसी सलाहकार अविनाश रॉय ने बताया कि जिनका दिव्यांग प्रमाण पत्र नहीं बना है अथवा नवीकरण की आवश्यकता है। जिन दिव्यांग बच्चों का दिव्यांगता प्रमाण पत्र है, उसे कैंप में ले जाने की आवश्यकता नहीं पड़ी है। इसके लिए पारा मेडिकल स्टाफ को आवश्यक दवाओं के साथ प्रतिनियुक्त किया गया था। दिव्यांग का प्रमाण पत्र के साथ यूनिक डिसेबिलिटी आइडेंटी कार्ड भी जारी किया गया। कुछ आवश्यकता वाले दिव्यांग बच्चों का भी प्रमाण पत्र और यूनिक डिसेबिलिटी आइडेंटी कार्ड बनाने को प्राथमिकता दी गयी। बौद्धिक अक्षमता विशिष्ट अधिगम, दिव्यांगता एवं ऑटिज्म का भी प्रमाण पत्र और यूडीआईडी बनाने का विशेष ख्याल रखा गया सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने बताया कि जिले के सभी दिव्यांगजनों का ऑनलाइन दिव्यांगता प्रमाणीकरण सुनिश्चित करने के लिए यूडीआईडी कार्ड निर्गत किया जाना है। विभाग द्वारा जारी ऑफलाइन दिव्यांगता प्रमाण पत्र राज्य में मान्य नहीं है। इसको ऑनलाइन सत्यापित करना अनिवार्य है। ऑफलाइन दिव्यांगता प्रमाण पत्र को ऑनलाइन नहीं होने के कारण यूडीआईडी कार्ड के अभाव में दिव्यांगजन सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त करने से वंचित रह जाते हैं। जिले के सभी प्रमाणीकृत दिव्यांगजनों का शत प्रतिशत यूडीआईडी कार्ड बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने बताया कि यूडीआईडी कार्ड बनाने के लिए प्रतिदिन कार्य किया जा रहा है। अभी तक जिनलोगों का यूडीआईडी कार्ड बन गया है लेकिन आधार से जोड़ा नहीं गया है। उसको जोड़ने का कार्य तेजी के साथ किया जा रहा है। जिनका कार्ड नहीं बना है, उनलोगों को निम्नलिखित दस्तावेज को अपने साथ लाना पड़ेगा। जिसमें मुख्य रूप से दिव्यांगता प्रमाण पत्र, आधारकार्ड या आवासीय प्रमाण पत्र, पहचान पत्र, फोटो के साथ उनकी विवरणी, आवासीय एवं पहचान पत्र से संबंधित भारत सरकार या बिहार सरकार द्वारा निर्गत प्रमाण पत्र जैसे: मतदाता पहचान पत्र, विद्यालय पहचान पत्र, राशन कार्ड, ड्राइविंग लाईसेंस, आधार, पैन कार्ड, पासपोर्ट, बैंक पासबुक इत्यादि सक्षम पदाधिकारी द्वारा निर्गत प्रमाण पत्र मान्य होगा।