जिलाधिकारी, पटना डॉ. चंद्रशेखर सिंह के निदेश पर उप विकास आयुक्त, पटना श्री तनय सुल्तानिया की अध्यक्षता में आज समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में नमांमि गंगे कार्यक्रम के तहत जिला गंगा समिति की बैठक आहूत की गई। इसमें गंगा नदी एवं उसकी सहायक नदियों के उत्थान, संरक्षण एवं अविरल प्रवाह हेतु किए गए कार्याें की समीक्षा की गई तथा अद्यतन प्रगति का जायजा लिया गया।

त्रिलोकी नाथ प्रसद – पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग; मत्स्य विभाग; बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड; जल संसाधन विभाग; नगर निगम; कृषि विभाग; पर्यटन विभाग; लघु जल संसाधन विभाग; खान एवं भूत्तव विभाग; ग्रामीण विकास विभाग; पशुपालन सहित विभिन्न विभागों के द्वारा किए गए कार्यों की समीक्षा की गई।
पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया कि:-
1. नगर निकायों के कार्यपालक पदाधिकारियों द्वारा नदी क्षेत्रों विशेषकर नगर निकायों के क्षेत्र में साफ सफाई सुनिश्चित की जाएगी।
2. पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा गंगा नदी एवं पुनपुन नदी के घाट के तट की साफ-सफाई, सौन्दर्यीकरण एवं फलदार वृक्षों को लगाने तथा विलुप्त हो रहे प्रजातियों यथा-डॉल्फिन एवं छोटी प्रजाति की मछलियों के लिए योजना के अनुसार कार्य किया जाएगा ताकि स्थानीय लोगों को आजीविका का अवसर मिल सके । जैव विविधता के महत्व के बारे में जनजागरूकता अभियान चलाया जाएगा।
3. बुडको द्वारा नमामि गंगे परियोजना के तहत निर्माण कराए जा रहे सिवेज ट्रीटमेंट प्लांट और सीवेज नेटवर्क प्लांट का निर्माण कार्य तत्परता से किया जाए। भूमि संबंधी अनापत्ति हेतु अंचलाधिकारी से समन्वय स्थापित करेंगे।
4. मत्स्य विभाग द्वारा मिनी लैंडिंग सेंटर की स्थापना, सामुदायिक जागरूकता केंद्र, मछुआरों के प्रशिक्षण आदि से संबंधित कार्यक्रम संचालित किया जाएगा। स्थानीय मछुआरों को मत्स्य विपणन में सहयोग हेतु मत्स्य विभाग द्वारा अनुश्रवण किया जाएगा। गंगा नदी के किनारे एक्वाटुरिज्म की योजना का क्रियान्वयन किया जाएगा।
5. बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा गंगा नदी के प्रदूषण एवं पर्यावरण क्षति पर रोक के लिए कार्रवाई की जाएगी।
6. जल संसाधन विभाग जल संरक्षण हेतु योजनाबद्ध ढंग से कार्य करेगा।
7. कृषि विभाग द्वारा पर्यावरण अनुकूल कृषि व्यवहारों को प्रोत्साहित किया जाएगा। कृषि के क्षेत्र में ऑर्गेनिक कम्पोस्ट का अधिक से अधिक प्रयोग के लिए कार्य किया जाएगा ताकि जमीन की उर्वरता बढ़े तथा स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़े।
8. पर्यटन विभाग द्वारा पर्यटकों की सुविधा एवं जानकारी हेतु कार्य किया जाएगा। पर्यटन विभाग एवं पर्यावरण विभाग इको टूरिज्म को प्रोत्साहित करने के लिए योजनाबद्ध एवं समेकित ढंग से कार्य करेगा।
गौरतलब है कि वित्तीय वर्ष 2021-22 में नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत मनरेगा के अंतर्गत 393000, वन विभाग द्वारा 592498 तथा जीविका द्वारा 418000 वृक्षारोपण किया गया।
डीडीसी श्री सुल्तानिया ने गंगा घाटों पर स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए वृहत स्तर पर जन-जागरूकता अभियान चलाने का निदेश दिया। उन्होंने कहा कि जन-भागीदारी किसी भी योजना के सफलतापूर्वक क्रियान्वयन हेतु अपरिहार्य है। उन्होंने साईकिल रैली, नुक्कड़ नाटकों, सांस्कृतिक कार्यक्रम आदि के माध्यम से जनता के बीच जागरूकता उत्पन्न करने की आवश्यकता पर बल दिया।
इस बैठक में जिला पंचायत राज पदाधिकारी, अपर नगर आयुक्त, निदेशक डीआरडीए, जिला कृषि पदाधिकारी एवं अन्य भी उपस्थित थे।