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किशनगंज : मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों के लिए वरदान।

बिहार सरकार मरीजों का करा रही इलाज, सूबे में कई मरीजों ने उठाया योजना का लाभ, अनुदान के लिए निदेशक प्रमुख, स्वास्थ्य सेवा मे करना होगा आवेदन।

किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, राज्य के आम जरूरतमंद, असाध्य रोग से ग्रसित रोगियों के जिनका प्रतिवर्ष आय एक लाख रूपये से कम है–“ उनके लिए आर्थिक सहायता देने के लिए मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष योजना का आरंभ किया गया है। इसमें गंभीर रोगों से पीड़ित गरीब मरीजों के बेहतर इलाज को लेकर राज्य सरकार मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष से आर्थिक सहायता प्रदान कर रही है। इस कोष से 14 असाध्य बीमारियों के इलाज के लिए राशि दी जाती है। प्रदेश के अलावा राज्य के बाहर इलाज कराने पर भी कोष से सहायता दी जाती है। इस योजना के तहत 20 हजार रुपए से लेकर पांच लाख रुपए तक की सहायता दी जाती है। मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष कमेटी की अनुशंसा पर सूची में शामिल 14 बीमारियों के अलावा भी अन्य दूसरी बीमारियों के इलाज के लिए सरकार की तरफ से एक लाख रुपए की सहायता राशि देने का प्रावधान है। योजना के तहत सालाना कम आय तथा प्रदेश के सरकारी और सीजीएचएस (सेंट्रल गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम) से मान्यता प्राप्त अस्पताल में इलाज कराने वाले रोगी को ही सहायता दी जाती है। इन अस्पतालों से इलाज के लिए दूसरे प्रदेश में रेफर करने वाले रोगी को भी हृदय रोग, कैंसर, कूल्हा रिप्लेसमेंट, घुटना रिप्लेसमेंट, नस रोग, एसिड अटैक से जख्मी, बोन मेरौ ट्रांसप्लान्ट, एड्स, हेपेटाइटिस, कोकिलेर इम्प्लांट, ट्रांस जेंडर सर्जरी, नेत्र रोग समेत चौदह तरह की बीमारियों के इलाज के लिए सरकारी सहायता दी जाती है। असाध्य रोग से पीड़ित व्यक्ति को दी जानेवाली सहायता राशि संबंधित चिकित्सा संस्थान को क्रास चेक के माध्यम से दी जाती है। इस योजना के तहत 20 हजार रुपए से लेकर 5 लाख रुपए तक देने का प्रावधान है। सरकार के आंकड़ों के अनुसार वित्तीय वर्ष 2020-21 में 11,180 मरीज इस कोष से लाभान्वित हुए हैं। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि सालाना ढाई लाख रुपए से कम आय तथा प्रदेश के सरकारी और सीजीएचएस से मान्यता प्राप्त अस्पताल में इलाज कराने वाले रोगी को ही सहायता दी जाती है।

रविवार को सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने बताया की मान्यता प्राप्त अस्पताल में इलाज कराने वाले रोगी वांछित कागजातों के साथ आवेदक को सचिवालय स्थित निदेशक प्रमुख, स्वास्थ्य सेवाएं, बिहार को अनुदान के लिए आवेदन समर्पित करना होगा। निदेशक प्रमुख की अध्यक्षता में गठित कमेटी द्वारा आवेदक को निर्धारित तिथि को बुलाया जायेगा। आवेदक के कागजातों और साक्ष्यों की जांच के बाद अनुदान की राशि जारी कर दी जायेगी । राज्य के अंदर इलाज कराने वाले मरीजों के लिए अलग राशि निर्धारित है जबकि राज्य के बाहर इलाज करानेवालों के लिए अलग दर निर्धारित है। एक प्रकार के रोग में अलग-अलग इलाज के लिए भी भिन्न भिन्न राशि निर्धारित की गयी है।

रोगी बिहार का नागरिक होना अनिवार्य, रोगी की प्रति वर्ष आय एक लाख रुपये से कम हो। सक्षम प्राधिकार द्वारा निर्गत आवास प्रमाण पत्र। डीएम, एसडीओ या अंचलाधिकारी से निर्गत आय प्रमाणपत्र। राज्य सरकार के अस्पताल या सीजीएचएस (सेंट्रल गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम) से मान्यता प्राप्त अस्पताल के इलाज का पुर्जा और मूल अनुमानित राशि।

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