नई दिल्ली : बीजेपी के अध्यक्ष मनोज तिवारी को पुलिस ने लिया हिरासत में, लॉकडाउन में सोशल डिस्टेंसिंग के उल्लंघन का आरोप..

दिल्ली सरकार से 22 मार्च से लेकर 29 मई तक टीवी, प्रिंट और इंटरनेट पर दिए गए विज्ञापन का हिसाब मांगा था।तिवारी ने केजरीवाल सरकार से यह भी पूछा था कि अब तक दिल्ली में कोरोना के खिलाफ लड़ाई में अस्पतालों पर कितना खर्च किया गया, उसका भी हिसाब दें।
नई दिल्ली/डेस्क, राजघाट से बीजेपी सांसद मनोज तिवारी को हिरासत में लिया गया है।दिल्ली बीजेपी के चीफ पर लॉकडाउन के नियम तोड़ने का आरोप है।वह प्राइवेट अस्पतालों में ज्यादा फीस, दिल्ली सरकार की बदइंतजामी को लेकर राजघाट में प्रदर्शन करने पहुंचे थे।तिवारी के साथ भाजपा के कुछ अन्य सदस्यों को भी हिरासत में लेकर बस में बिठाया गया।सबको राजेन्द्र नगर थाने ले जाया जा रहा है।दिल्ली बीजेपी चीफ ने हिरासत में लिए जाने से पहले मीडिया से कहा, दिल्ली के लोगों के लिए बेड की व्यवस्था हो।प्राइवेट हॉस्पिटल्स में पांच लाख रुपये जमा किए बिना एंट्री नहीं है।हमने इस दिल्ली की कल्पना थोड़े ही की थी।दिक्कतें बहुत हैं।कर्मचारियों को सैलरी देने की खातिर केंद्र सरकार से फंड मांगने पर तिवारी ने कहा कि दिल्ली सरकार के पास ‘ऐडवर्टिजमेंट देने के लिए पैसे हैं और सैलरी देने के पैसे नहीं हैं।’बॉर्डर सील करने पर उन्होंने कहा कि ‘दिल्ली की सारी व्यवस्था सिर्फ बातों पर रह गई है, जमीन पर नहीं है।तिवारी ने लॉकडाउन तोड़ने की बात को सिरे से खारिज किया।श्री तिवारी ने कहा कि हमने प्रोटेस्ट सोशल डिस्टेंसिंग के साथ कर रहे थे मगर पुलिस का सम्मान करते हैं।उन्होंने कहा, हम लोग नियम-कानून से ही प्रोटेस्ट कर रहे थे।हम सिर्फ दिल्ली सरकार जो दिल्ली के साथ अन्याय कर रही है, उसको अंडरलाइन कर रहे हैं।हम लोग सिर्फ पांच-छह लोग हैं, हमने कोई उल्लंघन नहीं किया।दिल्ली सरकार द्वारा केंद्र से 5 हजार करोड़ रुपये की मदद मांगने पर तिवारी ने सवाल उठाए थे।उन्होंने ट्वीट कर दिल्ली सरकार से 22 मार्च से लेकर 29 मई तक टीवी, प्रिंट और इंटरनेट पर दिए गए विज्ञापन का हिसाब मांगा था।तिवारी ने केजरीवाल सरकार से यह भी पूछा था कि अब तक दिल्ली में कोरोना के खिलाफ लड़ाई में अस्पतालों पर कितना खर्च किया गया, उसका भी हिसाब दें।