-.*अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त टेबल टेनिस खिलाड़ी पद्मश्री शरथ कमल,अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित सौम्यदीप रॉय और पौलोमी घटक ने प्रतियोगिता में आए खिलाडियों से अपने अनुभव साझा कर किया उन्हें प्रोत्साहित*

ऋषिकेश पांडे– पाटलिपुत्र खेल परिसर में 19 जून से 22 जून तक चल रहे फर्स्ट बिहार स्टेट रैंकिंग टेबल टेनिस 2025 के तीसरे दिन स्टेडियम में अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त टेबल टेनिस खिलाड़ी पद्मश्री शरथ कमल,अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित सौम्यदीप रॉय और पौलोमी घटक ने प्रतियोगिता में आए खिलाडियों से अपने अनुभव साझा कर उन्हें प्रोत्साहित किया।
बिहार राज्य खेल प्राधिकरण में आयोजित एक पत्रकार सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप आमंत्रित बिहार विधान परिषद् के सदस्य श्री संजय सिंह ने, बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के महानिदेशक सह मुख्य कार्यकारी अधिकारी रवीन्द्रण शंकरण की उपस्थिति में, प्रतीक चिन्ह और अंगवस्त्र देकर उनका अभिनंदन किया।
उपस्थिति लोगों का अभिनंदन करते हुए श्री संजय सिंह ने कहा कि बिहार खेल की दिशा में निरंतर आगे बढ़ रहा है और यह सब खेल और खिलाड़ियों के विकास के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता और खेल प्राधिकरण के सतत प्रयास और सहयोग के कारण ही संभव हो पाया है।
मैं भी टेबल टेनिस का खिलाड़ी रह चुका हूं और टेबल टेनिस एसोसिएशन का अध्यक्ष भी रह चुका हूं इसलिए इस खेल के विकास के लिए हमारा सारा सहयोग और प्रयास रहता है।
अर्जुन पुरस्कार, पद्मश्री और खेल रत्न से सम्मानित 10 बार के नेशनल चैम्पियन और पांच ओलंपिक में खेलने वाले अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी पद्मश्री शरथ कमल ने अपने खेल जीवन के अनुभवों को साझा करते हुए खिलाडियों को प्रोत्साहित किया और सफलता के मूलमंत्र से उन्हें अवगत कराते हुए कहा कि मेहनत, खेल के प्रति समर्पण और धैर्य के सहारे ही वे सफलता की किसी ऊंचाई तक पहुंच सकते हैं और इसके लिए 4-5 घंटे रोज निरंतर अनुशासन के साथ अभ्यास बहुत जरूरी है।
अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित कॉमनवेल्थ में दो बार स्वर्ण पदक विजेता अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी सौम्यदीप रॉय, जो आज भारतीय टेबल टेनिस के प्रशिक्षक की अहम भूमिका निभा रहे हैं , युवा खिलाडियों को प्रशिक्षण के मह्त्वपूर्ण टिप्स के द्वारा सफलता प्राप्त करने की बारीकियों से अवगत कराये। अभिभावकों के लिए भी मह्त्वपूर्ण संदेश दिया कि अपने लड़के या लड़की को प्रशिक्षण और अभ्यास के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए और मैच हारने पर उन्हें हतोत्साहित करने की जगह और प्रोत्साहित करनी चाहिए क्योंकि खेल में सफलता तुरंत नहीं मिल जाती बल्कि उन्हें धैर्य के साथ समय देना चाहिए। सफलता देर सबेर जरूर मिलती है।
अर्जुन पुरस्कार विजेता पौलोमी घटक 16 साल की उम्र में ही ऑलंपिक में देश का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं और सात बार की नेशनल चैम्पियन हैं। पौलोमी ने 2006 में मेलबर्न में कॉमनवेल्थ गेम्स और 2000 से 2008 के बीच कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व किया है। उन्होंने ने विशेष कर महिला खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि उन्हें अन्दर से मजबूत बनना पड़ेगा ताकि कोई उनका किसी प्रकार का शोषण ना कर पाए तथा हर शोषण के खिलाफ उन्हें बोलना पड़ेगा तभी वे निडर हो कर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर पायेंगी।
बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के महानिदेशक रवीन्द्रण शंकरण ने बताया कि शीघ्र ही बिहार सरकार सौम्यदीप और पौलोमी की प्रसिद्ध टेबल टेनिस अकादमी के साथ एक समझौता करने जा रही है जिससे बिहार के प्रतिभावान खिलाड़ी उस अकादमी में रहकर विश्व स्तरीय प्रशिक्षण ले पायें और समय समय पर अकादमी के प्रशिक्षक बिहार आकर भी प्रशिक्षण दे सकें। इसी प्रकार शरथ कमल से भी बिहार टेबल टेनिस टीम का मेंटर बनने का आग्रह किया गया है ताकि उनके परामर्श और मार्गदर्शन में बिहार टेबल टेनिस में भी कामयाबी की नई ऊंचाईयों को छू सके।
आज के समारोह में आमंत्रित विशिष्ट अतिथियों के अलावा बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के उप निदेशक हिमांशु सिंह, क्रीड़ा कार्यपालक आनंदी कुमार, चंदन कुमार सिंह और बिहार ओलंपिक संघ के अध्यक्ष अजय कुमार भी उपस्थित रहे l