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*बापू टावर में मूर्धन्य कलाकार पद्मश्री श्याम शर्मा की कला पर आधारित शॉर्ट फिल्मों का प्रदर्शन*

त्रिलोकी नाथ प्रसाद/बापू टावर, पटना के सभागार में शनिवार को छपायी कला के मूर्धन्य कलाकार पद्मश्री श्री श्याम शर्मा की विशिष्ट कला यात्रा पर आधारित तीन शॉर्ट फिल्मों की विशेष स्क्रीनिंग और वक्तव्य का आयोजन किया गया। इस आयोजन ने कला प्रेमियों को श्याम शर्मा के जीवन, छाप कला के प्रति उनका रुझान और उनके सफर , उनकी सृजनशीलता और संघर्ष से जुड़ने का अद्वितीय अवसर प्रदान किया।

प्रदर्शित शॉर्ट फिल्मों में श्री मेहदी शॉ की “व्हाइट एंड व्हाइट”, श्री अफजल अदीब खान व श्री शैलेंद्र कुमार की “द प्रिंटमेकर” और श्री शांतनु मित्रा की “इन्साइट” शामिल थीं। इन फिल्मों के माध्यम से दर्शकों को श्याम शर्मा की जीवनी, कला के प्रति उनके जुनून और उनके शुरुआती कलात्मक संघर्षों से परिचित कराया गया।

कार्यक्रम का शुभारंभ पद्मश्री श्याम शर्मा, फिल्म समीक्षक विनोद अनुपम, फिल्म निर्देशक अरविंद रंजन दास, फिल्मकार मेहदी शॉ, शांतनु मित्रा और अफजल अदीब खान के स्वागत के साथ हुआ। बापू टावर के निदेशक श्री विनय कुमार ने पुष्पगुच्छ भेंट कर सभी अतिथियों का अभिनंदन किया।
फिल्मों की स्क्रीनिंग के पश्चात वक्तव्य सत्र में विनय कुमार ने श्याम शर्मा से जुड़ी स्मृतियों को साझा करते हुए कहा, “मुझे श्याम शर्मा के प्रिंट्स का पहला दर्शक बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। आज भी उनमें जो ऊर्जा है, वह किसी भी युवा को प्रेरित करने के लिए पर्याप्त है।”

फिल्म निर्देशक अरविंद रंजन दास ने श्याम शर्मा और उनकी पत्नी नवनीत शर्मा के साथ अपने अनुभव साझा किए, जिससे कार्यक्रम भावनात्मक रूप से भी समृद्ध हुआ।

फिल्म समीक्षक श्री विनोद अनुपम ने कहा कि श्याम शर्मा जिस तरीके से काम करते हैं वो अनुकरणीय है। उन्होंने कहा कि बिहार  फिल्म नीति आयी  है । सरकार को इस पर विचार करना चाहिए और ऐसी फिल्मों को इस नीति में शामिल करना चाहिए।

इसके बाद अन्य वक्ताओं ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम का अंत पारस्परिक संवाद के बाद श्याम शर्मा के समापन वक्तव्य के साथ हुआ।
कार्यक्रम में यह भी बताया गया कि श्याम शर्मा का जन्म मथुरा में हुआ था। स्नातक में अनुत्तीर्ण होने के बाद उन्होंने लखनऊ के कला महाविद्यालय में प्रवेश लिया, जहां से उनके छपायी कला के सफर की शुरुआत हुई।

प्रदर्शनी में पटना के कला, फिल्म और साहित्य जगत से जुड़े अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे और उन्होंने शॉर्ट फिल्मों के माध्यम से श्याम शर्मा की सृजनशीलता और योगदान को सराहा।

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