किशनगंज : “बचपन मुस्कुराए, हृदय स्वस्थ रहे” मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना बनी जीवन रक्षक संजीवनी
किशनगंज जिले के 30 बच्चों को मिला नया जीवन, ठकुरगंज का हसमत रज़ा इलाज हेतु अहमदाबाद रवाना

किशनगंज, 17 मई (के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, बिहार सरकार की मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना आज उन सैकड़ों मासूम बच्चों के लिए आशा की किरण बनकर उभरी है, जो जन्मजात हृदय रोग जैसी गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं। गरीब व वंचित वर्ग के बच्चों के लिए नि:शुल्क जांच, इलाज, यात्रा और रहने-खाने की समुचित व्यवस्था के साथ यह योजना हज़ारों परिवारों के लिए संजीवनी सिद्ध हो रही है।
ठाकुरगंज का हसमत रज़ा हुआ चयनित, अहमदाबाद रवाना
खारना गाँव (प्रखंड-ठकुरगंज) निवासी हसमत रज़ा, पिता इरशाद आलम एवं माता रुखसार बेगम का चयन इस योजना के अंतर्गत किया गया है। सिविल सर्जन डॉ. राज कुमार चौधरी ने बताया कि हसमत को गंभीर जन्मजात हृदय रोग से ग्रसित पाए जाने पर सदर अस्पताल किशनगंज से राज्य स्वास्थ्य समिति, पटना के माध्यम से श्री सत्य साईं हार्ट हॉस्पिटल, अहमदाबाद भेजा जा रहा है, जहां उसका नि:शुल्क ऑपरेशन कराया जाएगा। यह किशनगंज जिले का 30वां बच्चा है जिसे इस योजना के अंतर्गत इलाज हेतु भेजा गया है।
अब तक 45 बच्चों को मिला नया जीवन
डॉ. मंजर आलम ने जानकारी दी कि किशनगंज जिले में अब तक 30 बच्चों का सफल ऑपरेशन अहमदाबाद में और 15 बच्चों का डिवाइस क्लोजर पटना के IGIC अस्पताल में हो चुका है। कुल मिलाकर जिले के 45 बच्चों को इस योजना से नया जीवन मिला है।
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की बड़ी भूमिका
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (RBSK) के जिला समन्वयक पंकज कुमार शर्मा ने बताया कि जिले में 0 से 18 वर्ष तक के बच्चों की स्क्रीनिंग कर हृदय, त्वचा, नेत्र और अन्य जन्मजात बीमारियों की पहचान की जाती है। चिन्हित बच्चों को राज्य व राष्ट्रीय स्तर के चिकित्सीय संस्थानों में भेजा जाता है।
जिलाधिकारी का संकल्प: अंतिम पंक्ति तक पहुंचे योजना
जिलाधिकारी विशाल राज ने कहा कि “बिहार सरकार की यह योजना गरीब बच्चों के लिए जीवनदायिनी है। हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि एक भी जरूरतमंद बच्चा इस योजना से वंचित न रहे।”
स्वास्थ्य विभाग की प्रेरणादायी पहल
डीपीएम डॉ. मुनाजिम ने कहा कि योजना का उद्देश्य केवल इलाज नहीं, बल्कि गरीब परिवारों को संबल और बच्चों को संपूर्ण बचपन लौटाना है। सरकार का यह प्रयास समाज में संवेदना और समर्पण का उदाहरण है।
समाज की जिम्मेदारी: हर दिल धड़के, हर बचपन मुस्कुराए
मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना ने यह साबित किया है कि जब इच्छाशक्ति और समर्पण साथ हों, तो सबसे बड़ी चुनौतियां भी पार की जा सकती हैं। यह हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है कि इस योजना की जानकारी समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे, ताकि हर मासूम धड़कन सुरक्षित रह सके, और हर मुस्कुराता चेहरा बिहार के उज्ज्वल भविष्य की कहानी कह सके।