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जमशेदपुर, गोपाल मैदान में ग्यारह लाख पार्थिव शिवोत्सव सह भजन संध्या की तैयारी जोर शोर से चल रही है।

तारकेश्वर गुप्ता : जमशेदपुर : ग्यारह लाख पार्थिव शिवोत्सव सह भजन संध्या की तैयारी जोर शोर से चल रही है। सावन के महीने में पार्थिव शिवलिंगों की पूजन का विशिष्ट महत्व है और मिथिलांचल में सालों भर घर में ही पार्थिव शिवलिंग बनाकर पूजा करने की परिपाटी शताब्दी से प्रचलित है। जमशेदपुर के चार-पांच हजार घरों में पार्थिव शिवलिंग निर्माण हेतु मिट्टी बांटने अर्थात घर-घर पहुंचाने का काम रविवार सुबह से प्रारंभ हो जाएगा। 200 से अधिक युवा कार्यकर्ता इस काम में लगे हुए हैं। उल्लेखनीय है कि शहर के विविध क्षेत्रों में मैथिली भाषियों और विविध संस्थाओं द्वारा अलग-अलग लाखराम महादेव की पूजा की परिपाटी रही है।

परमहंस लक्ष्मीनाथ गोस्वामी समिति, मिथिला सांस्कृतिक परिषद, ललित नारायण मिश्र सांस्कृतिक एवं सामाजिक कल्याण समिति, विद्यापति परिषद, मिथिला मंच गम्हरिया के अतिरिक्त कदमा, सोनारी, मानगो आदि जगहों में इस प्रकार का पूजन प्रतिवर्ष होता रहा है।

पहली बार विराट स्तर पर सभी मैथिली भाषी संस्थाओं ने मिलकर गोपाल मैदान मे ग्यारह लाख महादेव पूजन अर्थात पार्थिव शिवलिंग का निर्माण कर उसके पूजन की योजना बनाई है और इसके लिए मिथिला समाज नाम से आयोजित करने का निर्णय लिया है। प्रत्येक क्षेत्र से निर्मित पार्थिव शिवलिंगों के एकत्रीकरण की सुनियोजित व्यवस्था की गई है। निर्मित शिवलिंगों को श्रद्धापूर्वक एक क्षेत्र में एक साथ शुद्धिकृत गाड़ियों पर एकत्रित किया जाएगा और पूजन स्थल तक पहुंचाया जाएगा। इसकी जिम्मेदारी अलग-अलग क्षेत्र के संयोजकों को दी गई है । पूजन स्थल पर 21 पंडित और सारे यजमान 9 बजे पहुंचेंगे। सभी यजमानों को जो पूजन पर बैठेंगे, उन्हें एक दिन पहले से ही शुद्ध भोजन ग्रहण करने की सलाह दी गई है। वह सभी केवल अरवा भोजन ही करेंगे और पूजा के दिन फलाहार की व्यवस्था होगी। सभी यजमानों को पूजा हेतु परिधान और पूजन सामग्री पूजा स्थल पर उपलब्ध कराया जाएगा। पूजन कार्यक्रम पंडित विपिन झा और सरदार बम हीरालाल झा के देखरेख में होगा । विधिपूर्वक पूजा के उपरांत दो बजे से भोग वितरण के स्टाल की व्यवस्था की गई है। जिस पर कार्यकर्तागण यह सुनिश्चित करेंगे कि सभी भक्तों को भोग और प्रसाद प्राप्त हो सके। भक्तों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए 200 स्वयंसेवकों को प्रशिक्षित किया गया है। ये गाड़ी पार्किंग की व्यवस्था से लेकर प्रसाद-भोग वितरण, भीड़ नियंत्रण आदि का कार्य करेंगे। भक्तों की सुविधा के लिए अस्थाई टॉयलेट की भी व्यवस्था की गई है और कई जगह पर पेयजल की पर्याप्त व्यवस्था रखी गई है। व्यापक प्रचार प्रसार के लिए आज प्रचार रथ को रवाना किया गया है। इस अवसर पर पुलिस उपाधीक्षक अनिमेष गुप्ता एवं बहरागोड़ा के पूर्व विधायक कुणाल षाडंगी उपस्थित रहे। प्रचार रथ शहर के विभिन्न भाग में भ्रमण करेगी । पूजा में मिथिला समाज के अतिरिक्त राजपूत समाज, करणी सेना, भोजपुरी समाज तथा सनातन संस्थाओं से जुड़े सभी संस्थाओं को आमंत्रित किया गया है ।

पुराणों में पार्थिव शिवलिंग पूजन का उल्लेख शिव पुराण में व्यापक रूप से हुआ है। कलयुग में कुष्मांडा ऋषि के पुत्र मंडप ने सब सर्वप्रथम पार्थिव शिवलिंग पूजन किया था इसका उल्लेख है। इस पूजा को व्यापक रूप से करने का एक यह उद्देश्य भी है कि सनातन धर्म की सरलता और सहजता को व्यापक रूप से समाज के समक्ष और भारी पीढ़ी के समक्ष लाया जा सके। चूंकि सनातन संस्कृति साकार से निराकार की तरफ यात्रा की संस्कृति है और ईश्वर को भी लोग स्वर्ण निर्मित कर प्रतिस्थापित करते हैं आखिर उन्हें विसर्जित भी करते हैं। इस सरलता को भावी पीढ़ी तक पहुंचाना आवश्यक है यह भी इस पूजा का एक वृहत उद्देश्य है।

इस महत्वपूर्ण पूजा को सुरक्षित स्वरूप देने के लिए विविध स्तर पर कार्यों का बंटवारा करते हुए 16 कमेटियां बनाई गई हैं। जिसके अलग-अलग संयोजक हैं और प्रत्येक कमेटी में 5 से 7 लोग हैं। संपूर्ण पर्यवेक्षण की जिम्मेदारी शंकर पाठक, लक्ष्मण झा, अशोक अविचल, अमलेश झा आदि संभाल रहे हैं।

पूजा के लिए फूल, बेलपत्र की व्यवस्था कोलकाता से की गई है । कुमुद खां और रमन चौधरी ने इस कार्य को संभाल रखा है। 20 अगस्त के रात में ही यह सारी सामग्रियों को पूजन पूजन स्थल पर व्यवस्थित कर लिया जाएगा। संध्या 5:30 से भजन संध्या का आयोजन किया गया है जिसमें अतिथि गणों को सम्मानित भी किया जाएगा। धर्म जागरण मंच के पदाधिकारियों के अतिरिक्त जन नेताओं, सभी विधायकों, सांसदों आदि को भी मिथिला के परंपरागत पाग और शाल से सम्मानित किया जाएगा ।

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