किशनगंज : अग्नि सुरक्षा को लेकर डीएम ने अग्नि सुरक्षा जागरूकता रथ को किया रवाना, कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डीएम ने कहा-आपदा कभी नही होगी भारी, यदि पूरी है जानकारी।

शीघ्र ही मिलेगा अग्निशमन को अपना कार्यालय।
किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, जिला अग्निशमन कार्यालय किशनगंज द्वारा आपदा जोखिम न्यूनीकरण जागरूकता के दृष्टिगत खगड़ा स्थित कार्यालय में स्थानीय समुदाय को अग्नि सुरक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए अग्नि सुरक्षा-सह-माकड्रिल कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में DM डॉ आदित्य प्रकाश का स्वागत समादेष्टा-सह-जिला अग्निशाम पदाधिकारी श्री बिरेंद्र के द्वारा किया गया। उपस्थित स्थानीय लोगो को आग की रोकथाम, गैस सिलेंडर में लगी आग को बुझाना, प्राथमिक उपचार की विधियां, झोपड़ी में लगी आग को बुझाना तथा फसलों में लगी आग को बुझाना आदि के बारे में जानकारी दी गई तथा प्रदर्शन करके भी आग बुझाने की जानकारी दी गई। माकड्रिल कार्यक्रम के दौरान फायर ब्रिगेड कर्मियों ने वर्तमान में पछुवा हवा के दौरान पशुबाड़े व खाना बनाने के क्रम में लगने वाली आग की रोकथाम के बारे में भी जानकारी दी। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए DM डॉ आदित्य प्रकाश ने बताया कि जिले के सभी सात प्रखंडों में 10 दिनों तक नुक्कड़ नाटक के साथ एलईडी वैन एवं मॉक ड्रिल से अग्नि सुरक्षा हेतु लोगो को जागरूक करने का कार्यक्रम चलेगा ताकि आग लगने के समय क्षति को कम किया जा सके।
जिले के सभी विद्यालयों तथा सभी शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में अग्नि सुरक्षा को लेकर लोगों को संवेदनशील बनाया जा रहा है। इससे लोग जागरूक हो रहे हैं लोग अग्नि सुरक्षा को लेकर बाल्टी में बालू आदि सामग्री रख रहे है, जिससे आग पर काबू पाया जा सके। मौके पर अग्नि सुरक्षा से जन जागरण एवम् बचाव हेतु अग्नि सुरक्षा जागरूकता रथ को DM श्री प्रकाश द्वारा हरी झंडी दिखा कर रवाना किया गया। साथ ही, नुक्कड़ नाटक के माध्यम से जागरूकता हेतु कलाकारों के द्वारा प्रदर्शन किया गया।
अग्नि शमालय प्रभारी के द्वारा मॉक ड्रिल का भी आयोजन किया गया। तत्पश्चात उन्हें ग्रामीण क्षेत्र, मलिन बस्ती में अग्नि सुरक्षा के लिए सावधानी/बचाओ/अग्निकांडों के समय क्या करें/क्या न करें थीम पर नुक्कड़ नाटक टीम को प्रदर्शन हेतु रवाना किया। मौके पर जागरूकता अभियान के तहत डीएम द्वारा बताया गया की अग्नि से सावधानी ही बचाव या सुरक्षा है।पूरी और सही जानकारी रहने पर ही आपदा में सुरक्षित रह सकते हैं। जल्द ही अग्निशमन को नया कार्यालय मिलने की सूचना देते हुए बताया कि खगड़ा स्टेडियम से सटे चिन्हित भूमि पर जिला अग्निशमन कार्यालय निर्माणाधीन है।
मौके पर अग्नि सुरक्षा हेतु अहम जानकारी देते हुए निम्न सूचनाएं दी गई-
- खलिहान को हमेशा गांवों की आबादी एवं फसलों से भी दूर खुले स्थान पर लगाएं।
- थ्रेसर का उपयोग करते समय डीजल इंजन या ट्रैक्टर के
- साइलेंसर को लंबे पाइप के द्वारा ऊंचाई पर रखें।
- थ्रेसर के उपयोग करते समय पास में कम से कम 200 लीटर पानी भरकर अवश्य रखें।
- खलिहान के आसपास छोटी-छोटी बाल्टियों में बालू भरकर रखें।
- रोशनी के लिए सोलर लैंप, टॉर्च, इमरजेंसी लाइट इत्यादि बैटरी वाले यंत्र का ही प्रयोग करें।
- एक खलिहान से दूसरे खलिहान की दूरी 20 फीट से कम ना रखें।
- खलिहान वैसे जगह लगाएं जहां अग्निशमन वाहन आसानी से पहुंच सके।
- खलिहान वैसी जगह हो जहां जल स्रोत नजदीक हो जैसे नदी, तालाब, पैन, बोरिंग।
- खलिहान में कच्ची फसलों का बड़ा टाल ना लगाया जाए। खलिहान के आसपास अलाव ना जलाएं,यदि बहुत आवश्यक हो तो पानी भरी बाल्टीया अवश्य पास में रखें।
- बिजली की नंगी तारों के नीचे खलिहान नहीं बनाया जाए।
- खलिहान में पूजा में उपयोग किए जाने वाले वस्तु यथा अगरबत्ती, धूप, दीपक इत्यादि पर नजर रखें, जब तक कि वह पूरी तरह बुझ न जाए।
- खलिहान के आसपास किसी भी उत्सव के दौरान आतिशबाजी का प्रयोग ना तो स्वयं करें नहीं दूसरे को करने दें।
- बांस के खंबे के द्वारा नंगे बिजली के तार खेतों में ना रखें।
- खेतों के आसपास बीड़ी सिगरेट आदि ना पिए तथा ना ही किसी को पीने दे।
- कटनी के बाद खेत में छोड़े डंठलों में आग ना लगाएं।
- रसोईघर को यथा संभव अग्नि रोधक बनाने के लिए उसे चारों तरफ गीली मिट्टी का लेप लगा दे।
- फूस के घरों में भी मिट्टी का लेप लगाएं।
- देहाती क्षेत्रों में खासकर फूस एवं खपरैल मकानों के निवासी खाना सुबह 8 बजे से पहले और शाम 5 से 6 के बीच (सूर्यास्त से पूर्व) बना लें।
- दीप, लालटेन, ढिबरी आदि के प्रयोग में सावधानी बरतें।
- रसोई में कोई भी ज्वलनशील पदार्थ ना रखें जैसे मिट्टी तेल, सिंथेटिक कपड़े इत्यादि।
- ढीले और सिंथेटिक कपड़े ना पहने और बालों को खुला न रखें। रसोईघर से बच्चों को दूर रखें।
- तेज हवा में खुली जगह पर खाना ना बनाएं यदि संभव हो तो चूल्हे को चारों तरफ से घेर कर रखें।
- किसी भी जलते पदार्थ को बुझा कर ही सोएं।
- घर में हमेशा अग्निशामक पदार्थ जैसे कि पानी, बालू, सूखी मिट्टी, धूल इत्यादि जमा कर रखें।
- हरे पेड़ जैसे केला में अग्नि ताप को कम करने की क्षमता होती है अतः इसे अपने घर के चारों ओर लगाएं।
- सभी लोगों को प्राथमिक उपचार की जानकारी होनी चाहिए।
- सभी लोग आपातकालीन सेवा का फोन नंबर 101 अपने पास अवश्य रखें।
- जलती हुई बीड़ी सिगरेट और माचिस की काठी के खेत खलियान में ना फेंके।
- आग बुझाने के लिए पानी, बालू और सुखी मिटटी, धूल का प्रयोग करें।
- अग्निकांडो की सूचना शीघ्र अतिशीघ्र अग्निशमन पदाधिकारी तक पहुंचाएं ताकि अग्निशमन वाहनों को त्वरित कार्रवाई हेतु भेजा जा सके।
उक्त कार्यक्रम में डीएम के अतिरिक्त, वरीय उप समाहर्त्ता रंजीत कुमार, जिला समादेष्टा सह जिला अग्निशमन पदाधिकारी, बिरेंद्र कुमार, सहायक निदेशक, अल्पसंख्यक कल्याण सुबोध कुमार व अन्य पदाधिकारी, कर्मी, स्थानीय लोग उपस्थित रहें।